जयपुरः हिंगोनिया गोशाला में चारा ख़त्म, सैंकड़ों गायों की कथित तौर पर भूख से मौत

गायों की मौत के संबंध में दो लोगों को निलंबित किया गया. अक्षयपात्र फाउंडेशन करता है हिंगोनिया गोशाला का संचालन. भाजपा पार्षदों ने मांग की है कि गायों की मौत के लिए ज़िम्मेदार लोगों पर गोहत्या का मामला दर्ज किया जाए.

(प्रतीकात्मक फोटो: द वायर/श्रुति जैन)

गायों की मौत के संबंध में दो लोगों को निलंबित किया गया. अक्षयपात्र फाउंडेशन करता है हिंगोनिया गोशाला का संचालन. भाजपा पार्षदों ने मांग की है कि गायों की मौत के लिए ज़िम्मेदार लोगों पर गोहत्या का मामला दर्ज किया जाए.

Hingoniya Gaushala
जयपुर का हिंगोनिया गोशाला. (फाइल फोटो: श्रुति जैन)

जयपुर: राजस्थान के जयपुर स्थित हिंगोनिया गोशाला में बीते कुछ दिनों में सैकड़ों की संख्या में गायों की कथित तौर पर भूख से मौत का मामला सामने आया है. आरोप है कि गोशाला में चारा ख़त्म होने से यह स्थिति पैदा हुई.

बताया जा रहा है कि चारे की रकम नहीं चुकाने की वजह से आपूर्तिकर्ताओं ने गोशाला को चारा देना बंद कर दिया है. इस संबंध में दो लोगों को निलंबित किया गया है.

इस संबंध में भाजपा के पार्षद जयपुर नगर निगम के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. इनकी मांग है कि गोहत्या के ज़िम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाए.

मामले के प्रकाश में आने के बाद जयपुर के मेयर ने गोशाला के प्रभारी राजेंद्र चित्तोरिया और डॉक्टर कमलेश मीणा को निलंबित कर दिया है. इसके अलावा उन्होंने डिप्टी कमिश्नर आरके मीणा को निलंबित करने के लिए कार्मिक विभाग को पत्र भी लिखा है.

मालूम हो कि इस गोशाला का संचालन अक्षयपात्र फाउंडेशन करता है. मवेशियों को दिए जा रहे चारे का भुगतान पिछले साल अक्टूबर महीने से नहीं किया गया है. गोशाला पर चारा का तकरीबन 12 करोड़ रुपये बकाया है.

इस गोशाला में 23 शेड हैं और यहां तकरीबन 21 हज़ार मवेशी रहते हैं. जयपुर नगर निगम हर दिन प्रति मवेशी चारे के लिए 70 रुपये और उसके बच्चे के चारे के लिए 35 रुपये प्रति दिन के हिसाब से भुगतान करता है.

अक्षयपात्र फाउंडेशन की कार्यक्रम संयोजक राधा प्रिया दास ने द वायर से बातचीत में बताया, गोशाला में हर दिन तकरीबन 20 गायें मर रही हैं. जयपुर नगर निगम पिछले साल अक्टूबर महीने में गोशाला को कोई भुगतान नहीं कर रहा है. हम लोग बार बार उन्हें इस स्थिति से अवगत करा रहे हैं. गायों को इस तरह भूख से मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता. हम उन्हें स्टॉक में रखा चारा खिला रहे हैं, हालांकि इस चारे की मात्रा बहुत कम है.

हालांकि कुल कितनी संख्या में मवेशियों की मौत हुई इस बारे में राधा प्रिया ने कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया.

इधर गोशाला में गायों के मरने पर भाजपा के पार्षदों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है. उनकी मांग है कि गोहत्या के ज़िम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाए. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, विरोध कर रहे भाजपा पार्षदों ने दावा किया है कि बीते पांच दिनों में हिंगोनिया गोशाला में लगभग 500 गायों की मौत हुई है.

दैनिक भास्कर ने 14 फरवरी को प्रकाशित रिपोर्ट में हिंगोनिया गोशाला में पिछले 10 दिनों में 850 गायों की मौत होने की बात कही थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि चारे की कमी से हर दिन तकरीबन 10 गायों की मौत हो रही है.

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में अनिल कुमार शर्मा ने कहा, ‘बीते पांच दिनों में हिंगोनिया गोशाला में 500 गायों की मौत हुई है. इस गोशाला का प्रबंधन अक्षयपात्र फाउंडेशन करती है. फाउंडेशन ने बीते कई दिनों से गायों को कुछ नहीं खिलाया. उनका कहना है कि उन्हें जयपुर नगर निगम से फंड का भुगतान नहीं हुआ है.’

शर्मा ने कहा कि पार्षदों ने उचित कदम उठाने की मांग की है. इन मौतों के लिए जिम्मेदार लोगों पर गोहत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए.

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में अक्षयपात्र फाउंडेशन के राधा प्रिया दास ने कहा, ‘जयपुर नगर निगम से भुगतान नहीं होने की वजह से गायों के लिए चारे का प्रबंधन करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.’

उन्होंने बताया, ‘जयपुर नगर निगम ने पिछले साल अक्टूबर से चारे के लिए फंड का भुगतान नहीं किया है और यह धनराशि अब लगभग 12 करोड़ रुपये हो चुकी है. इसलिए चारा आपूर्ति करने वालों ने गोशाला को चारा देना बंद कर दिया है.’

राधा प्रिया ने कहा, ‘गायों को रोज़ाना लगभग 80 टन चारे की ज़रूरत होती है और बिना जयपुर नगर निगम की मदद के गोशाला 40 से 50 टन ही चारा उपलब्ध करा सकती है. निगम ने अभी फंड के कुछ भाग का भुगतान किया है और अब हमारे पास चारा है. इससे पहले रोज़ाना 60 से 70 गायों की मौत हो रही थी.’

दास ने छह फरवरी को गोशाला प्रबंधन द्वारा नगर निकाय आयुक्त को छह फरवरी को लिखे पत्र का हवाला देते हुए कहा, ‘हिंगोनिया में गोशाला बीते दो साल में पर्यटक स्थल बन गई है लेकिन इन दो महीनों में स्थिति जितनी बदतर हुई है, जयपुर नगर निगम को उसके बारे में सोचना चाहिए.’

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq