हरियाणा: गैंगरेप के बाद महिला की बर्बरतापूर्ण हत्या, शव को कुत्तों ने नोचा

एक तरफ़ महिला सुरक्षा के लिए 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' जैसे अभियान चल रहे हैं, दूसरी तरफ़, महिलाओं के ख़िलाफ़ यौन अपराध और हिंसा में कमी नहीं आ रही है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: Jared Rodriguez /Truthout)

एक तरफ़ महिला सुरक्षा के लिए ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे अभियान चल रहे हैं, दूसरी तरफ़, महिलाओं के ख़िलाफ़ यौन अपराध और हिंसा में कमी नहीं आ रही है.

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हरियाणा में दिल्ली के निर्भया कांड जैसी एक घटना सामने आई है, जिसमें युवती के साथ बर्बरता की सारी हदें पार कर दी गईं. हरियाणा के सोनीपत से एक युवती का अपहरण करके उसे रोहतक लाया गया और फिर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया. बलात्कार के बाद शव को बुरी तरह क्षत-विक्षत कर दिया गया.

समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक, 23 वर्षीय एक महिला का अपहरण किया गया, उसके साथ सामूहिक बलात्कार हुआ और उसके बुरी तरह क्षत विक्षत शव को फेंक दिया गया जिसे कुत्तों ने चबा लिया. इस सिलसिले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ़्तार किया है. पुलिस का दावा है कि गिरफ्तार दोनों लोगों में से एक महिला का परिचित है.’

यह भयावह घटना निर्भया सामूहिक बलात्कार मामले में दोषियों को उच्चतम न्यायालय से फांसी की सज़ा मिलने के कुछ दिनों बाद सामने आई है.

परिचित युवक ने दिया वारदात को अंजाम

इससे पहले रोहतक के अर्बन इस्टेट इलाके में 11 मई को एक राहगीर ने महिला का शव देखा. पुलिस अधिकारियों ने बताया है कि आवारा कुत्तों ने महिला के शरीर के निचले हिस्से को नोच डाला है. पुलिस के बयान के मुताबिक, महिला का तलाक़ हो चुका था. 9 मई की रात को सोनीपत से उसका अपहरण किया गया और कार में उसे रोहतक ले जाया गया. पीड़िता के परिजन ने सोनीपत थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

सोनीपत पुलिस के उपनिरीक्षक अजय मलिक के मुताबिक, ऐसा लगता है कि पीड़िता से पहले बलात्कार हुआ और फिर संदिग्धों ने ईंट से उसके चेहरे को कुचल दिया, ताकि उसकी पहचान न हो सके. उसके सिर में गंभीर जख़्म हैं.

मलिक ने कहा, इस सिलसिले में दो लोगों सुमित और विकास को गिरफ़्तार किया गया है. दोनों को अदालत ने दो दिनों के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. पुलिस ने बताया कि सुमित पीड़िता का परिचित है और वह उस पर शादी के लिए कथित तौर पर दबाव बना रहा था.

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों आरोपियों के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया गया है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस कांड को दुर्भाग्यपूर्ण क़रार दिया और कहा कि घटना की जांच की जा रही है. दोषियों को बख़्शा नहीं जाएगा.

आजतक की ख़बर के मुताबिक, ‘युवती काम से वापस घर लौटने के दौरान सड़क किनारे रिक्शे का इंतज़ार कर रही थी. तभी कुछ युवकों ने उसे ज़बरन एक कार में बैठा लिया और वहां से फ़रार हो गए. चलती कार में लड़कों ने युवती के साथ बारी-बारी से बलात्कार किया. इसके बाद उसे रोहतक ले गए और पार्श्वनाथ कॉलोनी में उसे क़ैद कर लिया. 9 मई से 11 मई तक लड़की के साथ दरिंदगी की गई. 11 मई को उसकी लाश को क्षत विक्षत करके फेंक दिया.’

शव को बुरी तरह क्षत विक्षत किया

ख़बर के मुताबिक, ‘हैवानों ने लड़की के चेहरे को पत्थर से बुरी तरह कुचल डाला था. उसके जिस्म पर तेज़ धार हथियार के निशान थे. जिस्म गहरी चोटों से भरा हुआ था. उसके प्राइवेट पार्ट्स को क्षत-विक्षत कर दिया गया था. सोनीपत में युवती के माता-पिता ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस ने युवती के माता-पिता को बुलाकर लाश की शिनाख़्त की. शक के आधार पर पुलिस ने सुमित नामक एक युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो सारा सच सामने आ गया. सुमित उस युवती को पहले से जानता था, वह उसे पसंद करता था और शादी करना चाहता था. लेकिन युवती ने शादी से इनकार कर दिया. सुमित ने उससे इसी बात का बदला लिया.’

