योगी के मंत्री बोले, कुंभ पर हज़ारों करोड़ ख़र्च लेकिन दिव्यांग बच्चों के स्कूल का बजट नहीं

यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा, 'कुंभ के जरिये लोकसभा चुनाव के लिए ब्रांडिंग की जा रही है. कुंभ में हज़ारों करोड़ ख़र्च किया जा रहा है, जबकि राज्य सरकार के पास दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के लिए बजट नहीं है.'

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यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा, ‘कुंभ के जरिये लोकसभा चुनाव के लिए ब्रांडिंग की जा रही है. कुंभ में हज़ारों करोड़ ख़र्च किया जा रहा है, जबकि राज्य सरकार के पास दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के लिए बजट नहीं है.’

OP Rajbhar Yogi Twitter PTI
उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फोटो: ट्विटर/पीटीआई)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने भाजपा के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार पर एक बार फिर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि राज्य सरकार कुंभ के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च कर रही है लेकिन सभी जनपदों में दिव्यांग बच्चों के लिये स्कूल खोलने को उसके पास बजट ही नहीं है.

प्रदेश सरकार में भाजपा की साझीदार सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री राजभर ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा, ‘2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए ही मंदिर मुददे को हवा दी जा रही है. कुंभ के जरिये लोकसभा चुनाव के लिए ब्रांडिंग की जा रही है. कुंभ में हजारों करोड़ का बजट खर्च किया जा रहा है, जबकि दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के लिये बजट मांगता हूं तो बजट नहीं है. उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में केवल 16 दिव्यांग विद्यालय हैं.’

ज्ञात हो कि राजभर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री हैं. एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘अब भला प्रदेश के डेढ़ करोड़ दिव्यांग बच्चे इन 16 स्कूलों में कैसे पढ़ेंगे. सभी जनपदों में विद्यालय खोलने के लिए बजट मांगता हूं तो बजट नहीं है. हम इस बारे में बोलते हैं तो कहते हैं कि हम विरोध में बोलते हैं.’

इस बीच उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल से जब इस मामले में प्रतिक्रिया देने को कहा गया तो उन्होंने कहा, ‘इस बारे में मुख्यमंत्री से सवाल करिए. मैं एक मंत्री हूं और उनके (राजभर के) ही समान हूं. इसलिए अपने समकक्ष मंत्री के सवाल का जवाब देने के लिए मैं उपयुक्त नही हूं.’

राजभर ने रविवार को कहा था कि उनकी पार्टी भाजपा से नाता जोड़े रखने को लेकर सही समय पर निर्णय लेगी.

अपनी ही सरकार पर लगातार हमले कर रहे राजभर ने भाजपा की तरफ से खुद पर हुए पलटवार के बारे में सोमवार को कहा, ‘समय बताएगा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में हम एक साथ रहेंगे या नहीं.’

उन्होंने कहा, ‘वैसे हम भाजपा के साथ हैं. मगर गलत बात को हमेशा गलत कहते रहेंगे. हम अपनी पार्टी का संगठन बढ़ा रहे हैं. चुनाव आएगा तो देखा जाएगा. हम सही समय पर फैसला लेंगे.’

राजभर से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय के उस बयान के बारे में सवाल किया गया था, जिसमें उन्होंने राजभर को ‘आवश्यक बुराई’ करार देते हुए कहा था कि वह उन्हें ढो रहे हैं.

प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री राजभर ने कहा, ‘हमें अनावश्यक क्यों ढो रहे हैं, हिम्मत हो तो हटा दें. सरकार को पिछड़ों के कल्याण का एक भी काम करने की फुरसत नहीं है. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राज्य सरकार से सुभासपा को एक कार्यालय भवन आवंटित करने को कहा था, मगर नहीं दिया गया. साथ ही विभिन्न शासकीय निगमों में से एक अध्यक्ष दो उपाध्यक्ष पद देने को कहा था, वह भी नहीं हुआ. जाहिर है कि वह हमें अनावश्यक ही ढो रहे हैं.’

विश्व हिंदू परिषद तथा कुछ अन्य संगठनों द्वारा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिये कानून बनाने की मांग किये जाने के बारे में पूछे जाने पर राजभर ने कहा कि यह सिर्फ भावनाएं भड़काकर वोट लेने की साजिश है. जब मामला न्यायालय में विचाराधीन है तो फिजूल की बातें क्यों की जा रही हैं.

मालूम हो कि यह पहली बार नहीं है जब राजभर ने उत्तर प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा किया हो. योगी आदित्यनाथ द्वारा शहरों के नाम बदलने के सरकार के निर्णय की राजभर ने खूब आलोचना करते हुए कहा था कि ये सब ड्रामा है और ये सब करके पिछड़ों और वंचितों के मुद्दों को दबाया जा रहा है.

उन्होंने कहा था कि नाम बदलने को लेकर खर्च की जा रही धनराशि जन कल्याण से जुड़ी योजनाओं पर खर्च की जाती, तो देश के हालात में बदलाव आता.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)