सुप्रीम कोर्ट की कर्नाटक सरकार को फटकार, पूछा- कलबुर्गी हत्याकांड की जांच कब तक पूरी होगी

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर ये बताने को कहा है कि जांच कब तक पूरी होगी? कोर्ट ने कहा कि अब तक जांच में कुछ नहीं हुआ है.

एमएम कलबुर्गी. (फोटो साभार: ट्विटर/@prajavani)

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर ये बताने को कहा है कि जांच कब तक पूरी होगी? कोर्ट ने कहा कि अब तक जांच में कुछ नहीं हुआ है.

एमएम कलबुर्गी. (फोटो साभार: ट्विटर/@prajavani)
एमएम कलबुर्गी. (फोटो साभार: ट्विटर/@prajavani)

नई दिल्ली: लेखक और तर्कवादी एमएम कलबुर्गी हत्याकांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को फटकार लगाई है.

एनडीटीवी की खबर के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर ये बताने को कहा है कि जांच कब तक पूरी होगी. कोर्ट ने कहा कि अब तक जांच में कुछ नहीं हुआ है. अब दो हफ्ते बाद कोर्ट में इस मामले में सुनवाई होगी.

एमएम कलबुर्गी की पत्नी उमा देवी की याचिका याचिका पर सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वे इस याचिका को निगरानी के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में भेज सकते हैं.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार समेत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी किया था.

तर्कवादी एमएम कलबुर्गी की अगस्त 2015 में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी.

कलबुर्गी की पत्नी उमा देवी कलबुर्गी का आरोप है कि इस हत्याकांड की जांच में अभी तक कोई विशेष प्रगति नहीं हुई है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि उनके पति और बौद्धिक तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर और गोविंद पानसरे की हत्या में बहुत अधिक समानता है.

नरेंद्र दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को पुणे में ओर गोविंद पानसरे की 16 फरवरी 2015 को कोल्हापुर में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी.

कलबुर्गी की पत्नी ने याचिका में कहा है कि दाभोलकर और पानसरे हत्याकांड की जांच की प्रगति भी संतोषजनक नहीं है और हत्यारों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है.

याचिका में कहा गया है कि 2016 में कर्नाटक के तत्कालीन गृहमंत्री ने एक बयान में दावा किया था कि घटनास्थल से बरामद कारतूसों के फॉरेंसिक विश्लेषण से पता चलता है कि तीनों हत्याओं में परस्पर संबंध है.

यह भी आरोप लगाया गया है कि पानसरे की हत्या में प्रयुक्त एक हथियार का इस्तेमाल कलबुर्गी की हत्या में भी इस्तेमाल हुआ था. इसलिए महाराष्ट्र और कर्नाटक पुलिस के अलावा सीबीआई और एनआईए के बीच सामंजस्य की आवश्यकता है.

हंपी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और जाने-माने विद्वान कलबुर्गी की 30 अगस्त, 2015 को कर्नाटक के धारवाड़ के कल्याण नगर स्थित उनके आवास में ही गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित कालबुर्गी 77 वर्ष के थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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