जेएनयू राजद्रोह मामला: कन्हैया, उमर और ​अनि​र्बान के ख़िलाफ़ पुलिस जल्द दाख़िल करेगी चार्जशीट

साल 2016 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुए एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर देशविरोधी नारे लगाने को लेकर राजद्रोह के आरोपों में कन्हैया कुमार, उमर ख़ालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को गिरफ़्तार किया गया था.

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साल 2016 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुए एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर देशविरोधी नारे लगाने को लेकर राजद्रोह के आरोपों में कन्हैया कुमार, उमर ख़ालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को गिरफ़्तार किया गया था.

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उमर ख़ालिद और कन्हैया कुमार. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस तीन साल पहले जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और उमर ख़ालिद तथा अनिर्बान भट्टाचार्य समेत अन्य कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ राजद्रोह मामले में आरोप पत्र को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है.

पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने घटना के संबंध में कन्हैया कुमार, उमर ख़ालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को मुख्य आरोपी बनाया है. घटना के वक़्त कन्हैया कुमार जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष थे.

सूत्रों ने बताया कि जल्द ही यह चार्जशीट पटियाला हाउस कोर्ट में पेश की जाएगी.

साल 2016 में संसद हमले के दोषी अफ़ज़ल गुरु के संबंध में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में हुए एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगाने को लेकर राजद्रोह के आरोपों में कन्हैया कुमार, उमर ख़ालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को गिरफ्तार किया गया था.

इस मामले में वसंत कुंज नॉर्थ थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. बाद में आरोपितों को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी.

इन गिरफ्तारियों पर काफी विवाद पैदा हुआ था. विपक्ष ने यह कहते हुए पुलिस की आलोचना की थी कि वह ‘सत्तारूढ़ भाजपा की तरफ से काम कर रही है.’

एक पुलिस अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया, ‘आरोप पत्र को अंतिम रूप दिया जा रहा है और इसे जल्द ही दाखिल कर दिया जाएगा. आरोपपत्र में आठ कश्मीरी छात्रों के नाम भी शामिल हैं.’

उन्होंने बताया कि इसमें से दो जेएनयू के छात्र हैं, दो जामिया मिलिया इस्लामिया और एक अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का छात्र है. एक मुरादनगर में डॉक्टर है और दो अन्य छात्र हैं.

गिरफ्तारी के बाद कन्हैया कुमार सुर्खियों में आ गए थे और इसके बाद देशभर में प्रदर्शन हुए थे. कई लोगों ने इसे बोलने की आजादी पर पाबंदी लगाने वाला कदम बताया था.

इस कार्यक्रम के दौरान उमर ख़ालिद और अनिर्बान ने लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से आमंत्रित किया था और काफी कार्यक्रम किए थे. दिल्ली पुलिस उस समय 40 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया था, लेकिन बाद में उनके खिलाफ कोई खास सबूत नहीं मिल सके थे.

ख़ालिद के करीबी सूत्रों ने बताया कि उन्हें मीडिया में आई खबरों के जरिए आरोप पत्र के मसौदे के बारे में पता चला और यह पता चला कि उसे अगले सप्ताह या उसके बाद अंतिम रूप दिया जा सकता है.

छात्रनेता शेहला राशिद ने कहा कि यह भाजपा का ‘भूला हुआ ट्रंप कार्ड’ है. उन्होंने कहा, ‘जब भाजपा राष्ट्र-विरोधी कार्ड खेलती है तो वह असम, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में चुनाव जीतती है. अब राज्य विधानसभा चुनावों में हार का सामना करने के बाद भाजपा 2019 के लिए भूले बिसरे ट्रंप कार्ड निकाल रही है क्योंकि किसानों के मुद्दे, अर्थव्यवस्था पर वह जीरो है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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