लोकसभा उपचुनाव में गोरखपुर सीट पर भाजपा को हराने वाले सांसद प्रवीण निषाद भाजपा में शामिल

एक समाचार चैनल ने अपने स्टिंग ऑपरेशन में दावा किया है कि गोरखपुर से सांसद प्रवीण निषाद ने लोकसभा चुनाव में काला धन ख़र्च करने की बात स्वीकार की और इस चुनाव में भी काले धन के इस्तेमाल से उन्हें कोई ऐतराज़ नहीं था.

New Delhi: Bharatiya Janata Party leader and Union Minister JP Nadda greets Nishad Party leader and Gorakhpur (UP) MP Praveen Nishad after he joined BJP, in New Delhi, Thursday, April 04, 2019. (PTI Photo/Arun Sharma)(PTI4_4_2019_000037B)
New Delhi: Bharatiya Janata Party leader and Union Minister JP Nadda greets Nishad Party leader and Gorakhpur (UP) MP Praveen Nishad after he joined BJP, in New Delhi, Thursday, April 04, 2019. (PTI Photo/Arun Sharma)(PTI4_4_2019_000037B)

एक समाचार चैनल ने अपने स्टिंग ऑपरेशन में दावा किया है कि गोरखपुर से सांसद प्रवीण निषाद ने लोकसभा चुनाव में काला धन ख़र्च करने की बात स्वीकार की और इस चुनाव में भी काले धन के इस्तेमाल से उन्हें कोई ऐतराज़ नहीं था.

New Delhi: Bharatiya Janata Party leader and Union Minister JP Nadda greets Nishad Party leader and Gorakhpur (UP) MP Praveen Nishad after he joined BJP, in New Delhi, Thursday, April 04, 2019. (PTI Photo/Arun Sharma)(PTI4_4_2019_000037B)
गोरखपुर से सांसद और निषाद पार्टी के नेता प्रवीण निषाद गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गए. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में गोरखपुर से सपा से सांसद प्रवीण निषाद ने भाजपा का दामन थाम लिया है.

एक दिन पहले बुधवार को समाचार चैनल ‘टीवी9 भारतवर्ष’ के एक स्टिंग ऑपरेशन में गोरखपुर के सांसद प्रवीण निषाद ने खुफिया कैमरे पर 2018 में हुए उपचुनाव में काला धन ख़र्च करने की बात करते नज़र आए थे.

मालूम हो कि निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद साल 2018 में गोरखपुर सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा के ख़िलाफ़ समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े थे.

हाल ही में उत्तर प्रदेश की महराजगंज सीट को लेकर मतभेद के बाद निषाद पार्टी ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन तोड़ लिया था.

संजय निषाद और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बीच मतभेद की ख़बरें सामने आईं क्योंकि सपा उन्हें अपने चिह्न पर चुनाव लड़ाना चाहती थी जबकि वे निषाद पार्टी के चिह्न पर चुनाव लड़ना चाहते थे.

भाजपा ने अब तक गोरखपुर सीट से अपना प्रत्याशी खड़ा नहीं किया है जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ माना जाता है.

समाचार चैनल ने अपने स्टिंग ऑपरेशन में दावा किया था कि गोरखपुर चुनाव में होने वाले ख़र्च के बारे में पूछने पर प्रवीण निषाद ने बताया था कि लगभग 5-6 करोड़ रुपये ख़र्च होते हैं.

मालूम हो कि चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के लिए ख़र्च की अधिकतम सीमा 70 लाख रुपये तय की है.

टीवी9 भारतवर्ष के अनुसार, फंडिंग के सवाल पर प्रवीण निषाद ने उनके अंडरकवर रिपोर्टर्स से कहा था कि जितनी फंडिंग आप करा सकते हैं उतनी करा दीजिए, क्योंकि हमारे पास 2 लोकसभा सीट हैं. एक गोरखपुर और दूसरी पिताजी की महराजगंज सीट.

चैनल के अनुसार प्रवीण निषाद ने कहा था, ‘मैं तो जीत रहा हूं 100 पर्सेंट, पिताजी का थोड़ा बहुत रिस्क रहेगा तो हम उनको राज्यसभा भेजेंगे.’

पिछले चुनाव में हुए खर्च के बारे में पूछे जाने पर प्रवीण निषाद ने इस स्टिंग ऑपरेशन में बताया था कि 7-8 करोड़ ख़र्च हो गए थे, जिसमें लगभग 3.5 करोड़ हमने ख़र्च किया और 4 करोड़ के आसपास पार्टी ने किया था.

चैनल के अनुसार चुनाव मैनेजमेंट करने के तरीकों पर बात करते हुए प्रवीण निषाद ने बताया था कि रैलियों में गाड़ी करवाते हैं तो तकरीबन 60-80 लाख रुपये खर्च होते हैं. इसके अलावा नौजवानों को टी-शर्ट, महिलाओं को साड़ियां भी बांटी जाती हैं.

नोटबंदी के बाद कैश मैनेज करने के लिए प्रवीण निषाद ने बताया कि इसके लिए पार्टी का अकाउंट होता है. इसके अलावा थर्ड पार्टी का अकाउंट भी होता है और ट्रस्ट से भी मैनेज किया जाता है. पैसा देने की बात पर निषाद ने कैमरे पर बताया कि हमें कैश दीजिए अगर चेक से जाएगा तो वो तो ऑन रिकॉर्ड होगा, कैश रहेगा तो कोई रिकॉर्ड नहीं रहेगा.

समाचार चैनल का दावा है कि काले धन के लिए गोरखपुर के सांसद प्रवीण निषाद की बेचैनी ऐसी थी कि वो न केवल फ़ौरन बताई हुई फ़र्ज़ी कंपनी से मीटिंग के लिए तैयार हो गए, बल्कि चुनाव का हवाला देकर जल्दी मीटिंग का दबाव भी बनाने लगे. प्रवीण निषाद ने यह भी बताया कि चुनाव में अलग से मिलने वाले फंड के अलावा पार्टी भी फंड देती है.

बहरहाल गुरुवार को प्रवीण निषाद के अलावा तेलंगाना से कांग्रेस के पूर्व सांसद आनंद भास्कर रपोलू भी भाजपा में शामिल हुए. कांग्रेस के पूर्व रापोलू तेलंगाना आंदोलन से जुड़े रहे और उन्होंने पिछले महीने कांग्रेस छोड़ी थी.

इस अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि दोनों नेताओं का अपने इलाकों में काफी प्रभाव है और ये मोदी सरकार की नीतियों में भरोसा होने के कारण भाजपा में शामिल हुए हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25