सबरीमला मंदिर में दो महिलाओं ने किया प्रवेश, शुद्धिकरण के लिए मंदिर बंद

सबरीमला में महिलाओं के प्रवेश के बाद भाजपा ने राज्य में शुरू किया विरोध प्रदर्शन. दो मंत्रियों को दिखाए गए काले झंडे. पिछले साल 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सभी आयुवर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने का आदेश दिया था.

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Sabarimala: Devotees enter the Sabarimala temple as it opens amid tight security, in Sabarimala, Friday, Nov. 16, 2018. (PTI Photo) (Story no. MDS18) (PTI11_16_2018_000138B)
Sabarimala: Devotees enter the Sabarimala temple as it opens amid tight security, in Sabarimala, Friday, Nov. 16, 2018. (PTI Photo) (Story no. MDS18) (PTI11_16_2018_000138B)

सबरीमला में महिलाओं के प्रवेश के बाद भाजपा ने राज्य में शुरू किया विरोध प्रदर्शन. दो मंत्रियों को दिखाए गए काले झंडे. पिछले साल 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सभी आयुवर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने का आदेश दिया था.

Sabarimala: Devotees enter the Sabarimala temple as it opens amid tight security, in Sabarimala, Friday, Nov. 16, 2018. (PTI Photo) (Story no. MDS18) (PTI11_16_2018_000138B)
सबरीमला मंदिर. (फोटो: पीटीआई)

तिरुवनन्तपुरम: केरल के सबरीमला स्थित अयप्पा मंदिर में बुधवार तड़के 44 और 42 वर्ष दो महिलाओं ने प्रवेश किया. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘यह सच है कि महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश किया.’

पारंपरिक काले परिधान पहने और सिर ढंककर कनकदुर्गा (44) और बिंदु (42) बुधवार को तड़के 3.38 बजे मंदिर पहुंचीं. पुलिस ने विरोध प्रदर्शनों की आशंका के कारण दोनों महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराई है.

मंदिर में प्रवेश करने वाली एक महिला बिंदु कॉलेज में लेक्चरर और भाकपा (माले) की कार्यकर्ता हैं. वह कोझिकोड जिले के कोयिलैंडी की रहने वाली हैं. दूसरी महिला कनकदुर्गा मलप्पुरम के अंगदीपुरम में एक नागरिक आपूर्तिकर्मी हैं.

इससे पहले दोनों महिलाओं ने 24 दिसंबर को भी मंदिर में प्रवेश की कोशिश की थी, लेकिन विरोध के कारण उन्हें लौटना पड़ा था.

चेन्नई के एक संगठन ने 11 महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया था और अयप्पा मंत्रोच्चारण कर रहे श्रद्धालुओं ने उन्हें वहां से लौटा दिया था.

मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बताया कि बुधवार की सुबह सबरीमला मंदिर में प्रवेश कर भगवान अयप्पा के दर्शन करने वाली महिलाओं को मंदिर जाते समय रास्ते में पुलिस ने सुरक्षा प्रदान की थी.

विजयन ने पत्रकारों से कहा, ‘पहले महिलाएं कुछ अवरोधों के कारण मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाई थीं. वे आज शायद इसलिए मंदिर के अंदर जा पाईं क्योंकि उन्हें परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ा. तथ्य यह है कि महिलाओं ने सबरीमला मंदिर में प्रवेश किया. पुलिस ने उन्हें सुरक्षा दी थी.’

मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के बाद मुख्य पुजारी ने ‘शुद्धिकरण’ समारोह के लिए मंदिर के गर्भ गृह को बंद करने का फैसला किया है. मंदिर को तड़के तीन बजे खोला गया था और ‘शुद्धिकरण’ के लिए उसे सुबह साढे 10 बजे बंद कर दिया गया.

मंदिर आमतौर पर दोपहर साढ़े 12 बजे बंद होता है.

‘शुद्धिकरण’ की प्रक्रिया के कारण श्रद्धालुओं को मंदिर से बाहर जाने को कहा गया है. इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद मंदिर को खोला जाएगा.

गौरतलब है कि पिछले साल 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सभी आयुवर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने का आदेश दिया था. इसके बावजूद विभिन्न श्रद्धालुओं और दक्षिणपंथी संगठनों के विरोध के कारण कोई बच्ची या युवा महिलाएं मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाई थीं.

माकपा नीत एलडीएफ सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने का फैसला किया. इसके बाद से मंदिर में 10 से 50 साल आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.

कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूडीएफ और भाजपा इस आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे हैं.

माकपा के राज्य सचिव कोडियेरी बालाकृष्णन ने मीडिया को बताया कि दो महिलाओं ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार मंदिर में प्रवेश किया है और मंदिर बंद करना न्याय के खिलाफ कदम है.

बालाकृष्णन ने कहा, ‘लोगों को इस बदलाव को वास्तविकता के रूप में स्वीकार करना चाहिए.’

इधर, तिरुवनंतपुरम में पुलिस सूत्रों ने पुलिस महानिदेशक लोकनाथ बेहरा का हवाला देते हुए कहा कि सबरीमला में महिलाओं के प्रवेश के संबंध में जानकारी एकत्र की जा रही है.

