जाने-माने इतिहासकार और जामिया के पूर्व कुलपति मुशीरुल हसन का निधन

मुशीरुल हसन को विभाजन और दक्षिण एशिया में इस्लाम के इतिहास को लेकर किए गए उनके काम के लिए जाना जाता है. इसके लिए उन्हें पद्मश्री समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया.

/
मुशीरुल हसन,(फोटो साभार: यूट्यूब/ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस)

मुशीरुल हसन को विभाजन और दक्षिण एशिया में इस्लाम के इतिहास को लेकर किए गए उनके काम के लिए जाना जाता है. इसके लिए उन्हें पद्मश्री समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया.

मुशीरुल हसन,(फोटो साभार: यूट्यूब/ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस)
मुशीरुल हसन,(फोटो साभार: यूट्यूब/ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस)

नई दिल्ली: जाने-माने इतिहासकार और जामिया मिलिया इस्लामिया के पूर्व कुलपति मुशीरुल हसन का सोमवार सुबह निधन हो गया. वह तकरीबन 70 साल के थे और चार वर्ष पहले हुए एक सड़क हादसे के बाद सेहत संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे.

हसन को बीते रविवार रात राजधानी के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. उन्होंने तड़के चार बजे अंतिम सांस ली.

उनके पूर्व सचिव जफर नवाज हाशमी ने बताया, ‘वह एक सड़क हादसे के बाद से बिस्तर पर ही थे. किडनी संबंधी समस्याओं के कारण उनका डायलिसिस किया जा रहा था.’

उन्होंने बताया, ‘सेहत संबंधी कुछ जटिलताओं की वजह से उन्हें आधी रात को अस्पताल ले जाया गया जहां सोमवार सुबह उनका निधन हो गया.’

परिवार के लोगों ने बताया कि उनका नमाज ए जनाजा एक बजे बाबुल इल्म में और दो बजे जामिया मस्जिद में किया गया.

यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता ने बताया, ‘उन्हें जामिया परिसर में बने कब्रिस्तान में दफनाया गया.’

उन्हें विभाजन और दक्षिण एशिया में इस्लाम के इतिहास को लेकर किए गए उनके काम के लिए जाना जाता है. अपने काम के लिए हसन ने 2007 में पद्मश्री और ऑर्ड्रे डेस पाल्म्स अकादमी समेत कई पुरस्कार जीते.

मुशीरुल हसन साल 2004 से 2009 तक जामिया मिलिया इस्लामिया में कुलपति रहे.

वह भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार के महानिदेशक, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज के उपाध्यक्ष और इंडियन हिस्ट्री कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है. अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा, ‘प्रसिद्ध विद्वान और लेखक मुशीरुल हसन जी के निधन के बारे में जानकर आश्चर्य हुआ. जामिया मिलिया इस्लामिया में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा. 

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने हसन के निधन को अकादमिक क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी क्षति बताया.

वहीं माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्विटर पर लिखा, ‘एक इतिहासकार, एक शिक्षक, एक कुलपति, एक पुरातात्विक: मुशीरुल हसन ने हमारी समेकित संस्कृति और शिक्षा के सभी अच्छे गुणों को समायोजित किया. उनका काम और उनकी किताबें हमें हमेशा जागरुक करती रहेंगी. इस शोक की घड़ी में हम प्रोफेसर जोया हसन और उनके परिवार के साथ हैं.’

जाने माने इतिहासकार इरफ़ान हबीब ने लिखा, ‘यह बहुत दुखद ख़बर है. वो आधुनिक भारतीय इतिहास के सबसे शानदार इतिहासकारों में से एक थे. एक भयानक दुर्घटना के बाद पिछले कुछ वर्षों में उनकी सेहत में धीरे-धीरे गिरावट आई.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25