हरियाणाः क्यों सोनीपत, रोहतक और भिवानी में मोदी के अच्छे दिन सवालों के घेरे में हैं

हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर 12 मई को मतदान है. राज्य की सोनीपत, रोहतक और भिवानी लोकसभा सीटों का चुनावी हाल.

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Gurugram: Prime Minister Narendra Modi and Haryana Chief Minister Manohar Lal Khattar waves to the crowd during 'Jan Vikas' rally, at Sultanpur village, in Gurugram, Monday, Nov. 19, 2018. (PTI Photo/Kamal Kishore)(PTI11_19_2018_000092B)
Gurugram: Prime Minister Narendra Modi and Haryana Chief Minister Manohar Lal Khattar waves to the crowd during 'Jan Vikas' rally, at Sultanpur village, in Gurugram, Monday, Nov. 19, 2018. (PTI Photo/Kamal Kishore)(PTI11_19_2018_000092B)

हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर 12 मई को मतदान है. राज्य की सोनीपत, रोहतक और भिवानी लोकसभा सीटों का चुनावी हाल.

(फोटो: रीतू तोमर)
(फोटो: रीतू तोमर)

सोनीपतः हरियाणा में चुनावी सरगर्मी उफान पर है, लोकसभा चुनाव के छठे चरण के तहत राज्य की सभी 10 सीटों पर 12 मई को मतदान है, ऐसे में हरियाणा की जाट बेल्ट की तीन अहम सीटों सोनीपत, रोहतक और भिवानी-महेंद्रगढ़ में उम्मीदवारों ने प्रचार-प्रसार में पूरी ताकत झोंक दी है.

इस बीच हिसार के बालावास गांव के ग्रामीण बीते 13 दिनों से धरने पर बैठे हैं. इस गांव ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. इनका कहना है कि जिला प्रशासन ने उनकी 59 एकड़ जमीन जबरन बेच दी है.

सोनीपत में लड़ाई हुड्डा बनाम मोदी

दिल्ली से 40 किलोमीटर दूर सोनीपत सीट से कांग्रेस ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर चुनावी दांव चला है तो भाजपा ने मौजूदा सांसद रमेश चंद्र कौशिक को दोबारा मौका दिया है. जननायक जजपा पार्टी (जजपा) से दिग्विजय चौटाला और लोसुपा-बसपा गठबंधन की प्रत्याशी राजबाला सैनी मैदान में हैं, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है.

कांग्रेस की ओर से भूपेंद्र सिंह हुड्डा के चुनाव में खड़े होने से समीकरण बदल गया है. यहां लोगों में मोदी और भाजपा सरकार को लेकर गुस्सा है.

सोनीपत के श्यामनगर में रहने वाले शिक्षक कुलदीप कुमार ने बताया, ‘सोनीपत तो हुड्डा को वोट देने वाला है. भाजपा को जो भी वोट मिलेंगे, वो मोदी के नाम पर पड़ने वाले हैं. इसलिए यहां मुकाबला हुड्डा बनाम मोदी के बीच है.’

इसकी वजह यहां के किसान रमेश दहिया बताते हैं. वे कहते हैं, ‘जीतेगा तो हुड्डा ही. रमेश कौशिक पिछली बार मोदी लहर में जीत गया लेकिन इस बार जनता इसका बोरिया-बिस्तर बांध देगी. हुड्डा के सामने यह टिकने वाला नहीं है, भाजपा को जो वोट पड़ेगा वो मोदी के नाम पर पड़ेगा न कि कौशिक के नाम से क्योंकि वह अहंकारी है.’

सोनीपत के रहने वाले रमेश दहिया. (फोटो: रीतू तोमर)
सोनीपत के रहने वाले रमेश दहिया. (फोटो: रीतू तोमर)

वे कहते हैं, ‘हुड्डा ने बहुत काम किया है. यहां यूनिवर्सिटी खोली. सब्जी मंडी खोली, गोहाना-सोनीपत-जिंद रेलवे लाइन बना दी. दो अंडरपास बनाए गए लेकिन भाजपा ने औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कुछ नहीं किया. सोनीपत में वाटर प्लांट अभी तक चालू नहीं हुआ है जबकि इसे हुड्डा सरकार में बनाया गया था लेकिन भाजपा सरकार ने अभी तक इसे चालू नहीं किया है. यहां तो कांग्रेस की वापसी होने जा रही है.’

शाहजादपुर के किसान योगेश कुमार कहते हैं कि 2014 में इस सीट से रमेश चंद्र कौशिक को 77,414 वोटों से जीते थे लेकिन इस बार मोदी लहर का हौव्वा खत्म है.

