असम: नागरिकता संशोधन विधेयक के ख़िलाफ़ 70 संगठनों का प्रदर्शन, धारा 144 लागू

नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 के आगामी विधानसभा सत्र में पेश होने की संभावना के बीच गुवाहाटी में विभिन्न संगठनों द्वारा इसका विरोध जारी है.

/
Guwahati: Krishak Mukti Sangram Samiti activists stage a protest against the Citizenship Amendment Bill 2016 at Ganeshguri, in Guwahati, Friday, Nov. 16, 2018. (PTI Photo) (PTI11_16_2018_000017B)
Guwahati: Krishak Mukti Sangram Samiti activists stage a protest against the Citizenship Amendment Bill 2016 at Ganeshguri, in Guwahati, Friday, Nov. 16, 2018. (PTI Photo) (PTI11_16_2018_000017B)

नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 के आगामी विधानसभा सत्र में पेश होने की संभावना के बीच गुवाहाटी में विभिन्न संगठनों द्वारा इसका विरोध जारी है.

Guwahati: Krishak Mukti Sangram Samiti activists stage a protest against the Citizenship Amendment Bill 2016 at Ganeshguri, in Guwahati, Friday, Nov. 16, 2018. (PTI Photo) (PTI11_16_2018_000017B)
गुवाहाटी में नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन (फोटो: पीटीआई)

गुवाहाटी: असम में नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 के खिलाफ प्रदेश भर के करीब 70 संगठन शुक्रवार को गुवाहाटी में विरोध प्रदर्शन रहे हैं. इस बीच पुलिस ने कोई तनाव होने की संभावना के चलते धारा 144 लगा दी है.

ये सभी संगठन गुवाहाटी के जनता भवन के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं.

मालूम हो कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 को लोकसभा में नागरिकता अधिनियम 1955 में बदलाव के लिए लाया गया है और असम सहित पूर्वोत्तर के कई राज्यों में इसका विरोध हो रहा है.

विधानसभा के आगामी सत्र में इस संशोधन पर एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट पेश किए जाने की उम्मीद है.

समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार इस प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए असम के विभिन्न हिस्सों से गुवाहाटी पहुंचने के लिए हुई मोटरसाइकिल रैली में हज़ारों लोगों ने भाग लिया. प्रशासन द्वारा किसी भी तरह के तनावपूर्ण स्थिति से बचने के लिए शहर में निषेधाज्ञा लगा दी गयी है.

इस बीच कुछ अपुष्ट ख़बरों के अनुसार विरोध कर रहे संगठनों के नेताओं को हिरासत में भी लिया गया है.

इस प्रदर्शन की अगुवाई कृषक मुक्ति संग्राम समिति कर रहा है. इसके प्रमुख और आरटीआई कार्यकर्ता अखिल गोगोई का कहना कि धारा 144 लागू करके उनके विरोध को दबाने की कोशिश की जा रही है.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक के माध्यम से अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान के हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैन, पारसियों और ईसाइयों को बिना वैध दस्तावेज़ के भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव रखा है.

इसके लिए उनके निवास काल को 11 वर्ष से घटाकर 6 वर्ष कर दिया गया. यानी ये शरणार्थी 6 साल बाद ही भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं.

असम के कई संगठन और नागरिक इसके खिलाफ हैं. इनका दावा है कि यह 1985 के ऐतिहासिक ‘असम समझौते’ के प्रावधानों का उल्लंघन है जिसके मुताबिक 1971 के बाद बांग्लादेश से आए सभी अवैध विदेशी नागरिकों को वहां से निर्वासित किया जाएगा भले ही उनका धर्म कुछ भी हो.

इसके अलावा इस विधेयक को लेकर राज्य की ब्रह्मपुत्र घाटी और बराक घाटी में रहने वाले लोगों के बीच मतभेद है. बंगाली प्रभुत्व वाली बराक घाटी में ज़्यादातर लोग इस विधेयक के पक्ष में हैं जबकि ब्रह्मपुत्र घाटी में लोग इसके विरोध में हैं.

इससे पहले राज्य की सरकार में साझीदार असम गण परिषद (एजीपी) ने भी धमकी दी थी है कि अगर यह विधेयक पास होता है तो वह राज्य की भाजपा सरकार से गठबंधन तोड़ लेगी. एजीपी ने इस विधेयक के ख़िलाफ़ हस्ताक्षर अभियान शुरू किया था.

कांग्रेस भी इस बिल के विरोध में है. कांग्रेस का कहना है कि विधेयक 1985 के असम समझौते की भावना के ख़िलाफ़ है और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को भी प्रभावित करेगा.

भाजपा सांसद राजेन्द्र अग्रवाल की अध्यक्षता वाली 16 सदस्यीय जेपीसी ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर सभी पक्षों से राय जानने के लिए सात मई से नौ मई तक असम का दौरा किया था और आम नागरिकों समेत विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों से विधेयक पर राय ली थी, इसकी रिपोर्ट ही आगामी विधानसभा सत्र में पेश किए किए की उम्मीद है.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq