सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि इस बाढ़ से केरल की कुल 3.48 करोड़ की आबादी में से 54 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं.
नई दिल्ली: केरल सरकार ने बीते गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि तमिलनाडु सरकार द्वारा मुल्लापेरियार बांध से अचानक पानी छोडा जाना राज्य में बाढ़ आने का एक प्रमुख कारण था.
केरल सरकार ने न्यायालय में दाखिल हलफनामे में कहा कि इस बाढ़ से केरल की कुल करीब 3.48 करोड़ की आबादी में से 54 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं.
राज्य सरकार ने कहा है कि उसके इंजीनियरों द्वारा पहले से सचेत किए जाने के कारण राज्य के जल संसाधन सचिव ने तमिलनाडु सरकार और मुल्लापेरियार बांध की निगरानी समिति को पत्र लिख कर अनुरोध किया था कि जलाशय के जलस्तर को अपने अधिकतम स्तर पर पहुंचने का इंतजार किए बगैर ही इसे छोड़ने की प्रक्रिया नियंत्रित की जाए.
हलफनामे में कहा गया है, ‘तमिलनाडु सरकार से अनुरोध किया गया कि 139 फुट तक धीरे धीरे पानी छोड़ा जाए लेकिन बार बार अनुरोध के बावजूद तमिलनाडु सरकार से इस बारे में कोई सकारात्मक आश्वासन नहीं मिला.’
अचानक ही मुल्लापेरियार बांध से पानी छोड़े जाने ने से हमें इडुक्की जलाशय से अधिक पानी छोड़ने के लिए बाध्य किया गया, जो इस बाढ़ का एक प्रमुख कारण है.
बता दें कि केरल के इडुक्की जिले में थेकडी के निकट पश्चिम घाट पर पेरियार नदी पर मुल्लापेरियार बांध स्थित है.
राज्य सरकार ने कहा है कि ऐसी स्थिति की पुनरावृत्ति रोकने के लिए निगरानी समिति की कमान केन्द्रीय जल आयोग के अध्यक्ष को सौंपी जाए और दोनों राज्यों के सचिवों को इसका सदस्य बनाया जाए.
सरकार ने कहा, ‘इस समिति को बाढ़ या ऐसे ही किसी संकट के समय बहुमत से निर्णय लेने का अधिकार प्रदान किया जाना चाहिए.’
केरल सरकार ने मुल्लापेरियार बांध के रोजाना के संचालन के प्रबंधन के लिए भी एक प्रबंध समिति गठित करने का अनुरोध किया है. राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के 18 अगस्त के निर्देशानुसार इस मामले में यह हलफनामा दाखिल किया है.
वहीं विशेषज्ञों ने कहा है कि बंगाल की खाड़ी में हवा के कम दबाव के दो क्षेत्रों के साथ मिलने और दक्षिण-पूर्व अरब सागर में मॉनसून के जोर पकड़ने के चलते केरल में इस महीने भारी बारिश हुई.
पश्चिमी घाट से लगे तटीय राज्य में अभूतपूर्व बारिश होने से 223 से अधिक लोगों की मौत हुई है. 10 लाख से अधिक लोगों को अपना घर बार छोड़ने को मजबूर होना पड़ा और हज़ारों करोड़ रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है.
वहीं मानसूनी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की विभिन्न घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 373 हो गई है.
मौसम विभाग ने कहा है कि जून और जुलाई में राज्य में सामान्य से क्रमश: 15 फीसदी और 16 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई, जबकि एक अगस्त से 19 अगस्त के बीच 164 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)