ब्रिटेन के गृह मंत्री ने जूलियन असांज के अमेरिका प्रत्यर्पण अनुरोध पर किया हस्ताक्षर

ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जावेद ने कहा कि हमारे पास वैध प्रत्यर्पण अनुरोध है, इसलिये मैंने उस पर दस्तखत किए लेकिन अंतिम फैसला अब अदालत को करना है.

विकिलीक्स के सह-संस्थापक जूलियन असांज. (फोटो: रॉयटर्स)

ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जावेद ने कहा कि हमारे पास वैध प्रत्यर्पण अनुरोध है, इसलिये मैंने उस पर दस्तखत किए लेकिन अंतिम फैसला अब अदालत को करना है.

विकिलीक्स के सह-संस्थापक जूलियन असांज. (फोटो: रॉयटर्स)
विकिलीक्स के सह-संस्थापक जूलियन असांज. (फोटो: रॉयटर्स)

लंदन: ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जावेद ने गुरुवार को इस बात की पुष्टि की कि उन्होंने अमेरिकी सरकार के विकिलीक्स के सह संस्थापक जूलियन असांज के प्रत्यर्पण के अनुरोध के बाद एक आदेश पर दस्तखत किये हैं.

अमेरिका ने यह अनुरोध किया ताकि असांजे के खिलाफ अमेरिकी अदालतों में कंप्यूटर हैकिंग के आरोप में मुकदमा चलाया जा सके.

जावेद ने कहा कि फैसले पर विश्लेषण अब ब्रिटेन की अदालतों को करना है कि यह मामला असांजे के अमेरिका प्रत्यर्पण के लिये जरूरी पैमानों पर खरा उतरता है या नहीं.

जावेद ने बीबीसी को बताया, ‘वह अभी सलाखों के पीछे हैं. अमेरिका की तरफ से प्रत्यर्पण के लिये अनुरोध किया गया था जो कल (शुक्रवार को) अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा लेकिन कल (बुधवार को) मैंने प्रत्यर्पण आदेश पर दस्तखत कर दिये और इसे प्रमाणित किया जो कल अदालत के सामने पेश होगा.’

उन्होंने कहा, ‘यह फैसला अंतत: अदालत को करना है लेकिन गृह मंत्री के लिये इसमें एक बेहद अहम हिस्सा होता है और मैं चाहता हूं कि हर बार न्याय होता हो और हमारे पास वैध प्रत्यर्पण अनुरोध है, इसलिये मैंने उस पर दस्तखत किये लेकिन अंतिम फैसला अब अदालत को करना है.’

असांजे पर अमेरिका में कई मामले दर्ज हैं और पिछले महीने वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में तय सुनवाई के लिये वह अपनी खराब सेहत की वजह से पेश नहीं हो पाया था और उसकी अगली सुनवाई लंदन में कड़ी सुरक्षा वाली बेलमार्श जेल में होने की उम्मीद है जहां वह अभी बंद है.

बता दें कि इससे पहले अप्रैल में असांज को लंदन के इक्वाडोरियन दूतावास से गिरफ्तार किया गया था. 47 साल के असांज ने यह कहते हुए दूतावास छोड़ने से इनकार कर दिया था कि अगर उन्होंने ऐसा किया तो उन्हें अमेरिका में प्रत्यर्पित कर दिया जाएगा.

पुलिस ने कहा था कि कोर्ट में आत्मसमर्पण नहीं करने की वजह से उन्हें गिरफ्तार किया गया. अंसाज ने सात साल पहले इक्वाडोर के दूतावास में शरण ली थी.

वहीं, इक्वाडोर के राष्ट्रपति लेनिन मोरेनो ने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय नियमों का बार-बार उल्लंघन करने की वजह से उन्होंने असांज का शरण वापस ले लिया था. हालांकि, विकिलीक्स ने ट्वीट कर कहा था कि इक्वाडोर ने अवैध रूप से असांज के राजनीतिक शरण को खत्म किया और ये अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कानून का उल्लंघन है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)