जेएनयूएसयू चुनाव: एबीवीपी के हंगामे के बाद मतगणना रोकी गई

एबीवीपी का आरोप है कि उनके मतगणना एजेंट को साइंस स्कूलों में मतगणना शुरू होने की जानकारी नहीं दी गई.

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय. (फोटो: पीटीआई)

एबीवीपी का आरोप है कि उनके मतगणना एजेंट को साइंस स्कूलों में मतगणना शुरू होने की जानकारी नहीं दी गई.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) (फोटो: पीटीआई)
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के हंगामें के बाद जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) चुनाव की मतगणना शनिवार तड़के रोक दी गई.

एबीवीपी का आरोप है कि उनके मतगणना एजेंट को साइंस स्कूलों में मतगणना शुरू होने की जानकारी नहीं दी गई.

जेएनयू चुनाव समिति ने एक बयान में कहा कि उन्होंने मतगणना कुछ समय के लिए रोक दी है लेकिन उन्होंने प्रदर्शन करने वाली पार्टी का नाम उजागर नहीं किया.

वामपंथी छात्र संगठनों के सदस्यों ने एबीवीपी पर हंगामा करने का आरोप लगाया वहीं एबीवीपी ने आरोपों को खारिज किया है.

वामपंथी धड़े के अनुसार, ‘मतगणना प्रक्रिया 14 सितंबर को रात 10 बजे शुरू हुई लेकिन मतगणना कक्ष में जबरन घुसने और सीलबंद मतदान पेटियों तथा मतपत्रों को छीन कर ले जाने की कोशिश होने के बाद मतगणना रोक दी गई.’

उन्होंने दावा किया कि महिलाओं सहित उनके सदस्यों को धमकाया गया. वाम धड़े ने दावा किया कि सुबह करीब चार बजे एबीवीपी ने इंटरनेशनल स्टडीज बिल्डिंग स्कूल के शीशे तोड़ दिए. इसके बाद ईसी ने मतगणना रोक दी.

उन्होंने दावा किया कि एबीवीपी के मतगणना एजेंट को बुलाया गया लेकिन वह समय रहते वहां नहीं पहुंचे. जेएनयू एबीवीपी के अध्यक्ष विजय कुमार ने कहा कि उनके मतगणना एजेंट को नहीं बुलाया गया और वामपंथी छात्र संघठनों के सदस्यों की मौजूदगी में मतगणना शुरू कर की गई.

उन्होंने कहा, ‘ईसी का वामपंथियों के प्रति झुकाव है इसलिए हमने शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया। हमने कोई हंगामा नहीं किया.’ जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) चुनावों में छात्रों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और कुल 67.8 प्रतिशत मतदान हुआ जिसे छह वर्षों में सबसे अधिक माना जा रहा है। इसमें 5,000 से अधिक छात्रों ने मतदान किया.

वाम समर्थित ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई), डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (डीएसएफ) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) इस बार ‘यूनाइटेड लेफ्ट’ गठबंधन बना कर चुनाव लड़ रहे हैं.

वामपंथी धड़े के अलावा एबीवीपी, एनएसयूआई (नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया) और बीएपीएसए (बिरसा आंबेडकर फुले छात्र संघ) के उम्मीदवार मैदान में हैं.