सरकार की बुराई करने वालों को फौरन ‘राष्ट्रविरोधी’ कह दिया जाता है: शबाना आज़मी

मध्य प्रदेश में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता शबाना आज़मी ने कहा कि हमारे मुल्क की अच्छाई के लिए जरूरी है कि हम इसकी बुराइयां भी बताएं. अगर हम बुराइयां बताएंगे ही नहीं, तो हालात में सुधार कैसे लाएंगे?

अभिनेत्री एवं सामाजिक कार्यकर्ता शबाना आजमी. (फोटो साभार: फेसबुक)

मध्य प्रदेश में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता शबाना आज़मी ने कहा कि हमारे मुल्क की अच्छाई के लिए जरूरी है कि हम इसकी बुराइयां भी बताएं. अगर हम बुराइयां बताएंगे ही नहीं, तो हालात में सुधार कैसे लाएंगे?

अभिनेत्री एवं सामाजिक कार्यकर्ता शबाना आजमी. (फोटो साभार: फेसबुक)
अभिनेत्री एवं सामाजिक कार्यकर्ता शबाना आजमी. (फोटो साभार: फेसबुक)

इंदौर: देश की कमियों को दूर करने के लिये इन्हें सामने लाये जाने की जरूरत पर जोर देते हुए मशहूर फिल्म अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता शबाना आजमी ने शनिवार रात कहा कि माहौल कुछ इस तरह का बनाया जा रहा है कि सरकार की बुराई करने वाले लोगों को तत्काल ‘राष्ट्रविरोधी’ कह दिया जाता है.

शबाना ने मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक कार्यक्रम में कहा, ‘हमारे मुल्क की अच्छाई के लिए जरूरी है कि हम इसकी बुराइयां भी बतायें. अगर हम बुराइयां बतायेंगे ही नहीं, तो हालात में सुधार कैसे लायेंगे? लेकिन वातावरण इस तरह का बन रहा है कि अगर आपने खासकर सरकार की बुराई की, तो आपको फौरन ‘राष्ट्रविरोधी’ कह दिया जाता है.’

उन्होंने कहा, ‘हमें इससे डरना नहीं चाहिये और इनके सर्टिफिकेट की किसी को जरूरत भी नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘हम गंगा-जमुनी तहजीब में पले-बढ़े हैं. हमें मौजूदा हालात के आगे घुटने नहीं टेकने चाहिये.’

आजमी ने साम्प्रदायिकता का विरोध करते हुए कहा, ‘हिंदुस्तान एक खूबसूरत मुल्क है. लोगों को बांटने की कोशिश इस मुल्क के लिये सही नहीं हो सकती.’

मशहूर अभिनेत्री ने यह भी कहा कि सांप्रदायिक दंगों से सबसे ज्यादा तकलीफ महिलाओं को होती है.

उन्होंने कहा, ‘दंगों से एक महिला का घर बर्बाद होता है, उसके बच्चे बेघर होते हैं और वे स्कूल नहीं जा पाते. साम्प्रदायिकता की सबसे बड़ी शिकार महिला ही बनती है.’

आधी आबादी के हित में उल्लेखनीय योगदान के लिये आजमी को शहर के आनंदमोहन माथुर चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से ‘कुंती माथुर सम्मान’ से नवाजा गया. वह सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रही थीं.

कार्यक्रम में वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और उनकी पत्नी अमृता सिंह भी मौजूद थीं.

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, मालेगांव विस्फोट की आरोपी और भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर की आलोचना करते हुए सिंह ने कहा, ‘महात्मा गांधी की हत्या करने वाले शख्स को आज देशभक्त बताकर सम्मानित किया जा रहा है. ऐसी खबरें आ रही हैं कि नाथूराम गोडसे की मूर्ति बनाई जा रही है, क्या हमें इसके खिलाफ आवाज नहीं उठानी चाहिए?’

उन्होंने कहा कि फेक न्यूज आतंकवाद से भी बड़ा खतरा बन गया है और यहां नफरत एवं द्वेष का माहौल बन चुका है.

बता दें कि, हाल में सम्पन्न हुए लोकसभा चुनाव में प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने दिग्विजय सिंह को हरा दिया था.

इसके साथ ही सिंह ने नगर निगम के अधिकारी को क्रिकेट बैट से पीटने को लेकर सिंह ने विधायक आकाश विजयवर्गीय की आलोचना की. उन्होंने कहा, ‘आकाश के पिता (कैलाश विजयवर्गीय) जूता दिखाते हैं जबकि उनके बेटे बैट.’

वहीं, भगवान राम को लेकर अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के बयान पर सिंह ने कहा कि संघ की विचारधारा महिला विरोधी है. उन्होंने कहा, ‘संघ महिला विरोधी है. आखिर वे भगवान राम के साथ सिता जी का नाम क्यों नहीं लेते हैं. वे ‘जय सिया राम’ क्यों नहीं कहते हैं.’

बता दें कि, शुक्रवार को नोबेल विजेता सेन ने कहा था कि आजकल ‘जय श्री राम’ का नारा लोगों को पीटने के लिए इस्तेमाल किया जाता है और इसका बंगाली संस्कृति से कोई संबंध नहीं है.