‘इंस्टिट्यूट ऑफ एमिनेंस’ का दर्जा न मिलने से आईआईटी मद्रास निराश, एचआरडी को लिखा पत्र

आईआईटी मद्रास की ओर से कहा गया है कि इंस्टिट्यूट ऑफ एमिनेंस की दौड़ में उसे नज़रअंदाज़ किए जाने का असर छात्र-छात्राओं के मनोबल पर पड़ा है. इंस्टिट्यूट ऑफ एमिनेंस के तहत रिलायंस फाउंडेशन के प्रस्तावित जियो इंस्टिट्यूट को चुना गया है.

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आईआईटी मद्रास. (फोटो साभार: फेसबुक)

आईआईटी मद्रास की ओर से कहा गया है कि इंस्टिट्यूट ऑफ एमिनेंस की दौड़ में उसे नज़रअंदाज़ किए जाने का असर छात्र-छात्राओं के मनोबल पर पड़ा है. इंस्टिट्यूट ऑफ एमिनेंस के तहत रिलायंस फाउंडेशन के प्रस्तावित जियो इंस्टिट्यूट को चुना गया है.

आईआईटी मद्रास. (फोटो साभार: फेसबुक)
आईआईटी मद्रास. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी)- मद्रास ने यूजीसी से अधिकार प्राप्त चयन समिति की सिफ़ारिश के बावजूद देशभर के छह उत्कृष्ट संस्थानों की सूची में ख़ुद को शामिल नहीं किए जाने को लेकर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिख कर निराशा ज़ाहिर की है.

सूत्रों के मुताबिक आईआईटी मद्रास ने दलील दी है कि जिन मानदंडों पर संस्थानों को चयनित किया गया है, उस पर वह खरा उतरता है और उत्कृष्ट संस्थानों की सूची (इंस्टिट्यूट ऑफ एमिनेंस) की दौड़ में उसे नज़रअंदाज़ किए जाने का असर छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के मनोबल पर पड़ा है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बीते नौ जुलाई सरकार की ओर इंस्टिट्यूट आॅफ इमिनेंस के तहत चुने गए संस्थानों की घोषणा के एक महीने बाद ही उद्योगपति और आईआईटी मद्रास के अध्यक्ष पवन गोयनका ने इस संबंध में संस्थान के बोर्ड आॅफ गर्वनेंस के सरोकारों की जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर दे दी थी.

सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों में इंडियन इंस्टिट्यूट आॅफ साइंस (आईआईएससी), आईआईटी मद्रास, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी दिल्ली, दिल्ली विश्वविद्यालय, जाधवपुर विश्वविद्यालय और अन्ना विश्वविद्यालय की सिफ़ारिश इंस्टिट्यूट आॅफ एमिनेंस की तौर पर की गई थी.

इसी तरह निजी क्षेत्र के संस्थानों में बिट्स पिलानी, मणिपाल एकेडमी आॅफ हायर एजुकेशन (एमएएचई) और रिलायंस फाउंडेशन के प्रस्तावित जियो इंस्टिट्यूट की सिफ़ारिश इंस्टिट्यूट आॅफ एमिनेंस की तौर पर की गई थी.

हालांकि कि मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने जुलाई में यह दर्जा सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के तीन-तीन संस्थानों को ही दिया था. इसके तहत इन संस्थानों को ख़ुद को विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय के रूप में तब्दील करने के लिए पूर्ण स्वायत्तता और विशेष प्रोत्साहन राशि मिलेगी.

मंत्रालय अगले पांच साल में सार्वजनिक क्षेत्र के तीन संस्थानों को 1,000 करोड़ रुपये का अनुदान देगा, जबकि निजी संस्थान सरकारी अनुदान प्राप्त नहीं कर सकेंगे.

केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के तहत आने वाले आईआईटी दिल्ली, आईआईटी मुंबई और बेंगलुरु स्थिति इंडियन इंस्टिट्यूट आॅफ साइंस तथा निजी क्षेत्र में आने वाले मणिपाल एकेडमी आॅफ हायर एजुकेशन, बिट्स पिलानी और रिलायंस फाउंडेशन द्वारा स्थापित किए जाने वाले जियो इंस्टीट्यूट को उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा दिया है.

जियो इंस्टीट्यूट को यह दर्जा देने के फैसले की विभिन्न हलकों द्वारा आलोचना की गई है. दरअसल, इस संस्थान की स्थापना होनी अभी बाकी है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार कुछ ख़ास निजी कंपनियों को फायदा पहुंचा रही है.

हालांकि, मंत्रालय ने बाद में स्पष्ट किया कि जियो इंस्टीट्यूट को यह दर्जा सशर्त दिया गया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल इंस्टिट्यूट आॅफ रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) की ओर से लगातार तीन सालों से आईआईटी मद्रास को देश का सबसे बेहतरीन इंजीनियरिंग संस्थान घोषित किया जा रहा है. सभी तरह के पाठ्यक्रमों के मामले में आईआईटी मद्रास की साल 2017 और 2018 में दूसरे स्थान पर था. शीर्ष स्थान पर इंडियन इंस्टिट्यूट आॅफ साइंस (आईआईएससी) है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)