मतदान से 48 घंटे पहले राजनीतिक दलों को घोषणापत्र जारी करना ज़रूरी: चुनाव आयोग

चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के लिए घोषणापत्र जारी करने की समयसीमा निर्धारित कर दी है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि मतदान से पहले और प्रचार थमने के बाद चुनावी घोषणा पत्र जारी नहीं होंगे.

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(फोटो: पीटीआई)

चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के लिए घोषणापत्र जारी करने की समयसीमा निर्धारित कर दी है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि मतदान से पहले और प्रचार थमने के बाद चुनावी घोषणा पत्र जारी नहीं होंगे.

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फोटो: पीटीआई

नई दिल्लीः चुनाव आयोग (ईसी) का कहना है कि राजनीतिक दलों को मतदान से 48 घंटे पहले घोषणापत्र जारी करना अनिवार्य है.

आयोग द्वारा शनिवार को चुनाव आचार संहिता के नियमों में घोषणापत्र से संबंधित प्रावधानों को जोड़ते हुए कहा गया है कि प्रचार अभियान थमने के बाद घोषणा पत्र जारी नहीं किया जा सकेगा.

आयोग के प्रमुख सचिव नरेंद्र एन बुतोलिया द्वारा सभी राजनीतिक दलों और राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को जारी दिशानिर्देश में निर्धारित की गई यह समयसीमा एक या एक से अधिक चरण वाले चुनाव में समान रूप से लागू होगी.

इसमें चुनाव आचार संहिता के खंड आठ में घोषणापत्र जारी करने की प्रतिबंधित समयसीमा के प्रावधान शामिल करते हुए स्पष्ट किया गया है कि एक चरण वाले चुनाव में मतदान से पूर्व प्रचार थमने के बाद की अवधि में कोई घोषणापत्र जारी नहीं होगा.

यह समयसीमा एक या एक से अधिक चरण वाले चुनाव में समान रूप से लागू होगी.

आयोग के एक अधिकारी ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर स्पष्ट किया कि यह प्रावधान क्षेत्रीय दलों पर भी समान रूप से लागू होगा.

अधिकारी ने बताया कि क्षेत्रीय राजनीतिक दल संबद्ध क्षेत्र के मतदान से पहले 48 घंटे की अवधि में (प्रचार बंद होने के दौरान) घोषणापत्र जारी नहीं कर सकेंगे.

यह व्यवस्था भविष्य में सभी चुनावों के दौरान लागू होगी. गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने प्रचार अभियान थमने के बाद 48 घंटे की प्रचार प्रतिबंधित अवधि में मतदाताओं को लुभाने के लिए घोषणापत्र को भी प्रचार का एक स्वरूप मानते हुए यह व्यवस्था की है.

17वीं लोकसभा के लिए चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई के बीच सात चरणों में होंगे और नतीजों की घोषणा 23 मई को होगी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग ने पहले चरण का मतदान खत्म होने से कम से कम 72 घंटे पहले घोषणापत्र जारी करने को लेकर 22 जनवरी को सभी राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय राजनीतिक दलों से उनकी राय मांगी थी.

इस पर कुल सात दलों समाजवादी पार्टी, एआईएडीएमके, सीपीआई, सीपीएम, शिवसेना, लोक जनशक्ति पार्टी और कांग्रेस ने फीडबैक दिया था और इनमें से सिर्फ कांग्रेस ने इस संशोधन का विरोध किया था.

चुनाव आयोग के निर्देश के मुताबिक, चरणबद्ध चुनाव में मतदान से 48 घंटे पहले प्रचार थमने के दौरान स्टार प्रचारक और अन्य राजनीतिक नेताओं को प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए मीडिया को संबोधित करने या चुनावी मामलों पर साक्षात्कार देने से बचना चाहिए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)