दैनिक जागरण की एक ख़बर में कहा गया है कि ‘अभियुक्तों ने अपहरण के बाद युवती से कहा कि वे उसे रोहतक में तिलियार झील पर घुमाने के लिए ले जा रहे हैं और कुछ देर बाद छोड़ देंगे. पुलिस का कहना है कि अभियुक्तों ने युवती के अपहरण के बाद अपनी कार रोहतक-सोनीपत रोड के एक ढाबे पर रोकी. वहां से दाल-चावल और दही लिया. खाने में उन्होंने कोई नशीला पदार्थ मिला दिया, जिससे युवती बेहोश हो गई. दोनों युवक बेहोशी की हालत में उसे कॉलोनी के एक ख़ाली प्लॉट में ले गए और बलात्कार किया.

दो साल पहले भी रोहतक में हुआ था ऐसा ही कांड

इससे पहले फरवरी, 2015 में भी रोहतक में ऐसा ही एक बर्बरतापूर्ण कांड हो चुका है. एक मंदबुद्धि नेपाली युवती, जिसके परिजन उसे पीजीआई में इलाज के लिए लाए थे, अचानक ग़ायब हो गई थी. तीन दिन बाद उसका शव मिला. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि उसके साथ बेरहमी से बलात्कार किया है और फिर हत्या कर दी गई है.

युवती के शरीर में कांच के टुकड़े, पत्थर, ब्लेड, कंडोम और लोहे की रॉड आदि डाले गए थे. इस मामले में रोहतक पुलिस आठ युवकों को गिरफ़्तार किया था. दस महीने की सुनवाई के बाद कोर्ट ने सात को फांसी की सज़ा सुनाई. नेपाली मूल का एक युवक नाबालिग था, जो फ़िलहाल बाल सुधार गृह में है.

घटना पर राजनीति शुरू

इस ताज़ा घटना ने राजनीतिक रंग ले लिया है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस घटना पर हरियाणा सरकार की आलोचना करते हुए क़ानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. सोनिया गांधी ने एक ट्वीट में कहा, ‘इस क्रूर और दिल को दहला देने वाली घटना ने देश की अंतरात्मा को झकझोर दिया है. यह घटना बताती है कि हमें महिला सुरक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान देने की ज़रूरत है.’

कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा है कि वे इस मामले को संसद में उठाएंगे. पंजाब केसरी के मुताबिक, ‘पीड़िता के घर नेताअों का तांता लग गया है. रविवार को पीड़िता के घर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला, हरियाणा की कैबिनेट मंत्री कविता जैन, कांग्रेस की महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष शोभा ओझा के साथ-साथ कई अन्य नेता और महिला संगठनों के लोग पहुंचे. सभी ने पीड़ित परिवार को सांत्वना दी. महिला कांग्रेस ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए सीएम का घेराव करने की बात कही है.

ख़बर के मुताबिक, पीड़िता का परिवार बहुत ग़रीब है और डरा हुआ है. युवती के परिजनों का कहना है कि उन्हें जान का ख़तरा है.

महिला आयोग ने लिया स्वत: संज्ञान

द हिंदू की ख़बर के मुताबिक, राष्ट्रीय महिला आयोग ने रविवार को इस घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए सोनीपत के लिए दो सदस्यीय टीम रवाना की है. आयोग की अध्यक्ष ललिता कुमारमंगलम ने कहा, ‘रविवार सुबह दो सदस्यों की टीम को सोनीपत भेजा गया है. वहां से अंतर्विरोधी सूचनाएं थीं. पीड़िता के भाई ने मुझे बताया कि आरोपियों में से एक व्यक्ति की पुलिस से साठगांठ है, इसलिए पुलिस सुस्ती बरत रही है. आयोग की टीम परिवार से मिलकर डिटेल में रिपोर्ट देगी. उन्होंने कहा, हमने इस संबंध में हरियाणा सरकार को भी पत्र लिखा है.

नोएडा: छात्रा के साथ चलती कार में बलात्कार का प्रयास

उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर ज़िले थाना कासना क्षेत्र के एक सरकारी विद्यालय में दसवीं की छात्रा को स्कूल के बाहर से चार युवकों ने अगवा कर लिया और चलती कार में उसाके साथ बलात्कार करने का प्रयास किया.

