पुदुचेरीः किरण बेदी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री नारायणसामी को भेजा नोटिस

केंद्र और पुदुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की अवकाश पीठ ने निर्देश दिया है कि सात जून को होने वाली कैबिनेट बैठक में लिए किसी भी वित्तीय फैसले को 21 जून तक लागू न किया जाए.

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New Delhi: A view of Supreme Court of India in New Delhi, Thursday, Nov. 1, 2018. (PTI Photo/Ravi Choudhary) (PTI11_1_2018_000197B)
(फोटो: पीटीआई)

केंद्र और पुदुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की अवकाश पीठ ने निर्देश दिया है कि सात जून को होने वाली कैबिनेट बैठक में लिए किसी भी वित्तीय फैसले को 21 जून तक लागू न किया जाए.

New Delhi: A view of Supreme Court of India in New Delhi, Thursday, Nov. 1, 2018. (PTI Photo/Ravi Choudhary) (PTI11_1_2018_000197B)
(सुप्रीम कोर्ट: पीटीआई)

नई दिल्लीः केंद्र शासित प्रदेश पुदुचेरी में उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच जारी अधिकारों की लड़ाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी को नोटिस जारी किया.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और पुदुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मुख्यमंत्री नारायणसामी को यह नोटिस जारी किया.

जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस एमआर शाह की अवकाश पीठ ने यह भी निर्देश दिया कि पुदुचेरी में सात जून को होने वाली कैबिनेट बैठक में लिए किसी भी वित्तीय फैसले को 21 जून तक लागू नहीं किया जाए.

मालूम हो कि उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच अधिकारों की लड़ाई में इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट ने अपने फैसले में मुख्यमंत्री नारायणसामी को बड़ी राहत देते हुए कहा था कि उपराज्यपाल किरण बेदी यहां की निर्वाचित सरकार के रोजमर्रा के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं कर सकती.

हाईकोर्ट के इस फैसले के ख़िलाफ़ किरण बेदी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि केंद्र शासित प्रदेश में प्रशासनिक नियंत्रण के मसले पर मद्रास हाईकोर्ट के आदेश की वजह से नौकरशाही में भ्रम की स्थिति बनी हुई है.

गौरतलब है कि पुदुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने फरवरी महीने में उपराज्यपाल किरण बेदी पर राज्य के कार्यों में गतिरोध पैदा करने का आरोप लगाया था. इसके बाद वह विरोध प्रदर्शन करते हुए राजभवन के सामने धरने पर बैठे थे. उनके साथ इस विरोध प्रदर्शन में उनकी सरकार के सभी पांचों मंत्री, कांग्रेस और द्रमुक के विधायक भी शामिल थे.

उस दौरान उन्होंने बेदी पर चुनी हुई सरकार की अनेक कल्याणकारी कार्यक्रमों को रोकने का आरोप लगाया था. इन कार्यक्रमों में राशनकार्ड धारकों को मुफ्त चावल और पोंगल बोनस दिया जाना और कॉरपोरेशन, सोसायटी और सरकार द्वारा वित्त पोषित निजी स्कूलों के लिए योजनाएंं लागू किया जाना शामिल था.

इस गतिरोध को लेकर अप्रैल महीने में एक याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि पुदुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी के पास केंद्र शासित प्रदेश की दैनिक गतिविधियों में दखल देने का अधिकार नहीं है.

कांग्रेस विधायक के. लक्ष्मीनारायणन की याचिका की सुनवाई करते हुए मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने फैसला दिया कि निर्वाचित सरकार के पास सेवा मामलों पर अधिकार है. साथ ही कोर्ट ने उपराज्यपाल की शक्तियों पर 2017 में केंद्र द्वारा दिए गए दो स्पष्टीकरण आदेशों को रद्द कर दिया था.

मद्रास हाईकोर्ट के इस फैसले के ख़िलाफ़ केंद्र ने भी सुप्रीम कोर्ट  में याचिका दायर की थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)