आज़ादी से 2014 तक जितने अंतरिक्ष अभियान हुए, लगभग उतने ही बीते चार वर्षों में शुरू हुए: मोदी

मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चाहे चक्रवात हो, या फिर रेल और सड़क सुरक्षा, देश अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग जानमाल की रक्षा में बख़ूबी कर रहा है.

/
New Delhi: Prime Minister Narendra Modi waves at the crowd after attending the 70th Republic Day celebrations at Rajpath, in New Delhi, Saturday, Jan. 26, 2019. (PTI Photo/ Kamal Kishore)(PTI1_26_2019_000021B)
New Delhi: Prime Minister Narendra Modi waves at the crowd after attending the 70th Republic Day celebrations at Rajpath, in New Delhi, Saturday, Jan. 26, 2019. (PTI Photo/ Kamal Kishore)(PTI1_26_2019_000021B)

मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चाहे चक्रवात हो, या फिर रेल और सड़क सुरक्षा, देश अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग जानमाल की रक्षा में बख़ूबी कर रहा है.

New Delhi: Prime Minister Narendra Modi waves at the crowd after attending the 70th Republic Day celebrations at Rajpath, in New Delhi, Saturday, Jan. 26, 2019. (PTI Photo/ Kamal Kishore)(PTI1_26_2019_000021B)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: अंतरिक्ष कार्यक्रम में देश की उपलब्धियों का ज़िक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि आज़ाद होने से लेकर 2014 तक जितने अंतरिक्ष अभियान हुए हैं, लगभग उतने ही अंतरिक्ष अभियानों की शुरुआत बीते चार वर्षों में हुई हैं.

आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि देश अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग जानमाल की रक्षा में भी बख़ूबी कर रहा है. चाहे चक्रवात हो, या फिर रेल और सड़क सुरक्षा… इन सब में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से काफी सहायता मिल रही है.

उन्होंने कहा, ‘देश आज़ाद होने से लेकर 2014 तक जितने अंतरिक्ष अभियान हुए हैं, लगभग उतने ही अंतरिक्ष की शुरुआत बीते चार वर्षों में हुई हैं. हमने एक ही अंतरिक्ष यान से एक साथ 104 उपग्रहों के प्रक्षेपण का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया है. हम जल्द ही चंद्रयान-2 अभियान के माध्यम से चांद पर भारत की मौजूदगी दर्ज कराने वाले हैं.’

इस संबंध में किरण सिदर नाम के एक व्यक्ति ने माईजीओवी एप के माध्यम से प्रधानमंत्री से भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम और उसके भविष्य से जुड़े पहलुओं पर प्रकाश डालने का आग्रह किया था.

उन्होंने कहा कि देश के अंतरिक्ष अभियान में देश के असंख्य युवा वैज्ञानिकों का योगदान है. सभी इस बात का गर्व करते हैं कि आज हमारे छात्रों द्वारा विकसित किए गए उपग्रह और रॉकेट अंतरिक्ष तक पहुंच रहे हैं. इसी 24 जनवरी को हमारे विद्यार्थियों द्वारा बनाया गया ‘कलाम-सेट’ प्रक्षेपित किया गया है. ओडिशा में यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए साउंडिंग रॉकेट ने भी कई कीर्तिमान बनाए हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का काफी उपयोग हो रहा है. मछुआरे भाइयों के बीच नाविक उपकरण बांटे गए हैं,जो उनकी सुरक्षा के साथ-साथ आर्थिक तरक्की में भी सहायक है.

उन्होंने कहा कि हम स्पेस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सरकारी सेवाएं पहुंचाने और जवाबदेही को और बेहतर करने के लिए कर रहे हैं. ‘सबके लिए घर’ – इस योजना में 23 राज्यों के करीब 40 लाख घरों को जिओ-टैग किया गया है. इसके साथ ही मनरेगा के तहत करीब साढ़े तीन करोड़ संपत्तियों को भी जिओ-टैग किया गया.

मोदी ने कहा कि हमारे उपग्रह आज देश की बढ़ती शक्ति का प्रतीक हैं. दुनिया के कई देशों के साथ हमारे बेहतर संबंध में इसका बड़ा योगदान है. साउथ एशिया सैटेलाइटस तो एक अनूठी पहल रही है, जिसने हमारे पड़ोसी मित्र राष्ट्रों को भी विकास का उपहार दिया है.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अपनी बेहद प्रतिस्पर्धी प्रक्षेपण सेवाओं के माध्यम से भारत आज न केवल विकासशील देशों के, बल्कि विकसित देशों के सैटेलाइटस को भी प्रक्षेपित करता है.’