छत्तीसगढ़ के महासमुंद ज़िले में बिजली कटौती को लेकर गलत समाचार छापने के आरोप में एक पत्रकार को गिरफ़्तार किया गया था. बाद में उन्हें ज़मानत मिल गई. वहीं, राजनांदगांव जिले से एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया गया है.
रायपुर: छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में बिजली बंद को लेकर गलत समाचार छापने के आरोप में पुलिस ने एक स्थानीय पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि बाद में उसे अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया.
इससे पहले 13 जून को राजनांदगांव जिले की पुलिस ने राज्य सरकार पर इन्वर्टर कंपनियों के साथ सांठगांठ का आरोप लगाने तथा इस संबंध में वीडियो के वायरल होने के बाद मांगेलाल अग्रवाल को राजद्रोह और अन्य धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया था.
इसका विरोध होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अग्रवाल पर लगाए राजद्रोह के आरोप को वापस लेने की घोषणा की.
दैनिक भास्कर में छपी खबर के मुताबिक इस मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हस्तक्षेप करते कर डीजीपी डीएम अवस्थी और बिजली कंपनी के चेयरमैन शैलेंद्र शुक्ला से चर्चा कर ये प्रकरण वापस लेने के निर्देश दिए.
बघेल ने कहा, ‘मैं अभिव्यक्ति की आजादी का पक्षधर हूं. राजद्रोह की कार्रवाई उचित नहीं है.’
मुख्यमंत्री ने दोनों अधिकारियों से सवाल किया कि राजद्रोह की धारा कैसे लगी? इस मामले में बिजली कंपनी के विधि विभाग की भूमिका को संदेहास्पद बताया गया है.
बघेल ने यह भी कहा कि युवक के खिलाफ राजद्रोह का केस वापस लिया जाएगा लेकिन उस पर अन्य धाराओं के तहत कार्रवाई होगी.
राजनांदगांव जिले की पुलिस ने कहा कि अग्रवाल के खिलाफ राजद्रोह का सबूत नहीं मिलने के बाद उनके खिलाफ यह आरोप हटाया गया है.
महासमुंद जिले के अनुविभागीय पुलिस अधिकारी नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने शुक्रवार को बताया कि बिजली विभाग के कार्यपालन अभियंता एसके साहू की शिकायत पर पुलिस ने स्थानीय पत्रकार दिलीप शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है.
सूर्यवंशी ने बताया कि शर्मा वेबमोर्चा डॉट कॉम के नाम से वेब पोर्टल चलाते हैं. पिछले दिनों शर्मा ने अपने वेब पोर्टल पर खबर प्रकाशित की थी कि 48 घंटों के दौरान जिले के 50 गावों में ब्लैकआउट की स्थिति है. यह खबर गलत और भ्रामक थी.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि शिकायत के बाद शर्मा को गिरफ्तार कर लिया और स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया.
छत्तीसगढ़ राज्य पावर होल्डिंग कंपनी के सहायक महाप्रबंधक (जनसंपर्क) विजय मिश्रा ने बताया कि राज्य सरकार की नीति है कि राज्य के गांवों और शहरों में 24 घंटे बिजली दी जाए. लेकिन कुछ असामाजिक तत्व बिजली कंपनी को बदनाम करने के लिए ब्लैआउट होने जैसी अफवाह फैला रहे हैं.
मिश्रा ने कहा कि कई बार आंधी और अन्य कारणों से पावर कट की समस्या आती है. वर्तमान में मानसून से पहले का सुधार कार्य चल रहा है जिसकी वजह से कुछ समय के लिए पावर कट हो सकता है. बिजली की अधिकता वाले छत्तीसगढ़ राज्य में पावर कट की समस्या नहीं है.
इधर जमानत पर रिहा होने के बाद दिलीप शर्मा ने कहा कि उस पर झूठे आरोप लगाए गए हैं. शर्मा ने कहा कि उसने अपने वेबपोर्टल पर खबर लिखी थी कि महासमुंद जिले के बागबहरा क्षेत्र में छह जून से आठ जून के मध्य 48 घंटों के दौरान ब्लैकआउट था, जो सत्य है.
शर्मा ने आरोप लगाया कि सच्चाई सामने लाने के कारण उन्हें झूठे मामले में फंसाया जा रहा है. शर्मा ने कहा, ‘गुरुवार आधी रात को मुझे अपराधी की तरह घर से उठाया गया और रातभर थाने में रखा गया. इस दौरान मुझे इसका कारण भी नहीं बताया गया.’
राज्य में लोगों की गिरफ्तारी के बाद मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस सरकार पर अलोकतांत्रिक कदम उठाने का आरोप लगाया है.
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि बिजली कटौती को लेकर पूरा प्रदेश हाहाकर कर रहा है. राज्य सरकार बजाय इस अव्यवस्था को दूर करने के इस मुद्दे पर टिप्पणी करने और समाचार लिखने पर पाबंदी लगाने के लिए अलोकतांत्रिक कदम उठाने पर आमादा हो गई है.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ‘मांगेलाल अग्रवाल और दिलीप शर्मा को राजद्रोह और सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार करने के आरोप में गिरफ्तार करके राज्य सरकार ने साबित कर दिया कि उन्हें सरकार चलाने और प्रशासन को साधने की समझ ही नहीं है तथा लोकसभा चुनाव की शर्मनाक पराजय की खीझ अब इस तरह उतारी जा रही है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)