वे कहते हैं, ‘हम जायज मुद्दों पर रमेश कौशिक से नाराज हैं. वह 2014 में जीतने के बाद से एक बार भी जनता के बीच नहीं आया. वह बहुत घमंडी इंसान है. वह तो डंके की चोट पर कहता है कि जिसे वोट देना है, वो दे, जिसे नहीं देना मत दे.’

सोनीपत लोकसभा में नौ विधानसभा क्षेत्र हैं. इस सीट से जीते गए उम्मीदवारों की बात करें तो अब तक इस सीट से नौ बार जाट उम्मीदवारों की जीत हुई है. गैर जाट दो बार ही इस सीट से जीते हैं.

चुनाव में इस सीट पर जाति का समीकरण हमेशा चर्चा में रहा है, हुड्डा जाट हैं तो रमेश कौशिक ब्राह्मण हैं. सोनीपत में लगभग साढ़े पांच लाख जाट मतदाता हैं जबकि डेढ़ लाख ब्राह्मण हैं.

भाजपा ने समाज में जातिवाद का जहर घोल दिया

सोनीपत के सिसाना गांव में कुछ बुजुर्ग पेड़ के नीचे बैठे हैं. वे रमेश कौशिक से स्थानीय लोगों की नाराजगी के सवाल पर भड़क जाते हैं.

इनमें से एक बुजुर्ग धर्मवीर कहते हैं, ‘भाजपा सरकार ने यहां जातिवाद का जहर घोल दिया है. हम 36 बिरादरी मिलकर रहने वाले लोग हैं. कौशिक तो घमंडी इंसान है, उसे जो वोट मिलेगा, मोदी की वजह से मिलेगा. यहां के लोग अगर भाजपा को वोट देंगे तो वह वोट मोदी के नाम पर होगा. यहां मुकाबला हुड्डा-कौशिक का नहीं हुड्डा-मोदी के बीच का है. मोदी सरकार ने किसान, मजदूरों सबको खत्म कर दिया है. वे (मोदी) अगर यहां आएंगे भी ना तो हम उन्हें यहां से खदेड़ देंगे.’

वे कहते हैं,  ‘2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी, तब गेहूं का भाव 1,540 रुपये प्रति क्विंटल था लेकिन अब यह 300 रुपये बढ़ गया है. उस वक्त डीएपी खाद की एक बोरी 800 रुपये की थी अब 1400-1500 रुपये की हो गई है. किसानों को फसल का वाजिब दाम भी नहीं मिल रहा. सरकार ने ऐलान तो कर दिया है कि वे किसानों की फसल खरीदेंगे लेकिन इस तरह की शर्तें लगा दी हैं, जिन्हें किसान पूरा ही नहीं कर पा रहा है.’

वे कहते हैं, ‘मैं पहले मोदी जी का बहुत बड़ा प्रशंसक था लेकिन उनके झूठे वादों और ढकोसलों से हम ठगा हुआ महसूस करते हैं.’

गांव के महताब कहते हैं, ‘नोटबंदी के दौरान किसान कुचला गया. नोटबंदी के बाद एक साल तक किसान परेशान रहा. यहां सोनीपत में हमारे पड़ोस में ही कई लोगों की शादियां टूट गई थीं. हमने तो बैंकों की कतार में किसी अमीर आदमी को खड़ा नहीं देखा. हुड्डा जमीन से जुड़ा नेता है जबकि कौशिक अहंकारी है. वह कभी लोगों से नहीं मिलता.’

सोनीपत में सात मई को भूपेंद्र सिंह हुड्डा का रोड शो हुआ था. रोड शो से पहले हुड्डा ने अपनी चुनावी संबोधन में लोगों से कहा था, ‘अगर आप लोगों के खाते में 15 लाख रुपये आ गए हो तो आपका फर्ज बनता है कि आप भाजपा को वोट देना और अगर नहीं आए तो कांग्रेस को वोट दें.’

उन्होंने कहा था कि भाजपा सरकार 20 साल से राम मंदिर के मुद्दे को भुना रही है. चुनाव पास आते ही इनके राम मंदिर का राग शुरू हो जाता है.

हुड्डा ने कहा, ‘चलिए एक डील करते हैं, आप इस सीट से मुझे जिताइए, मैं आपसे वादा करता हूं कि अगले कुछ महीनों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में मैं आपकी सरकार बनाऊंगा.’

उन्होंने कहा था कि कांग्रेस 36 बिरादरी की पार्टी है, जिसमें मजदूर, किसान, व्यापारी सभी शामिल हैं.

हुड्डा ने लोगों से वादा किया कि चुनाव जीतने के बाद वह दिल्ली-सोनीपत मेट्रो पर काम शुरू करेंगे. यहां रेल कारखाना खुलवाएंगे, जिससे युवाओं को रोजगार मिलेगा.

