राजस्थान: टिकट न मिलने से नाराज़ ज्ञानदेव आहूजा भाजपा में लौटे, बने प्रदेश उपाध्यक्ष

अलवर के रामगढ़ से विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा टिकट न दिए जाने के बाद पार्टी छोड़कर जयपुर के सांगानेर से निर्दलीय प्रत्याशी के बतौर नामांकन दाख़िल किया था.

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भाजपा के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा. (फोटो साभार: फेसबुक)

अलवर के रामगढ़ से विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा टिकट न दिए जाने के बाद पार्टी छोड़कर जयपुर के सांगानेर से निर्दलीय प्रत्याशी के बतौर नामांकन दाख़िल किया था.

विधायक ज्ञानदेव आहूजा. (फोटो साभार: फेसबुक)
विधायक ज्ञानदेव आहूजा. (फोटो साभार: फेसबुक)

जयपुर: अपने विवादित बयानों के लिए राजस्थान के चर्चित विधायक ज्ञानदेव आहूजा को भाजपा आलाकमान ने मना लिया है.

रामगढ़ से मौजूदा विधायक आहूजा आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने को लेकर पार्टी से नाराज़ हो गए थे और पार्टी छोड़कर जयपुर के सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के बतौर नामांकन दाखिल किया था.

एनडीटीवी की ख़बर के अनुसार, बुधवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मुलाकात के बाद आहूजा की नाराजगी दूर हुई और उन्होंने अपना निर्दलीय नामांकन वापस ले लिया है.

आहूजा को अब राजस्थान का प्रदेश उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है. बीते रविवार आहूजा ने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया था.

पार्टी छोड़ने के बाद आहूजा ने कहा था, ‘पार्टी द्वारा अलवर के रामगढ़ से अन्य उम्मीदवार को टिकट दिए जाने के बाद मैंने जयपुर के सांगानेर से टिकट मांगा था, लेकिन पार्टी ने मेरी मांग नहीं मानी, इसलिये मैंने सांगानेर से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का निर्णय किया है.’

2013 के विधानसभा चुनाव में सांगानेर से भाजपा के वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी ने जीत दर्ज की थी. इस बार तिवाड़ी ने मुख्यमंत्री के साथ मनमुटाव के चलते पार्टी छोड़कर नई पार्टी का गठन किया है.

पार्टी छोड़ने के बाद आहूजा ने कहा था कि वह गोरक्षा, राम जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण और हिंदुत्व के मुद्दों पर वह चुनाव लड़ेंगे.

आहूजा अपने विवादित बयानों के लिए चर्चा में बने रहते हैं. आहूजा 2016 में उस वक़्त चर्चा में आए थे, जब उन्होंने कहा था कि दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में 3000 कंडोम, गर्भपात की दवाइयां और सैकड़ों शराब की बोतल कैंपस में बरामद होती है.

गो-तस्करी को लेकर आहूजा ने कहा था, ‘गोकशी और गो-तस्करी करने वाले मारे जाएंगे.’ पिछले साल दिसंबर में उन्होंने ये बयान कथित तौर पर गो-तस्करी को लेकर जमकर पीटे गए एक व्यक्ति को लेकर दिया था.

उन्होंने कहा था, ‘मेरा तो सीधा-सीधा कहना है कि अगर गोकशी या गो-तस्करी करोगे तो यूं ही मरोगे.’

ज्ञात हो कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों द्वारा नाम वापस लेने की अवधि गुरुवार को समाप्त हो गई. निर्वाचन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नाम वापसी की दो दिन की समय अवधि में कुल मिलाकर 579 उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस ले लिया.

भाजपा नेता भवानी सिंह राजावत ने भी अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली है. कांग्रेस के रामचंद्र सरदार ने वरिष्ठ पार्टी के नेताओं के साथ वार्ता के बाद चुनाव लड़ने का फैसला रद्द कर दिया है.

19 नवंबर तक कुल 3293 उम्मीदवारों ने 4285 नामांकन दाखिल किए. इनमें से 612 नामांकन विभिन्न कारणों से खारिज कर दिए गए. राज्य की 200 विधानसभा सीटों के लिए 7 दिसंबर को मतदान होना है.