पुलवामा हमला: कश्मीरियों की सुरक्षा को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

याचिका में आरोप लगाया गया कि पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद कश्मीर घाटी के छात्रों पर देशभर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में हमला किया जा रहा है और संबंधित प्राधिकारियों को इस प्रकार के हमले रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए.

New Delhi: A view of Supreme Court of India in New Delhi, Thursday, Nov. 1, 2018. (PTI Photo/Ravi Choudhary) (PTI11_1_2018_000197B)
(फोटो: पीटीआई)

याचिका में आरोप लगाया गया कि पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद कश्मीर घाटी के छात्रों पर देशभर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में हमला किया जा रहा है और संबंधित प्राधिकारियों को इस प्रकार के हमले रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए.

New Delhi: A view of Supreme Court of India in New Delhi, Thursday, Nov. 1, 2018. (PTI Photo/Ravi Choudhary) (PTI11_1_2018_000197B)
(सुप्रीम कोर्ट: पीटीआई)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद देशभर में कथित रूप से हमलों का शिकार हो रहे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा के लिए प्राधिकारियों को निर्देश देने संबंधी जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एल एन राव और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने गुरुवार को वरिष्ठ वकील कोलिन गोंजाल्वेज की इस बात पर ध्यान दिया कि याचिका पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है क्योंकि यह छात्रों की सुरक्षा से जुड़ा मामला है.

पीठ ने मामले को सुनवाई के लिए गुरुवार को सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया, लेकिन इस पर विचार के लिए इसे शुक्रवार को सूचीबद्ध करने का भरोसा दिलाया.

याचिका में आरोप लगाया गया कि पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद कश्मीर घाटी के छात्रों पर देशभर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में हमला किया जा रहा है और संबंधित प्राधिकारियों को इस प्रकार के हमले रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए.

बता दें जम्मू कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए. 14 फरवरी को हुए इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है.

अमर उजाला की ख़बर के मुताबिक, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व नेकां उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने पुलवामा हमले के बाद देश के कुछ हिस्सों में कश्मीरियों के खिलाफ हो रही हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया था.

उन्होंने ट्वीट कर पूछा था कि प्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साहब क्या हम कश्मीरी छात्रों और अन्य को टारगेट कर किए जा रहे सुनियोजित हमलों की निंदा के कुछ शब्द सुनेंगे या आपकी चिंता कश्मीर तक विस्तारित नहीं होती है.

वे सोशल मीडिया पर वायरल हुए उस वीडियो पर टिप्पणी कर रहे थे जिनमें एक कश्मीरी की कोलकाता में पिटाई होते दिखाया गया है. उन्होंने कहा कि कोलकाता में एक कश्मीरी युवक की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मैं, डेरेक ओ ब्रायन और ममता बनर्जी के साथ इस मामले में संपर्क में हूं.

पुलवामा हमले के बाद देशभर के कई इलाकों से इसी तरह कश्मीरी युवाओं के साथ मारपीट की घटनाएं सामने आई हैं. हिमाचल प्रदेश की पर्यटन नगरी मैक्लोडगंज में भी कश्मीरी युवकों के साथ मारपीट का वीडियो वायरल हुआ है. वीडियो में कुछ लोग पुलिस जवानों के सामने ही कश्मीरी युवक की धुनाई कर रहे हैं.

हरियाणा की पैसेंजर ट्रेन में दो कश्मीरी युवकों की पिटाई करने और गाली गलौज करते हुए उन्हें धक्का देकर स्टेशन पर उतार दिए जाने का मामला सामने आया. चंडीगढ़ के एक कॉलेज में हिमाचली छात्रों के साथ कश्मीरी छात्रों की झड़प हो गई. बाद में कश्मीरी छात्रों को पुलिस सुरक्षा में घाटी के लिए रवाना किया गया.

यूपी के सहारनपुर में कुछ हिंदू संगठन के लोगों ने शहर के कुछ कश्मीरी लोगों के घरों के बाहर प्रदर्शन किया और शहर छोड़कर जाने की चेतावनी दी.

कोलकाता में 22 वर्ष से रह रहे एक कश्मीरी डॉक्टर ने दावा किया है कि पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद उसे शहर छोड़ने या फिर ‘गंभीर परिणाम’ भुगतने की धमकी दी जा रही है. डॉक्टर ने हालांकि पश्चिम बंगाल सरकार के उसके बचाव में आने के बाद वहीं रहने का निर्णय लिया है.

एक अन्य मामला नोएडा का है, जहां एक होटल के रिसेप्शन पर एक पोस्टर लगाया गया, जिसमें कहा गया था कि कश्मीरियों को यहां आने की अनुमति नहीं है. हालांकि, मामले के तूल पकड़ने पर इसे इस पोस्टर को हटा दिया गया है.

नोएडा सेक्टर 15 में जानी होम्स नाम से यह होटल है, जिसके प्रमुख उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष अमित जानी हैं. अमित जानी का कहना है, ‘उनकी नीति जारी रहेगी.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)