छेड़खानी रोकने के लिए पश्चिम बंगाल के स्कूल का आदेश, अलग-अलग दिन स्कूल आएं लड़के-लड़कियां

शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा, इस तरह के फैसलों का कभी समर्थन नहीं किया जा सकता और इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए.

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(फोटो: रॉयटर्स)

शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा, इस तरह के फैसलों का कभी समर्थन नहीं किया जा सकता और इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए.

Schoolgirls sit inside their classroom before collecting their free mid-day meals, being distributed by a government-run primary school, in New Delhi May 8, 2013. India may soon pass a new law to give millions more people cheap food, fulfilling an election promise of the ruling Congress party that could cost about $23 billion a year and take a third of annual grain production. The National Food Security Bill, which aims to feed 70 percent of the population, could widen India's already swollen budget deficit next year, increasing the risk to its coveted investment-grade status. REUTERS/Mansi Thapliyal (INDIA - Tags: EDUCATION POLITICS FOOD) - RTXZEKN
(प्रतीकात्मक तस्वीर: रॉयटर्स)

मालदा: छेड़खानी की घटनाओं को रोकने के लिए पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के एक सरकारी स्कूल ने एक बेहद अजीब सा निर्देश जारी किया है. इस निर्देश के तहत छात्र-छात्राएं अलग-अलग दिनों में स्कूल आएंगे.

मालदा के हबीबपुर क्षेत्र के गिरिजा सुंदरी विद्या मंदिर के फैसले पर प्रशासन ने ऐतराज जताया है. उन्होंने इस कदम को ‘अजीब’ बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की.

इस स्कूल के प्रिंसिपल रविंद्रनाथ पांडे ने दावा किया कि छेड़खानी की कई घटनाएं सामने आने के बाद स्कूल इस कदम को उठाने के लिए मजबूर था.

पांडे ने कहा, ‘यह फैसला किया गया कि लड़कियां सोमवार, मंगलवार और शुक्रवार को और लड़के मंगलवार, बृहस्पतिवार और शनिवार को स्कूल आएंगे.’
हालांकि शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं.

उन्होंने कहा, ‘इस तरह के फैसलों का कभी समर्थन नहीं किया जा सकता. हमने अधिकारियों को इस मामले की जांच करने को कहा है और इस आदेश को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए.’

पश्चिम बंगाल काउंसिल ऑफ हायर सेकेंडरी एजुकेशन के अध्यक्ष महुआ दास ने इस निर्देश को ‘विचित्र’ बताया और कहा कि विभाग से सलाह नहीं ली गई थी.