सबरीमला को मुद्दा बनाना आचार संहिता का उल्लंघन: चुनाव आयोग, भाजपा ने कहा- निर्देश अतार्किक

केरल भाजपा के प्रदेश महासचिव ने कहा कि यह कहना बेतुका है कि सबरीमला मुद्दे पर चुनाव में चर्चा नहीं की जानी चाहिए.

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Sabarimala: Melsanthi Unnikrishnan Nampoothiri opens the Sabarimala temple for the five-day monthly pooja in the Malayalam month of ‘Thulam’, Sabarimala, Wednesday, Oct. 17, 2018. Tension was witnessed outside Sabarimala temple that was opened for the first time for women between the age of 10 and 50 on Wednesday following the Supreme Court verdict, turning over the age-old custom of not admitting them. (PTI Photo) (PTI10_17_2018_000155B)
सबरीमाला मंदिर. (प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

केरल भाजपा के प्रदेश महासचिव ने कहा कि यह कहना बेतुका है कि सबरीमला मुद्दे पर चुनाव में चर्चा नहीं की जानी चाहिए.

सबरीमाला मंदिर (फोटो साभार: facebook.com/sabrimalaofficial)
सबरीमाला मंदिर (फोटो साभार: facebook.com/sabrimalaofficial)

तिरुवनंतपुरम: निर्वाचन आयोग ने केरल में राजनीतिक दलों को आगाह किया है कि सबरीमला मंदिर मामले को चुनाव प्रचार का मुद्दा न बनाएं. हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने इस पर प्रतिक्रिया करते हुए इस दिशानिर्देश को अतार्किक बताया है.

चुनाव की तारीख़ों की घोषणा होने के बाद केरल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) टीका राम मीणा ने तिरुवनंतपुरम में मीडिया को बताया कि सबरीमला मंदिर मुद्दे पर धार्मिक प्रोपेगैंडा आदर्श आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन होगा.

उन्होंने कहा, ‘धार्मिक भावनाएं उकसाना, उच्चतम न्यायालय के फैसले का किसी तरह इस्तेमाल करना, धर्म के नाम पर वोट मांगना या धार्मिक भावनाएं भड़काना आदर्श आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन है.

सीईओ ने यह भी कहा कि आयोग ऐसा कोई उल्लंघन नहीं करने देगा जिससे किसी ख़ास राजनीतिक दल को दूसरे दल के मुक़ाबले लाभ मिले.

इस पर प्रतिक्रिया करते हुए भाजपा के प्रदेश महासचिव के. सुरेंद्रन ने कहा कि सबरीमला मुद्दे पर राज्य सरकार का रुख़ चुनावी मुद्दा होगा.

उन्होंने कोट्टायम में मीडिया से कहा, ‘यह 100 प्रतिशत तय है कि सबरीमला मुद्दे पर राज्य सरकार के रुख़ पर चुनावों में चर्चा होगी. कोई भी इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता. यह कहना बेतुका है कि सबरीमला मुद्दे पर चुनाव में चर्चा नहीं की जानी चाहिए.’

उधर, सीईओ मीणा ने मीडिया से कहा, ‘सबरीमला मुद्दे पर धार्मिक प्रोपेगैंडा करना या भावनाएं भड़काना आदर्श आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन होगा.’

उन्होंने कहा कि जहां तक केरल का संबंध है तो यह विवादित मामला है और राजनीतिक दलों को एक सीमा तय करने की ज़रूरत है कि किस हद तक इसका इस्तेमाल करना है.

उन्होंने कहा, ‘मैं इस संबंध में राजनीतिक दलों के साथ बैठक कर रहा हूं और मैं उनसे वोट मांगने के लिए इस धार्मिक भावना या धार्मिक परंपराओं का अनावश्यक इस्तेमाल न करने का अनुरोध करूंगा क्योंकि इससे लोगों के लिए धार्मिक तनाव पैदा हो सकता है.’

मीणा ने कहा कि अगर यह होता है तो ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी.

भाजपा नेता सुरेंद्रन ने कहा कि चुनाव नियमों के अनुसार सबरीमला मामले पर उच्चतम न्यायालय के आदेश के ख़िलाफ़ कोई नहीं बोल सकता और चुनाव के दौरान अन्य धर्मों के ख़िलाफ़ कोई क़दम नहीं उठाया जा सकता.

भाजपा ने सबरीमाला मुद्दे पर पहले ही अपनी उम्मीद जता दी है. भाजपा का मानना है कि सबरीमला की वजह से वह अपने कार्यकर्ताओं के बीच गति पैदा करने में सक्षम हुई है.

मालूम हो कि भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने नौ महीने पहले मिज़ोरम के राज्यपाल के रूप में नियुक्त भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुम्मनम राजशेखरन को राज्य में पार्टी का नेतृत्व करने के लिए वापस बुला लिया है.

ज्ञात हो कि 11 अप्रैल से 2019 आम चुनाव के लिए मतदान शुरू होंगे और 23 मई को परिणाम सामने आएंगे. केरल में 23 अप्रैल को चुनाव होंगे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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