मंदिर का द्वार 30 दिसंबर को मकरविल्लकु उत्सव के लिए खोला गया था और बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे थे. त्रावणकोर देवाश्म बोर्ड (टीडीबी) के अध्यक्ष ए. पद्मकुमार ने कहा कि उन्हें मंदिर में दो महिलाओं के पूजा-अर्चना करने की कोई जानकारी नहीं है.

उन्होंने कहा कि महिलाओं के दावे की पुष्टि के लिए टीडीबी अधिकारियों को सीसीटीवी फुटेज देखने को कहा गया है.

भाजपा कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन, दो मंत्रियों को दिखाए काले झंडे

सबरीमला में भगवान अयप्पा के मंदिर में 42 वर्ष और 44 वर्ष की उम्र की दो महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ केरल के विभिन्न हिस्सों में बुधवार को प्रदर्शन हुए. पुलिस ने यह जानकारी दी.

भाजपा कार्यकर्ताओं ने गुरुवयूर में एक समारोह में भाग लेने पहुंचे देवाश्म ओम मंत्री कडकमपल्ली सुरेंद्रन को काले झंडे दिखाए.

स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा को भी युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं की नाराज़गी का शिकार होना पड़ा. पार्टी की युवा शाखा ने कन्नूर में उन्हें काले झंडे दिखाए.

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाया.

भाजपा कार्यकर्ताओं ने राज्य की राजधानी में भी विरोध में मार्च निकाला. उन्होंने कासरगोड में राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बाधित किया.

तृप्ति देसाई ने सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का स्वागत किया

सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने बुधवार को केरल में सबरीमला स्थित अयप्पा मंदिर में दो महिलाओं के प्रवेश करने का स्वागत किया और इसे ‘समानता की जीत’ करार दिया.

देसाई इस मंदिर में प्रार्थना के लिए 16 नवंबर को छह अन्य महिलाओं के साथ सबरीमला पहुंची थीं लेकिन उन्हें कोच्चि हवाई अड्डे से ही लौटा दिया गया था.

भूमाता ब्रिगेड की संस्थापक देसाई ने भगवान अयप्पा के मंदिर में दो महिलाओं के प्रवेश कर जाने पर कहा, ‘यह हमारे आंदोलन के लिए एक बड़ी जीत है. यह समानता की जीत है। यह नए साल में महिलाओं के लिए अच्छी शुरुआत है.’

उन्होंने कहा, ‘महिलाओं के प्रवेश का विरोध करने वालों ने चुनौती दी थी कि 10 साल से 50 साल तक की उम्र की कोई भी महिला सन्निधानम तक नहीं पहुंच पाएगी. उनका आंदोलन अब विफल हो गया.’

उन्होंने कहा कि मंदिर प्रशासन को सभी उम्र वर्ग की महिलाओं को अयप्पा मंदिर में प्रार्थना करने देना चाहिए. वह अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों और भीड़ के चलते 20 जनवरी से पहले इस मंदिर में नहीं जा पाएंगी. मंदिर 20 जनवरी को बंद हो जाएगा, लेकिन जब यह मंदिर फिर खुलेगा तो वह वहां जाएंगी.

केरल के ‘वीमन वॉल’ अभियान के समर्थन में मुंबई में महिलाओं ने बनाई मानव श्रृंखला

लैंगिक समानता और समान मूल्यों को बनाए रखने के लिए केरल में बनाई गई ‘वीमेन वॉल’ (महिलाओं द्वारा बनाई श्रृंखला) के समर्थन में मुंबई की 1,000 से अधिक महिलाओं ने मानव श्रृंखला बनाई.

इससे पहले केरल में मंगलवार को 35 लाख से अधिक महिलाओं ने कासरगोड के उत्तरी क्षेत्र से राज्य के दक्षिणी छोर तक करीब 620 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाई थी.

केरल में बीते दिनों महिलाओं द्वारा बनाई गई वीमन वॉल. (फोटो साभार: फेसबुक)
केरल में बीते दिनों महिलाओं द्वारा बनाई गई वीमन वॉल. (फोटो साभार: फेसबुक)

अयप्पा मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को क्रियान्वित करने के केरल सरकार के निर्णय को लेकर शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में ‘वीमेन वॉल’ अभियान का आयोजन किया गया.

इस अभियान को अपना समर्थन देने के लिए विभिन्न संगठनों की महिलाएं और कई सामाजिक कार्यकर्ता दादर चौपाटी से शिवाजी पार्क तक एक किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाने के लिए मंगलवार शाम एकत्रित हुए.

मुंबई में इस मानव श्रृंखला का आयोजन करने वाली समिति की सदस्य सोन्या गिल ने कहा कि 1,000 से 1,200 महिलाएं निश्चित स्थान पर श्रृंखला बनाने के लिए एकत्रित हुईं.

उन्होंने कहा, ‘हम लैंगिक समानता के लिए एकजुटता व्यक्त करने के लिए एकत्र हुए, जैसा केरल में हमारी बहनों ने किया. हम अपने पुराने मूल्यों और परंपराओं का पालन नहीं कर रहे, जहां महिलाओं को सभी क्षेत्रों में उचित सम्मान नहीं दिया जाता था.’

अभियान में कई मुस्लिम महिलाओं ने भी हिस्सा लिया. उन्होंने हाथ में बैनर ले रखे थे, जिन पर लिखा था- ‘न तो हम अशुद्ध हैं और न ही दूसरे दर्जे के नागरिक. आइए सभी तरह के भेदभाव के खिलाफ हम एकजुट हों.’

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