रोहतक में जाट बनाम गैर जाट 

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रोहतक में लगा कांग्रेस का पोस्टर. (फोटो: रीतू तोमर)

सोनीपत से सटी रोहतक सीट हुड्डा परिवार का गढ़ रही है. यहां से भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. वह यहां के मौजूदा सांसद भी हैं और इस सीट से तीन बार जीत चुके हैं. दीपेंद्र हुड्डा 2014 में मोदी लहर में भी 1.70 लाख वोटों से जीते थे. वहीं भाजपा ने अरविंद शर्मा पर दांव चला है. अरविंद पहले कांग्रेस में थे.

स्थानीय लोगों का कहना है कि रोहतक में दीपेंद्र और अरविंद के बीच में मुकाबला है.

रोहतक में हुड्डा कॉम्पलेक्स के रहने वाले कपिल गुलाटी कहते हैं, ‘यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है. दीपेंद्र तीन बार यहां से जीत चुके हैं. यह जाट बेल्ट है तो जाट पूरा जोर लगा देंगे कि इस सीट से जूनियर हुड्डा ही जीतें.’

रोहतक के रहने वाले कपिल गुलाटी. (फोटो: रीतू तोमर)
रोहतक के रहने वाले कपिल गुलाटी. (फोटो: रीतू तोमर)

कपिल कहते हैं, ‘असल में भाजपा ने अरविंद शर्मा को यहां से टिकट देकर अपना तुरुप का पत्ता चल दिया है क्योंकि 2016 के जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में यहां के गैर जाट समुदायों में जाटों को लेकर गुस्सा है इसलिए यह लड़ाई अब जाट बनाम गैर-जाटों की हो गई है, अरविंद शर्मा ब्राह्मण समुदाय से है तो उन्हें गैर-जाटों का समर्थन मिल सकता है.’

झज्जर रोड के रहने वाले बीरेंद्र कुमार कहते हैं, ‘चुनाव में जाट आंदोलन के दौरान हिंसा भी बड़ी भूमिका निभाएगा. इस बार कड़ी टक्कर है. दीपेंद्र चुनाव हार भी सकता है.’

बीरेंद्र कहते हैं कि यहां स्थानीय मुद्दों पर भी वोटिंग होगी. रोहतक में पानी की किल्लत है. चेनस्नैचिंग से लोग परेशान हैं. सुरक्षा भी एक बड़ा मुद्दा है.

वे आरोप लगाते हुए कहते हैं कि 2016 में रोहतक में जाटों ने जो दुकानें लूटी थीं, उसे लेकर लोगों में गुस्सा है. यहां जाट-गैर जाट का मुद्दा गरम है और यही ध्यान में रखकर लोग मतदान केंद्र का रुख करेंगे.

भिवानी-महेंद्रगढ़ः मोदी से राष्ट्रवाद का सर्टिफिकेट लेने की ज़रूरत नहीं

2008 से पहले भिवानी और महेंद्रगढ़ अलग-अलग सीटें थीं, लेकिन 2009 में इन्हें मिलाकर एक लोकसभा सीट कर दिया गया. इसमें नौ विधानसभा क्षेत्र हैं. यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस की श्रुति चौधरी और भाजपा के धर्मबीर सिंह के बीच है. श्रुति हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कद्दावर नेता रहे बंसीलाल की पोती हैं, जबकि धर्मबीर सिंह भिवानी-महेंद्रगढ़ के मौजूदा सांसद हैं.

भिवानी में चुनाव के दौरान स्थानीय विकास और रोजगार मुद्दे बने हुए हैं. यहां के लोग हवा-हवाई बातों से ऊब चुके हैं.

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भिवानी में बैठे कुछ बुजुर्ग. (फोटो: रीतू तोमर)

भिवानी की राजीव कॉलोनी में रहने वाले संदीप सांगवान कहते हैं, ‘हम इस देश के नागरिक हैं और हम राष्ट्रवादी हैं. हमें राष्ट्रवाद के लिए मोदी या किसी और के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. हरियाणा के लोग बहुत मिलनसार हैं. यहां 36 बिरादरी मिल-जुलकर रहती आई है लेकिन इन्होंने (मोदी सरकार) समाज को बांटने का काम किया. मोदी ने हरियाणा में नफरत के बीज बो दिए हैं, जातिवाद का जहर घोल दिया है.’

यहां जाटों की संख्या सर्वाधिक है, इसके बाद यादव हैं. यहां चार लाख जाट और तीन लाख यादव मतदाता हैं.

