अवैध खनन मामले पर अखिलेश यादव बोले, सीबीआई का सामना करने के लिए तैयार हूं

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने सपा और बसपा के बीच गठबंधन के संकेत के बाद सीबीआई जांच को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है.

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Lucknow: Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav addresses a press conference at the Party headquarters, in Lucknow on Saturday, July 14, 2018. (PTI Photo/Nand Kumar) (PTI7_14_2018_000091B)
Lucknow: Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav addresses a press conference at the Party headquarters, in Lucknow on Saturday, July 14, 2018. (PTI Photo/Nand Kumar) (PTI7_14_2018_000091B)

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने सपा और बसपा के बीच गठबंधन के संकेत के बाद सीबीआई जांच को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है.

Lucknow: Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav addresses a press conference at the Party headquarters, in Lucknow on Saturday, July 14, 2018. (PTI Photo/Nand Kumar) (PTI7_14_2018_000091B)
अखिलेश यादव. (फोटो: पीटीआई)

लखनऊ: अवैध खनन मामले में सीबीआई द्वारा पूछताछ करने की संभावना के बीच समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने रविवार को कहा कि वह जांच एजेंसी का सामना करने के लिए तैयार हैं, लेकिन लोग भाजपा को जवाब देने के लिए भी तैयार हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा एक ऐसी संस्कृति पीछे छोड़ रही है, जिसका भविष्य में इस्तेमाल किया जा सकता है.

यादव ने लखनऊ में संवाददाताओं से कहा, ‘समाजवादी पार्टी अधिकतम लोकसभा सीटें जीतने के लिए प्रयास कर रही है. जो लोग हमें रोकना चाहते हैं, उनके साथ सीबीआई है. एक बार कांग्रेस ने सीबीआई जांच की और मुझसे पूछताछ की गई. अगर भाजपा यह सब कर रही है, तो सीबीआई मुझसे पूछताछ करेगी, मैं उन्हें जवाब दूंगा. लेकिन, लोग भाजपा को जवाब देने के लिए तैयार हैं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘सीबीआई छापेमारी क्यों कर रही है. वे जो भी पूछना चाहते हैं, वे मुझसे पूछ सकते हैं. हालांकि, भाजपा को यह याद रखना चाहिए कि वह जिस संस्कृति को वह पीछे छोड़ रही है, उसे भविष्य में इसका सामना करना पड़ सकता है.’

मालूम हो कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सीबीआई द्वारा जांच का सामना करना पड़ सकता है. बीते शनिवार को सपा और बसपा ने 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा का मुकाबला करने के लिए गठबंधन का संकेत दिया, उसी दिन सीबीआई ने अवैध खनन मामले की एक एफआईआर सार्वजनिक की.

आलोचना करते हुए यादव ने कहा, ‘अब हमें सीबीआई को बताना होगा कि हमने कितनी सीटें गटबंधन में बांटी हैं. मुझे खुशी है कि कम से कम भाजपा ने अपने रंग दिखाए हैं. इससे पहले, कांग्रेस ने हमें सीबीआई से मिलने का मौका दिया, और इस बार यह भाजपा है, जिसने हमें यह अवसर दिया है.’

सपा और कांग्रेस ने अखिलेश की पार्टी और बीएसपी के बीच गठबंधन के बाद सीबीआई जांच को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा, ‘अब जब सपा-बसपा गठबंधन की खबरें आई हैं, अखिलेश के खिलाफ छापेमारी शुरू हो गई है. यह अपेक्षित था, जो कोई भी बीजेपी के खिलाफ बोलता है, छापा पड़ जाता है. ऐसे ही यह सरकार चल रही है.’

सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकार सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है ताकि उनके पार्टी अध्यक्ष की छवि खराब हो. चौधरी ने कहा, ‘वे निराश हैं क्योंकि उन्हें डर है कि वे लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन से हार जाएंगे.’

हालांकि, भाजपा ने विपक्षी दलों के आरोपों को गलत बताया और कहा कि सीबीआई चुनाव को ध्यान में रखते हुए काम नहीं करती है. यूपी के मंत्री और भाजपा नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, ‘अखिलेश जी आप लूट नहीं सकते और इस पर अपनी छाती पीट सकते हैं. आपने लोगों को लूट लिया है और कानून अपना काम कर रहा है. 2016 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया और सीबीआई को केस दिया. सीबीआई चुनावों या गठबंधन के समय को ध्यान में रखते हुए काम नहीं करती है.’

सीबीआई ने 2012-16 के दौरान हमीरपुर जिले में लघु खनिजों के कथित अवैध खनन मामले में शनिवार को 14 स्थानों पर तलाशी ली. सीबीआई ने बीते शनिवार को ही इस मामले में एक एफआईआर सार्वजनिक की है जिसमें आईएएस अधिकारी बी. चंद्रकला, समाजवादी पार्टी के एमएलसी रमेश कुमार मिश्रा और संजय दीक्षित (जिन्होंने बसपा के टिकट पर 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ा था) सहित 11 व्यक्तियों के खिलाफ आरोप हैं.

एफआईआर के मुताबिक 2012 से 2017 के बीच राज्य के मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव ने 2012-13 के दौरान खनन मंत्रालय अपने पास रखा था इसलिए इनकी भूमिका भी जांच के दायरे में है.

यादव के बाद गायत्री प्रजापति ने 2013 में खनन मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला और 2017 में चित्रकूट की रहने वाली एक महिला द्वारा बलात्कार की शिकायत के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

इस मुद्दे की जांच के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा निर्देशित किए जाने के लगभग ढाई साल बाद यह अवैध खनन के मामलों से संबंधित एक तीसरी एफआईआर है जो एजेंसी द्वारा 2 जनवरी 2019 को दर्ज की गई थी.

(समाचार एजेंसी पीटीआई की इनपुट के साथ)

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