हैकर का दावा- 2014 के चुनावों के दौरान ईवीएम हैक किए गए, चुनाव आयोग का इनकार

चुनाव आयोग की ओर से कहा गया कि ईवीएम हैक करने का दावा दुर्भावना से प्रेरित है. इन दावों को आयोग ख़ारिज करता है. क़ानूनी कार्रवाई पर किया जा रहा विचार.

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(फाइल फोटो: रॉयटर्स)

चुनाव आयोग की ओर से कहा गया कि ईवीएम हैक करने का दावा दुर्भावना से प्रेरित है. इन दावों को आयोग ख़ारिज करता है. क़ानूनी कार्रवाई पर किया जा रहा विचार.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
(फाइल फोटो: रॉयटर्स)

लंदन में एक हैकर ने दावा किया है भारत में 2014 के लोकसभा चुनाव और 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान उसने ईवीएम हैक की थी. हैकर ने यह भी दावा किया कि ट्रांसमीटर के ज़रिये ईवीएम में हैकिंग की गई थी और हैकिंग के लिए विभिन्न दलों ने उससे संपर्क किया था.

मीडिया में यह ख़बर आने के बाद चुनाव आयोग ने इस दावे को ख़ारिज किया है और एक बार फिर स्पष्ट किया है कि ईवीएम को हैक नहीं किया जा सकता है.

चुनाव आयोग की ओर से कहा गया है, ‘एक हैकर द्वारा ईवीएम हैक करने का दावा हमारे संज्ञान में आया है. हम दुर्भावना से प्रेरित इस दावे को नहीं मानते. चुनाव आयोग ईवीएम के टेंपर प्रूफ होने की अपनी बात पर कायम हैं. इस संबंध में विचार किया जा रहा है कि क्या कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.’

चुनाव आयोग की ओर से यह भी कहा गया, ‘ईवीएम का निर्माण भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की ओर से किया जाता है. यह निर्माण बेहद कठोर निगरानी और सुरक्षा नियमों को ध्यान में रखते हुए होता है.’

एनडीटीवी से बातचीत में चुनाव आयोग के शीर्ष तकनीकी विशेषज्ञ डॉ. रजत मूना ने भी हैकर के दावों को ख़ारिज किया है. आईआईटी भिलाई के डायरेक्टर और चुनाव आयोग की टेक्निकल एक्सपर्ट कमेटी के मेंबर डॉ. रजत मूना ने कहा, ‘इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनें ऐसी मशीनें हैं, जिनमें किसी भी प्रकार के वायरलेस संचार के माध्यम से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती. ये मशीनें टेंपर प्रूफ होती हैं.’

क्विंट की रिपोर्ट के अनुसार, यह हैकर अमेरिकी साइबर विशेषज्ञ सैयद शुजा हैं, जिन्होंने दावा किया है वह उस टीम का हिस्सा रहा है जिसने भारत में इस्तेमाल होने वाले ईवीएम को डिज़ाइन किया है. शुजा ने लंदन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि वह यह दिखा सकता है कि ईवीएम को कैसे हैक किया जा सकता है.

शुजा इस कॉन्फ्रेंस में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये शामिल हुए थे. शुजा ने यह भी दावा किया कि इसकी जानकारी पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे को थी.

लंदन में हुए इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के भी शामिल होने की ख़बरें आ रही हैं.

इस संबंध में अल्पसंख्यक मामले के केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने कहा है, ‘कांग्रेस के पास बहुत सारे स्वयंसेवक हैं जो मोदी जी को हटाने के लिए मदद लेने पाकिस्तान तक चले जाते हैं. आने वाले चुनाव में होने वाली संभावित हार को वे हैकिंग हॉरर शो के पीछे छिपा रहे हैं.’

नक़वी ने कहा, ‘कपिल सिब्बल का वहां जाना संयोग नहीं है. उन्हें कांग्रेस, राहुल गांधी और सोनिया गांधी द्वारा भेजा गया है. जिन लोगों को भी देश और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को बदनाम करने की सुपारी दी गई है, उस सुपारी को लेकर यहां से कोई डाकिया जाना चाहिए न, तो डाकिया भेजा गया.’