सीआईसी के आदेश के बावजूद पीएमओ ने विदेश से लाए गए काले धन के बारे में सूचना देने से किया इनकार

बीते 16 अक्टूबर को केंद्रीय सूचना आयोग ने प्रधानमंत्री कार्यालय को 2014 से 2017 के बीच केंद्रीय मंत्रियों के ख़िलाफ़ मिली भ्रष्टाचार की शिकायतों, उन पर की गई कार्रवाई और विदेश से लाए गए कालेधन के बारे में जानकारी देने का आदेश दिया था.

New Delhi: Prime Minister Narendra Modi during BJP Parliamentary Party meeting, in New Delhi on Tuesday, July 31, 2018. (PTI Photo/Atul Yadav)(PTI7_31_2018_000078B)
New Delhi: Prime Minister Narendra Modi during BJP Parliamentary Party meeting, in New Delhi on Tuesday, July 31, 2018. (PTI Photo/Atul Yadav)(PTI7_31_2018_000078B)

बीते 16 अक्टूबर को केंद्रीय सूचना आयोग ने प्रधानमंत्री कार्यालय को 2014 से 2017 के बीच केंद्रीय मंत्रियों के ख़िलाफ़ मिली भ्रष्टाचार की शिकायतों, उन पर की गई कार्रवाई और विदेश से लाए गए कालेधन के बारे में जानकारी देने का आदेश दिया था.

New Delhi: Prime Minister Narendra Modi during BJP Parliamentary Party meeting, in New Delhi on Tuesday, July 31, 2018. (PTI Photo/Atul Yadav)(PTI7_31_2018_000078B)
(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के एक प्रावधान का हवाला देते हुए विदेश से लाए गए काले धन के बारे में ब्यौरा देने से इनकार कर दिया है.

पीएमओ ने जानकारी देने से इनकार करते हुए आरटीआई के उस प्रावधान का हवाला दिया जिसमें सूचना का खुलासा करने से जांच और दोषियों के खिलाफ मुकदमा चलाने में बाधा उत्पन्न हो सकती है.

केंद्रीय सूचना आयोग ने 16 अक्टूबर को एक आदेश पारित किया था जिसमें पीएमओ से 15 दिनों के भीतर काले धन का ब्यौरा मुहैया कराने के लिए कहा गया था. इसी के जवाब में पीएमओ ने सूचना देने से इनकार कर दिया.

भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए ख्यात सरकारी अधिकारी संजीव चतुर्वेदी के आरटीआई आवेदन के जवाब में पीएमओ ने कहा, ‘आरटीआई कानून की धारा 8 (1) (एच) के तहत छूट के प्रावधान के मुताबिक इस समय सरकार द्वारा दोषियों के खिलाफ किए गए सभी कार्यों/प्रयासों का खुलासा जांच या धर-पकड़ या मुकदमे की पूरी प्रक्रिया में बाधा डाल सकता है.’

पीएमओ ने कहा कि ऐसी जांच विभिन्न सरकारी खुफिया और सुरक्षा संगठनों के दायरे में आती है जिन्हें आरटीआई अधिनियम के दायरे से बाहर रखा गया है.

PMO Reply Black Money
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा दिया गया जवाब

भारतीय वन सेवा (आईएफओएस) के अधिकारी चतुर्वेदी ने एक जून 2014 के बाद से विदेश से लाए गए काले धन की मात्रा के बारे में जानने के लिए एक आरटीआई आवेदन दायर किया था.

आरटीआई आवेदन के प्रारंभिक जवाब में प्रधानमंत्री कार्यालय ने पिछले साल अक्तूबर में कहा था कि मांगी गई जानकारी सूचना को परिभाषित करने वाले इस पारदर्शिता कानून की धारा 2 (एफ) के दायरे में नहीं है.

इसके बाद चतुर्वेदी ने केंद्रीय सूचना आयोग का रुख किया, जहां पिछले महीने पीएमओ से 15 दिनों के भीतर सूचना मुहैया कराने को कहा गया था.

ऐसे में इस समय भारत में और विदेश से लाए गए काले धन की मात्रा पर कोई आधिकारिक आकलन उपलब्ध नहीं है.

अमेरिका स्थित थिंक टैंक ग्लोबल फाइनेंशियल इंटेग्रिटी (जीएफआई) के एक अध्ययन के मुताबिक, एक अनुमान के मुताबिक भारत में वर्ष 2005-2014 के बीच 770 अरब अमेरिकी डॉलर के काले धन का प्रवेश हुआ.

PMO RTI reply
पीएमओ ने केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों के बारे में भी जानकारी देने से इनकार कर दिया था.

वैश्विक वित्तीय निगरानी संस्था ने बताया कि इसी समय के दौरान देश से करीब 165 अरब अमेरिकी डॉलर की अवैध राशि बाहर भेजी गई.

चतुर्वेदी के आवेदन पर एक अन्य सवाल का उल्लेख करते हुए जवाब दिया गया है. इसमें पीएमओ ने केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ प्राप्त भ्रष्टाचार की शिकायतों का ब्यौरा साझा करने से इनकार किया और कहा कि ऐसी जानकारी प्रदान करना ‘व्यक्तिपरक और साथ ही काफी कठिन काम भी हो सकता है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25