बिहार बालिका गृह: सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना के लिए सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक को किया तलब

बिहार बालिका गृह मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जांच करने वाली टीम का तबादला नहीं होना चाहिए. गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि हम अवमानना को बहुत ही गंभीरता से लेने जा रहे हैं. आपने देश के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की है. भगवान आपको बचाए.

एम. नागेश्वर राव. (फोटो साभार: फेसबुक)

बिहार बालिका गृह मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जांच करने वाली टीम का तबादला नहीं होना चाहिए. गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि हम अवमानना को बहुत ही गंभीरता से लेने जा रहे हैं. आपने देश के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की है. भगवान आपको बचाए.

एम. नागेश्वर राव. (फोटो साभार: फेसबुक)
एम. नागेश्वर राव. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: बिहार आश्रय गृह मामले की जांच करने वाले सीबीआई के पूर्व संयुक्त निदेशक एके शर्मा का एजेंसी के बाहर तबादला किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को सीबीआई के तत्कालीन अंतरिम प्रमुख एम नागेश्वर राव सहित दो अधिकारियों के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी कर दिया है. पीठ ने दोनों सीबीआई अधिकारियों को 12 फरवरी को पेश होने को कहा है.

बिहार आश्रय गृह मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले कहा था कि इस मामले की  जांच करने वाली टीम का तबादला नहीं होना चाहिए.

बृहस्पतिवार की सुबह बिहार आश्रय गृह मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाई थी और मामले को दिल्ली के साकेत स्थित पॉक्सो अदालत में स्थानांतरित कर दिया था.

इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उसकी अनुमति के बिना एक सीबीआई अधिकारी का तबादला किए जाने पर सीबीआई और केंद्र सरकार को फटकार भी लगाई थी.

अदालत ने कहा कि यह उसके आदेशों का उल्लंघन है क्योंकि उसने इस मामले में किसी भी अधिकारी का तबादला नहीं किया जाने का आदेश दिया था. अदालत ने कहा था, ‘यह इस तरह से नहीं चल सकता है, हम अपने आदेश को लेकर गंभीर हैं.’

इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला से दोपहर तक उन नामों की जानकारी मांगी थी, जो कि शर्मा का तबादला किए जाने के प्रक्रिया का हिस्सा थे.

दरअसल, अदालत से अनुमति लिए बिना 17 जनवरी को शर्मा का तबादला सीआरपीएफ में कर दिया गया था.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के दो पूर्व आदेशों का उल्लंघन किए जाने को गंभीरता से लिया है.

इसके बाद, दोपहर में मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील ने बताया कि शर्मा के तबादले में दो अधिकारी शामिल थे.

इस पर चीफ जस्टिस गोगोई ने कहा, ‘हम इसे बहुत ही गंभीरता से लेने जा रहे हैं. आपने भारत के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की है. भगवान आपको बचाए. कभी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साथ खिलवाड़ मत करना.’

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘सीबीआई अधिकारी एके शर्मा का तबादला करके सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव ने प्रथम दृष्टया अदालत की अवमानना की है.’

बता दें कि बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले में 31मई 2018 को एक बालिका गृह में बच्चियों के साथ यौन शोषण का मामला सामने आया था. कुछ बच्चियों के गर्भवती होने की भी पुष्टि हुई थी.

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