अपुष्ट सूचनाओं के मुताबिक अपहृत रिश्तेदारों की संख्या 11 हो गई है. हालांकि पुलिस का कहना है कि वह इन मामलों की पुष्टि करने की कोशिश कर रही है.
श्रीनगर: दक्षिण कश्मीर की अलग-अलग जगहों से आतंकवादियों ने सात पुलिसकर्मियों के रिश्तेदारों का अपहरण कर लिया. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला ने पुलिसकर्मियों के रिश्तेदारों के अपहरण की निंदा की है.
अपुष्ट सूचनाओं के मुताबिक अपहृत रिश्तेदारों की संख्या 11 हो गई है. हालांकि पुलिस का कहना है कि वह इन मामलों की पुष्टि करने की कोशिश कर रही है.
पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘दक्षिण कश्मीर में अपहरण की कुछ घटनाओं के बारे में पुलिस को पता चला है. हम विवरणों और परिस्थितियों का पता लगा रहे हैं. उचित समय में इसकी जानकारी सार्वजनिक कर दी जाएगी.’
हालांकि मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों का कहना है कि आतंकवादियों ने गुरुवार रात शोपियां, कुलगाम, अनंतनाग और अवंतीपुरा से कम से कम सात लोगों का अपहरण कर लिया. इन सात लोगों के परिवार के सदस्य जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ काम कर रहे हैं.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा दुनिया भर में वांछित आतंकवादी सैयद सलाहुद्दीन के दूसरे बेटे की कल गिरफ्तारी के बाद आतंकवादियों ने यह कदम उठाया है. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आतंकवादियों ने शोपियां जिले के त्रेंज इलाके से एक पुलिस उपाधीक्षक के रिश्तेदार का अपहरण कर लिया.
अधिकारी ने बताया कि आतंकवादियों ने 26 वर्षीय अदनान अहमद शाह को बृहस्पतिवार रात उसके घर से अगवा कर लिया. वहीं एक अन्य घटना में आतंकवादियों ने एक पुलिस अधिकारी के बेटे को शोपियां के वाथू गांव से अगवा कर लिया.
अधिकारी ने अपहरण के अन्य मामलों की जानकारी नहीं दी. उन्होंने बताया कि आतंकवादियों ने शोपियां में बर्थीपोरा के एक कांस्टेबल के घर को आग लगा देने की भी धमकी दी थी.
उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि पुलिसकर्मियों के करीबियों के अपहरण की घटना घाटी में चिंताजनक स्थिति को दर्शाती है.
उमर ने एक ट्वीट में कहा, ‘11 अपहरण. यह घाटी की चिंताजनक स्थिति को दर्शाता है.’
11 abductions! This is a very worrying reflection of the situation in the valley. What’s worse is the selective outrage – people/leaders who are so vocal about alleged security force excesses are silent about these abductions. https://t.co/8ucs3PWpJc
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 31, 2018
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष ने उन लोगों पर भी हमला बोला जो सुरक्षा बलों की कथित ज्यादतियों पर मुखर होकर बोलते हैं लेकिन अपहरण की घटनाओं पर चुप हैं.
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि आतंकवादियों या सुरक्षाबलों किसी के भी परिवार को उस बात के लिए सजा नहीं दी जानी चाहिए जिस पर उनका बहुत कम नियंत्रण है.
सुरक्षा बलों पर आरोप लगे थे कि दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में चार पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद उन्होंने हिंसात्मक रुख अपनाया और आतंकवादियों से जुड़े कुछ घरों को नुकसान पहुंचाया.
Militants and forces victimising each other’s families is highly condemnable and marks a new low in our situation.Families shouldn’t become casualties and made to suffer for something they have little control over.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 31, 2018
महबूबा ने ट्विटर पर कहा, ‘आतंकवादियों और बलों द्वारा एक-दूसरे के परिवारों को निशाना बनाना बेहद निंदनीय है और यह हमारी स्थिति को और नीचे गिराता है. परिवारों को नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए और उस बात के लिए सजा नहीं दी जानी चाहिए जिस पर उनका बहुत कम नियंत्रण है.’
इसी तरह की एक घटना में एक पुलिसकर्मी के रिश्तेदार को मध्य कश्मीर के गंदेरबाल जिले से अगवा कर लिया गया था और आतंकवादियों ने उसे बेरहमी से पीटने के बाद छोड़ा था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)