‘सांकेतिक प्रतिनिधित्व’ मिलने से नाराज़ जदयू मोदी मंत्रिमंडल में नहीं हुई शामिल

जदयू के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मोदी मंत्रिमंडल में सांकेतिक रूप से शामिल होने के न्योते को लेकर उनकी पार्टी ने सहमति नहीं दी. उन्होंने कहा कि कोई नाराज़गी नहीं है. हम सब राजग के साथ हैं और रहेंगे.

Patna: Bihar Chief Minister Nitish Kumar addresses the annual day function of Magadh Mahila College in Patna, Friday, January 25, 2019. (PTI Photo) (PTI1_25_2019_000070B)
नीतीश कुमार. (फोटो: पीटीआई)

जदयू के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मोदी मंत्रिमंडल में सांकेतिक रूप से शामिल होने के न्योते को लेकर उनकी पार्टी ने सहमति नहीं दी. उन्होंने कहा कि कोई नाराज़गी नहीं है. हम सब राजग के साथ हैं और रहेंगे.

Patna: Bihar Chief Minister Nitish Kumar addresses the annual day function of Magadh Mahila College in Patna, Friday, January 25, 2019. (PTI Photo) (PTI1_25_2019_000070B)
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: भाजपा की सहयोगी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) मोदी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुई है. मंत्रिमंडल में सांकेतिक प्रतिनिधित्व मिलने की वजह से नाराज पार्टी की ओर से यह कदम उठाया गया है.

प्रभात ख़बर की रिपोर्ट के अनुसार, नई दिल्ली में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के बाद पटना लौटे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि वह भाजपा के साथ है और एनडीए में शामिल रहेंगे.

रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि मोदी मंत्रिमंडल में सांकेतिक रूप से शामिल होने के औपचारिक न्योते को स्वीकार करने के भाजपा के प्रस्ताव पर उनकी पार्टी के लोगों ने सहमति नहीं दी.

मंत्रिमंडल में जेडीयू के शामिल होने को लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से नीतीश कुमार की बात भी हुई. लेकिन, मंत्रिमंडल में सांकेतिक रूप से शामिल होने को जदयू ने स्वीकार नहीं किया.

रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने हमें बुलाया था. उन्होंने सहयोगी दलों को सांकेतिक भागीदारी देने की बात कहते हुए एक विभाग देने को कहा.

नीतीश ने कहा कि हमने कोई भी सीट नहीं मांगी. कोई नाराजगी नहीं है. हम सब एनडीए के साथ हैं और रहेंगे और सरकार के समर्थन में हैं.

प्रभात ख़बर ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि नीतीश कुमार की नाराजगी इस बात पर दिखी कि दो सांसद वाले अकाली दल और छह सांसद वाले एलजेपी के भी एक-एक सदस्य को कैबिनेट मंत्री बनाया गया, जबकि उनकी पार्टी जदयू के 16 सांसद हैं, साथ ही छह सांसद राज्यसभा में हैं. इसके बावजूद केंद्रीय मंत्रिमंडल में सिर्फ सांकेतिक भागीदारी की बात कही गई.

इससे पहले बीते बृहस्पतिवार को जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा था, ‘सरकार में शामिल होने के लिए हमारी पार्टी को भाजपा से आमंत्रण मिला था. लेकिन यह सांकेतिक प्रतिनिधित्व जैसा था.’

उन्होंने कहा कि जदयू में इस सांकेतिक प्रतिनिधित्व को लेकर सहमति नहीं है. लिहाजा हम (जदयू) मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं हो रहे हैं .

जदयू के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘जदयू राजग का हिस्सा बनी रहेगी.’

उन्होंने कहा कि हमें इसे लेकर कोई नाराजगी नहीं है. हमारे नेता नीतीश कुमार शपथ ग्रहण में जाएंगे.

गौरतलब है कि बिहार में जदयू भाजपा की मुख्य सहयोगी पार्टी रही है. लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 17 सीट और जदयू ने 16 सीटों पर जीत दर्ज की थी.

समझा जाता है कि जदयू को मोदी मंत्रिपरिषद में एक स्थान मिल रहा था जो संभवत: राजग की सहयोगी पार्टी को मंजूर नहीं था.

मालूम हो कि अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)