बीएसएफ के बर्ख़ास्त जवान ने कहा, नहीं हुई निष्पक्ष सुनवाई, अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे

बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव ने सीमा रेखा पर तैनात जवानों को ख़राब गुणवत्ता का खाना परोसे जाने का आरोप लगाया था.

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बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव ने सीमा रेखा पर तैनात जवानों को ख़राब गुणवत्ता का खाना परोसे जाने का आरोप लगाया था.

Tej Bahadur Yadav Facebook
बीएसएफ से बर्ख़ास्त जवान तेज बहादुर यादव. (फोटो: फेसबुक)

रेवाड़ी (हरियाणा): बीएसएफ के बर्ख़ास्त जवान तेज बहादुर यादव अपनी बर्ख़ास्तगी के ख़िलाफ़ अदालत जाने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने बीते बृहस्पतिवार को कहा कि सैनिकों को परोसे जाने वाले भोजन की ख़राब गुणवत्ता के बारे में शिकायत करने के बाद उनकी निष्पक्ष सुनवाई नहीं हुई है.

जवान की पत्नी शर्मिला ने कहा कि परिवार को उम्मीद नहीं थी कि उन्हें बर्ख़ास्त कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा, हम दिल्ली उच्च न्यायालय जाएंगे. उन्होंने (यादव ने) 20 साल सेवा दी है. उन्हें पेंशन मिलनी चाहिए. यह उनका हक है.

यादव ने कहा कि वह अपनी बर्ख़ास्तगी के बारे में जानकर स्तब्ध रह गए क्योंकि इससे पहले उनसे पेंशन और सेवानिवृत्ति दस्तावेज तैयार करने को कहा गया था.

यादव हरियाणा में रेवाड़ी के रहने वाले हैं. उन्होंने पांच महीने पहले एक वीडियो सोशल मीडिया पर डालकर जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर बर्फीली चोटियों पर तैनात सैनिकों को ख़राब गुणवत्ता वाले भोजन परोसे जाने के बारे में शिकायत की थी.

तेज बहादुर को बर्ख़ास्त किए जाने के बाद उनकी पत्नी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड करते हुए सवाल उठाया है कि 20 साल की सर्विस के बाद किसी को इस तरह से बर्ख़ास्त कर दिया जाए तो कोई मां अपने बेटे को क्यों सेना में भेजेगी.

बीएसएफ प्रवक्ता ने बताया कि उन्हें एक समरी सिक्योरिटी फोर्स कोर्ट (एसएसएफसी) ने 19 अप्रैल को बर्खास्त कर दिया था, जिसमें उनके ख़िलाफ़ दो आरोपों की सुनवाई हुई थी. ये आरोप भोजन की गुणवत्ता के बारे में सोशल मीडिया पर झूठे आरोप लगाने और ऑपरेशनल ड्यूटी पर अपने साथ दो मोबाइल फोन रखने के बारे में थे.

यादव ने जम्मू कश्मीर से रेवाड़ी लौटने के बाद बृहस्पतिवार को कहा, मेरी निष्पक्ष सुनवाई नहीं हुई. हालांकि, मुझे गवाह के तौर पर मौजूद रहने का मौका दिया गया लेकिन मेरा मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया. मैं सहकर्मियों को गवाह के तौर पर बुलाना चाहता था लेकिन ऐसा करने की इजाजत नहीं दी गई.

यादव ने दावा किया कि उनका वीडियो सोशल मीडिया पर फैलने के बाद जवानों को परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता में 70 फीसदी तक सुधार हुआ.

उन्होंने बताया, मुझे अपने साथी जवानों का बहुत समर्थन मिला. हरियाणा रोडवेज़ की बस से उतरने पर ग्रामीणों ने उनका ज़ोरदार स्वागत किया. कई युवक उनके साथ सेल्फी लेते और उनसे हाथ मिलाते देखे गए.

इस साल नौ जनवरी को सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड कर तेज बहादुर ने जवानों को घटिया किस्म का भोजन दिए जाने का आरोप लगाया था.

वीडियो में उन्होंने कहा था कि सरकार तो सैनिकों के लिए आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवाती है लेकिन उच्चाधिकारी इन्हें अवैध ढंग से बाजार में बेच देते हैं और इसका ख़ामियाजा बल में निचले स्तर पर जवानों को भुगतना पड़ता है.

यादव जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर तैनात बीएसएफ इकाई का हिस्सा था. उन्होंने वीडियो में आरोप लगाया था कि उन्हें पानी जैसी पतली दाल परोसी जाती है जिसमें सिर्फ हल्दी और नमक होता है और इसके साथ उन्हें जली हुई रोटी दी जाती है.

यादव बल की 29वीं बटालियन में तैनात थे, जांच के दौरान उन्हें जम्मू में बीएसएफ बटालियन में स्थानांतरित कर दिया गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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