भिवानी के हुड्डा कॉम्पलेक्स सेक्टर 13 में रहने वाले महेंद्र सिंह कहते हैं, ‘मोदी सरकार ने हरियाणा की 36 बिरादरी को बांट दिया है. हमारी बेटियों के पढ़ने के लिए स्कूल-कॉलेज नहीं हैं. खट्टर ने 2015 में मुख्यमंत्री बनने से पहले अपने घोषणा-पत्र में कहा था कि दूसरा स्कूल बनाया जाएगा लेकिन अब तक कुछ काम ही नहीं हुआ. 1,592 सरकारी स्कूलों का विलय कर दिया.’

वे कहते हैं, ‘2015 से सरकारी भर्तियां बंद हैं, सरकारी नौकरी नहीं है. रोजगार के लिए राज्य में सीजीएल स्तर की परीक्षा बंद कर दी, जिससे बेरोजगारी बढ़ी हैं. सातवें वेतन आयोग के तहत एचआरए अभी तक नहीं मिला. 90 फीसदी किसानों की जमीन बैंकों में गिरवी पड़ी है. किसानों को अपनी गेहूं की फसल का दाम नहीं मिल रहा. मंडियों में अनाज पड़ा सड़ रहा है, लेकिन उसे खरीदने वाला कोई नहीं है. मजदूर को मजदूरी नहीं मिल रही है. हर वर्ग की अपनी अलग समस्या है.’

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भिवानी के महेंद्र सिंह

महेंद्र आगे कहते हैं, ‘मोदी ने राज्य में जातिवाद का जहर घोल दिया है. यहां धर्म के नाम पर, गाय के नाम पर, जाति के नाम पर हर चीज पर नफरत फैलाई जा रही है. स्थानीय विकास की कोई बात नहीं कर रहा, राम मंदिर, हिंदू-मुसलमान, गाय, भारत-पाकिस्तान इन्हीं में उलाझकर जनता को मूर्ख बनाया जा रहा है. गांवों के विकास, बेरोजगारी, किसानी, बिजली, पानी, सड़क इस पर भाजपा बात ही नहीं करती.’

हालांकि महेंद्र सिंह को कांग्रेस की न्याय योजना की घोषणा से उम्मीदें हैं. वे कहते हैं, ‘न्याय योजना अच्छी है, गरीबों के लिए अच्छी योजना है. मुझे लगता है कि इससे आम जनता को फायदा पहुंचेगा.’

वह कहते हैं, ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ एक ढकोसला है. यहां भिवानी की 80 फीसदी लड़कियों को एडमिशन नहीं मिल रहा. भिवानी में एकमात्र सरकारी स्कूल है, जो दो शिफ्ट में चलता है.’

हालांकि, भिवानी-महेंद्रगढ़ में भी ऐसे लोग कम नहीं हैं, जो मोदी के नाम पर वोट देने की बात कह रहे हैं. यह पूछने पर कि उनके यहां से भाजपा और कांग्रेस की ओर से कौन से उम्मीदवार खड़े हैं?

भिवानी के रहने वाले रजत कुमार कहते हैं, ‘पता नहीं कौन खड़ा है. हमने करना भी क्या है. मोदी को वोट देना है तो कमल का बटन दबा देंगे.’ वजह पूछने पर कहते हैं, ‘आपको पता नहीं क्या, मोदी ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है. हमने ऐसा ही नेता चाहिए, जो देश संभाल सके.’

हिसारः बालावास गांव में चुनाव का बहिष्कार

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हिसार का बालावास गांव, जिसने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया है

हिसार की सीमा शुरू होते ही यहां के बालावास गांव में एक जगह बैनर लगाकर कुछ लोग धरने पर बैठे हैं. ये ग्रामीण गुस्से में हैं, यह गुस्सा जिला प्रशासन, राज्य सरकार और केंद्र के खिलाफ भी है.

वजह जानने पर पता चला कि इस गांव की 59 एकड़ जमीन को जिला प्रशासन ने बेच दिया है, यह जमीन ग्राम पंचायत की थी. इसी के विरोध में गांववाले बीते 12 दिनों से धरने पर हैं.

हिसार के विधान नगर के रहने वाले राजेश कुमार कहते हैं, ‘हिसार के बालावास गांव ने जिला प्रशासन की तानाशाही के खिलाफ लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया है. हमारी 59 एकड़ जमीन को मनमाने तरीके से जिला प्रशासन ने बेच दिया है और जब तक इसका समाधान नहीं निकलेगा, हमारा धरना खत्म नहीं होगा.’

वे कहते हैं, ‘ हम राज्य सरकार के प्रतिनिधियों से भी मिल चुके हैं लेकिन कोई समाधान नहीं निकला. अब हम केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखने की सोच रहे हैं.’