बिहार बालिका गृह मामले से जुड़ी जांच की मीडिया रिपोर्टिंग पर पटना हाईकोर्ट ने लगाई रोक

अदालत ने जांच की जानकारी लीक होने को लेकर नाराज़गी जताते हुए मीडिया को इसके प्रकाशन से परहेज करने को कहा है. साथ ही सीबीआई को अगली सुनवाई में जांच अधिकारी के तबादले का कारण बताने का आदेश दिया है.

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बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर स्थित बालिका गृह में बच्चों से बलात्कार मामले का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर. (फोटो साभार: फेसबुक/ट्विटर)

अदालत ने जांच की जानकारी लीक होने को लेकर नाराज़गी जताते हुए मीडिया को इसके प्रकाशन से परहेज करने को कहा है. साथ ही सीबीआई को अगली सुनवाई में जांच अधिकारी के तबादले का कारण बताने का आदेश दिया है.

बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर स्थित बालिका गृह में बच्चों से बलात्कार मामले का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर. (फोटो साभार: फेसबुक/ट्विटर)
बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर स्थित बालिका गृह में बच्चों से बलात्कार मामले का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर. (फोटो साभार: फेसबुक/ट्विटर)

पटना: पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार को मुज़फ़्फ़रपुर बालिकागृह में हुए यौन उत्पीड़न के मामले में हो रही जांच को कवर करने और रिपोर्टिंग से मीडिया को रोक लगा दिया है. इसके अलावा अदालत ने सीबीआई एसपी जेपी मिश्रा के ट्रांसफर पर अंसतोष व्यक्त किया, जो जांच दल का नेतृत्व कर रहे थे.

अदालत ने जांच की जानकारी लीक होने को लेकर भी नाराज़गी जतायी और मीडिया से कहा कि वह इसे प्रकाशित करने से परहेज करे क्योंकि यह जांच के लिए नुकसानदायक हो सकता है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक अदालत ने कहा, ‘जब तक इस मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती, किसी भी स्थिति में सभी प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर इस मामले में रिपोर्टिंग करने से रोका जाता है, विशेष रूप से उस जांच के बारे में जो हो चुकी है या जो होगी, क्योंकि इससे मामले की जांच प्रभावित हो सकती है. राज्य सरकार और सीबीआई दोनों को यह निर्देश दिया जाता है कि सभी लोग इसकी अनुपालना हो… ‘

मीडिया पर रिपोर्टिंग को लेकर लगाई रोक का आदेश
मीडिया पर रिपोर्टिंग को लेकर लगाई रोक का आदेश

रिपोर्टिंग पर लगी रोक के आदेश पर बिहार के एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव और सामाजिक कल्याण सचिव से तुरंत मामले में रिपोर्टिंग से मीडिया को रोकने पर अदालत के आदेश का अनुपालन करने के लिए कहा है.

चीफ जस्टिस मुकेश आर शाह और जस्टिस डॉ. रवि रंजन ने मौखिक आदेश में कहा, ‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब तक हुई के बारे में सील की गयी स्टेटस रिपोर्ट अदालत को नहीं सौंपी  गयी है.  मामले से जुड़ी एक गंभीर शिकायत जांच अधिकारी एसपी जेपी मिश्रा के तबादले से जुड़ी है, जो जांच जांच शुरू होते ही किया  गया…’

अदालत ने छह अगस्त के अपने पूर्ववर्ती आदेश में सीबीआई के एसपी को निर्देश दिया था कि वह एक अधिवक्ता के जरिये इस अदालत के समक्ष पेश हों और जांच की प्रगति के संबंध में एक रिपोर्ट दायर करें.

बता दें कि सीबीआई मुख्यालय की ओर से 21 अगस्त को जारी एक आदेश के जरिये जेपी मिश्रा का तबादला विशेष अपराध शाखा में कर उन्हें पटना स्थित डीआईजी कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है.

गुरुवार को अदालत ने सीबीआई से कहा है कि 27 अगस्त को होने वाली अगली सुनवाई में एसपी मिश्रा के ट्रांसफर का कारण स्पष्ट करे.

बिहार में विपक्षी दलों ने इस फेरबदल की आलोचना की है और आरोप लगाया है कि इससे जांच प्रतिकूल रूप से प्रभावित होगी.

सीबीआई एसपी के ट्रांसफर को लेकर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीटकर नीतीश कुमार पर निशाना साधा.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘बिहार के गवर्नर के बाद अब नीतीश कुमार को सीबीआई के एसपी को ट्रांसफर मिला है. वह पटना हाईकोर्ट में बालिकागृह कांड की प्रगित रिपोर्ट पेश करने वाले थे, मगर अब जांच ‘पटना सर’ के पास पहुंच गई, जिसका जिक्र ब्रजेश ठाकुर की डायरी में है.’

एनडीटीवी की ख़बर के अनुसार, जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता नीरज कुमार ने तेजस्वी के हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मामले की जांच पटना हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों की निगरानी में चल रही है. अगर तेजस्वी यादव को अपनी बात में दम लगता है तो वह अगली सुनवाई के दौरान वकील के जरिए कोर्ट के सामने मामला ला सकते हैं. कोर्ट को अगर सही लगेगा तो वह एसपी जेपी मिश्रा का तबादला रोक सकती है.

मुजफ्फरपुर आश्रयगृह में 34 लड़कियों के यौन उत्पीड़न का मामला मुम्बई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइंसेस की सोशल ऑडिट में प्रकाश में आया था. 

इस सोशल ऑडिट के आधार पर बिहार सामाजिक कल्याण विभाग ने एक प्राथमिकी दर्ज कराई. पीड़ित लड़कियों में से कुछ के गर्भवती होने की भी ख़बर सामने आई थी.

इस मामले में बालिका गृह के संचालक ब्रजेश ठाकुर, जिसका एनजीओ आश्रयगृह संचालित करता था, सहित कुल 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है और मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी. सीबीआई ने मामले की जांच शुरू कर दी है और नए सिरे केस दर्ज किया है.

एक अन्य फरार दिलीप कुमार वर्मा की गिरफ्तारी के लिए इश्तेहार दिए गए हैं और कुर्की की कार्रवाई की जा रही है.

इसी मामले के चलते सामाजिक कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को इस्तीफ़ा भी देना पड़ा था, मामले में विपक्षी पार्टियों ने मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा की संलिप्तता का दावा किया था, जिसे मंजू वर्मा ने ख़ारिज कर दिया था.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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