सीबीआई के डीआईजी का आरोप, राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ जांच में दख़ल दे रहे थे अजीत डोभाल

सीबीआई विवाद: एजेंसी के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ लगे आरोपों की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारी एमके सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, एक राज्यमंत्री और विधि सचिव पर जांच रोकने की कोशिश करने समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

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New Delhi: National Security Adviser (NSA) Ajit Doval gestures as he addresses at a book release function on 'Sardar Patel', in New Delhi on Tuesday, Sept4, 2018. (PTI Photo/Kamal Kishore) (PTI9_4_2018_000122B)
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (फाइल फोटो: पीटीआई)

सीबीआई विवाद: एजेंसी के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ लगे आरोपों की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारी एमके सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, एक राज्यमंत्री और विधि सचिव पर जांच रोकने की कोशिश करने समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

New Delhi: National Security Adviser (NSA) Ajit Doval gestures as he addresses at a book release function on 'Sardar Patel', in New Delhi on Tuesday, Sept4, 2018. (PTI Photo/Kamal Kishore) (PTI9_4_2018_000122B)
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई में चल रहा विवाद ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है. सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार, सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा, सीवीसी और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच हो रही खींचतान के बीच एक अन्य सीबीआई अधिकारी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

सीबीआई के डीआईजी मनीष कुमार सिन्हा ने अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में हुए अपने तबादले को ‘मनमाना और दुर्भावनापूर्ण’ बताते हुए सोमवार को शीर्ष अदालत में इसके खिलाफ याचिका दायर की है.

उनका यह भी आरोप है कि उनका तबादला सिर्फ इस उद्देश्य से हुआ क्योंकि उनके द्वारा की जा रही जांच से कुछ ताकतवर लोगों के खिलाफ सबूत सामने आ गए थे.

ज्ञात हो कि सीबीआई अधिकारी मनीष कुमार सिन्हा राकेश अस्थाना केस की जांच का नेतृत्व कर रहे थे और सीबीआई अधिकारी एके बस्सी के साथ उनका भी तबादला कर दिया गया था.

इस याचिका में उन्होंने एनएसए अजीत डोभाल पर इस मामले की जांच को रोकने की कोशिश करने की भी बात कही है. उन्होंने याचिका में कहा है कि अजीत डोभाल के मनोज प्रसाद और सोमेश प्रसाद से नजदीकी रिश्ते हैं- मनोज और सोमेश का नाम मोईन कुरैशी रिश्वत मामले में बिचौलिए के रूप में सामने आया है.

सिन्हा ने अपनी याचिका में कहा है कि सीबीआई जांच में एक निर्णायक बिंदु पर जांच में दखल देते हुए डोभाल ने विशेष निदेशक राकेश अस्थाना और डीएसपी देवेंद्र कुमार के मोबाइल फोन बतौर सबूत जब्त नहीं करने दिए थे.

इसके अलावा सिन्हा ने इस याचिका में यह भी आरोप लगाया है कि मोईन कुरैशी रिश्वत मामले की जांच कर रहे कुछ विशेष अधिकारियों द्वारा चलाये जा रहे ‘वसूली’ रैकेट द्वारा मोदी कैबिनेट में कोयला और खान राज्यमंत्री हरिभाई पार्थीभाई चौधरी को जून 2018 के पहले पखवाड़े में ‘कुछ करोड़ रुपये’ दिए गए थे.

एनडीटीवी की खबर के मुताबिक सिन्हा ने शीर्ष अदालत में दी अपनी याचिका में कहा कि उनके पास कुछ चौंकाने वाले दस्तावेज हैं, जिन पर तुरंत सुनवाई की ज़रूरत है.  उनकी इस बात पर मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने जल्द सुनवाई से इनकार किया, लेकिन मंगलवार को इस मामले में होने वाली सुनवाई में मौजूद रहने को कहा.

सिन्हा ने इनके अलावा विधि सचिव पर भी आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि विधि सचिव ने सतीश सना को संरक्षण का भरोसा दिलाया. मनीष सिन्हा के आरोपों के घेरे में सीवीसी तक हैं. उन्होंने राकेश अस्थाना मामले की जांच एसआईटी से करवाने की भी मांग की है.

एनडीटीवी की खबर के मुताबिक विधि सचिव और सीवीसी दोनों ने सिन्हा के आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है. केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) केवी चौधरी ने द वायर  से बात करते हुए कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है इसलिए इस बारे में मीडिया से कुछ बोलना उचित नहीं होगा.

द वायर  द्वारा राज्यमंत्री हरिभाई पार्थीभाई चौधरी को भी सवाल भेजे गए हैं, जिनका जवाब आने पर इस खबर को अपडेट किया जायेगा.

मालूम हो कि सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच मचे घमासान के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने बीते 24 अक्टूबर को दोनों को छुट्टी पर भेज दिया था. दोनों अधिकारियों ने एक-दूसरे के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं.

हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में मीट कारोबारी मोईन क़ुरैशी को क्लीनचिट देने में कथित तौर पर घूस लेने के आरोप में सीबीआई ने बीते दिनों अपने ही विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कराई गई थी. अस्थाना पर आरोप है कि उन्होंने मोईन क़ुरैशी मामले में हैदराबाद के एक व्यापारी से दो बिचौलियों के ज़रिये पांच करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी.

जिसके बाद राकेश अस्थाना ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा पर ही इस मामले में आरोपी को बचाने के लिए दो करोड़ रुपये की घूस लेने का आरोप लगाया. दोनों अफसरों के बीच मची रार सार्वजनिक हो गई तो केंद्र सरकार ने दोनों अधिकारियों को छुट्टी पर भेज दिया. साथ ही अस्थाना के ख़िलाफ़ जांच कर रहे 13 सीबीआई अफसरों का भी तबादला कर दिया गया था.

सुप्रीम कोर्ट ने बीते 26 अक्टूबर को केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) से कहा था कि सुप्रीम कोर्ट जज की निगरानी में वह निदेशक आलोक वर्मा के ख़िलाफ़ लगाए गए आरोपों की जांच दो हफ्ते में पूरी करे.

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