अयोध्या आतंकी हमला मामले में चार दोषियों को उम्रक़ैद, एक आरोपी बरी

अयोध्या में पांच जुलाई 2005 में हुए इस हमले में कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकवादियों और दो स्थानीय लोगों सहित सात लोगों की मौत हो गई थी, जबकि सीआरपीएफ के सात जवान घायल हो गए थे.

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(फोटोः पीटीआई)

अयोध्या में पांच जुलाई 2005 में हुए इस हमले में कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकवादियों और दो स्थानीय लोगों सहित सात लोगों की मौत हो गई थी, जबकि सीआरपीएफ के सात जवान घायल हो गए थे.

Court Hammer (2)

अयोध्याः उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 2005 में हुए आतंकी हमले के मामले में इलाहाबाद की एक विशेष अदालत ने चार दोषियों को मंगलवार को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जबकि सबूतों के अभाव में एक को बरी कर दिया.

विशेष जज (एससी/एसटी) दिनेश चंद्र ने यह फैसला सुनाया.

सरकारी वकील गुलाब चंद्र अग्रहरि ने संवाददाताओं को बताया कि डॉक्टर इरफान, शकील अहमद, आसिफ इकबाल और मोहम्मद नसीम को मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. प्रत्येक पर 2.4 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. वहीं, एक अन्य आरोपी  मोहम्मद अजीज़ को बरी कर दिया गया.

वकील अग्रहरि ने बताया कि पांच जुलाई, 2005 को अयोध्या में हुए आतंकी हमले में मोहम्मद नसीम ने पाकिस्तानी आतंकवादी कारी के कहने पर मोबाइल का सिम लिया था और अजीज ने सिम लेने के लिए दस्तावेजों का सत्यापन किया था, जिस वाहन (संख्या जेके 12-0267) से हमले के लिए हथियार लाए गए, वह मोहम्मद शकील का था. इसके लिए 2.20 लाख रुपये में कारी ने सौदा तय कराया था.

अग्रहरि ने बताया कि शकील को यह रकम दे दी गई थी, लेकिन उसे यह कहा गया था कि गाड़ी आपके नाम पर ही रहेगी. इसी वाहन से पांच जून, 2005 को हथियार अलीगढ़ लाए गए थे. अलीगढ़ में हथियार रखने के बाद सात जून, 2005 को वाहन जम्मू भेजा गया था.

उन्होंने आतंकी हमले में आसिफ इकबाल की भूमिका के बारे में बताया कि वह मुख्य आरोपी था. आतंकी कारी ने नसीम द्वारा खरीदा गया सिम आसिफ इकबाल को दिया था.

अग्रहरि ने बताया कि अयोध्या आतंकी हमले में सीआरपीएफ के साथ मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों में से एक की पहचान अरशद के रूप में हुई है. अभी तक इस मामले में 371 तारीखें लगीं और 63 लोगों की गवाही हुई.

गौरतलब है कि पांच जुलाई, 2005 को अयोध्या में हुए आतंकी हमले में दो स्थानीय लोग मारे गए थे और सीआरपीएफ के सात जवान घायल हुए थे. वहीं कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद के पांच सदस्यों को घटनास्थल पर ही मार गिराया गया था.

इस हमले में कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकवादियों और दो स्थानीय लोगों (रमेश पांडा और शांति देवी) सहित सात लोगों की मौत हो गई थी जबकि सीआरपीएफ के सात जवान घायल हो गए थे.

उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों डॉ. इरफान, आशिक इकबाल उर्फ फारुक, शकील अहमद, मोहम्मद नसीम और मोहम्मद अजीज को गिरफ्तार किया था और इन्हें इलाहाबाद की नैनी जेल में रखा गया था. डॉ. इरफान सहारनपुर का रहने वाला है, जबकि बाकि आरोपी जम्मू कश्मीर के पूंछ के रहने वाले हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ) 

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