ग्रेटर नोएडा के पुलिस उपाधीक्षक अभिनंदन ने बताया कि छात्रा शनिवार सुबह अपने घर से स्कूल निकली थी. जैसे ही वह स्कूल के गेट पर पहुंची हरेंद्र अपने साथी हितेश आदि के साथ वहां आया और छछात्रा को जबरन कार में बैठा लिया. स्कूल ने तुरंत घटना की सूचना छात्रा के परिजनों को दी.

परिजनों ने मामले की सूचना पुलिस को दी. पुलिस और छात्रा के परिजनों के दबाव के चलते आरोपी डर गए और उन्होंने छात्रा को ग्रेटर नोएडा के रेडिसन होटल के सामने चलती कार से सड़क किनारे फेंक दिया. उसे गंभीर हालत में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. छात्रा ने पुलिस को बताया है कि आरोपियों ने उसके साथ चलती कार में बलात्कार करने का प्रयास किया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

नई दिल्ली: शादी से इनकार किया तो कर दी हत्या

दिल्ली में शादी से इनकार करने पर एक युवती की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिससे उसकी मौत हो गई. मामला राजधानी के खिड़की एक्सटेंशन का है. पुलिस के मुताबिक, शुक्रवार रात बजे खिड़की एक्सटेंशन में रह रही सोनम 24 की गोली मार दी गई, जिससे उसकी मौत हो गई. सोनम के भाई अजीत के मुताबिक, सोनम की मनोज नाम के एक लड़के से दोस्ती थी. मनोज सोनम से शादी करना चाहता था, लेकिन सोनम ने मना कर दिया था. पुलिस ने सीसीटीवी की मदद से तीन हथियारबंद युवकों को चिन्हित किया है. मनोज को और उसके एक दोस्त को गिरफ़्तार कर लिया है.

नई दिल्ली: ‘यौन अपराध के मामले में अधिक उम्र नहीं हो सकती सांकेतिक सज़ा का आधार’

दिल्ली की एक अदालत ने कहा है कि यौन अपराध के मामले में अधिक उम्र सांकेतिक सज़ा का आधार नहीं हो सकती. अदालत 61 साल के एक व्यक्ति द्वारा छह साल की बच्ची को निर्वस्त्र किए जाने तथा फिर उससे छेड़छाड़ किए जाने से संबंधित मामले में सुनवाई कर रही थी.

अदालत ने कहा कि यौन अपराध के मामले में आरोपी की उम्र को देखते हुए उसे केवल सांकेतिक सज़ा दिया जाना ठीक नहीं रहेगा. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पवन कुमार जैन ने कहा, इस बात में कोई संदेह नहीं है कि अधिक उम्र तथा पूर्व में साफ छवि का रहना अपीलकर्ता की सज़ा की मात्रा तय करने के उपयुक्त कारक होते हैं, लेकिन यह तथ्य कि अपीलकर्ता ने एक बच्ची की गरिमा को नुकसान पहुंचाया है, ऐसे में मेरा मत है कि याचिका सांकेतिक सज़ा देने योग्य नहीं है, लेकिन निश्चित तौर पर सज़ा कम करने योग्य है.

न्यायाधीश ने उत्तरी दिल्ली निवासी अनिल प्रकाश की दोषसिद्धि बरक़रार रखी. न्यायाधीश ने कहा, बच्ची को निर्वस्त्र करना उसका शीलभंग करने के बराबर है. इसलिए मेरा मानना है कि अपीलकर्ता को दोषी ठहराने के लिए बच्ची की मां का बयान पर्याप्त है. अदालत ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि दोषी सात साल से मुक़दमे का सामना कर रहा है, उसकी सज़ा को दो साल से घटाकर छह महीने के कठोर कारावास में तब्दील कर दिया. उस पर 30 हज़ार रुपये का ज़ुर्माना भी लगाया जो पीड़ित को दिया जाएगा.

बच्ची 12 अगस्त, 2010 को अपने घर से लापता हो गई थी. बच्ची की तलाश में उसकी मां प्रकाश के घर पहुंची जहां उसे अपनी बेटी निर्वस्त्र पड़ी मिली और व्यक्ति उससे छेड़छाड़ कर रहा था. इसके बाद प्रकाश घटनास्थल से फ़रार हो गया और बच्ची की मां ने पुलिस में मामला दर्ज कराया. पुलिस ने व्यक्ति को पकड़ लिया था. मजिस्ट्रेट अदालत ने साक्ष्य और बच्ची की गवाही पर विचार करते हुए व्यक्ति को दो साल क़ैद तथा 40 हज़ार रुपये के ज़ुर्माने की सज़ा सुनाई थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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