मरियम नवाज़ का आरोप, नवाज़ शरीफ को दोषी ठहराने के लिए जज को किया गया ब्लैकमेल

भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ 24 दिसंबर 2018 से कोट लखपत जेल में बंद हैं. उन्हें इस मामले में सात साल के कारावास की सज़ा सुनाई गई है.

नवाज़ शरीफ (फोटो: रायटर्स)

भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ 24 दिसंबर 2018 से कोट लखपत जेल में बंद हैं. उन्हें इस मामले में सात साल के कारावास की सज़ा सुनाई गई है.

नवाज़ शरीफ (फोटो: रायटर्स)
नवाज़ शरीफ (फोटो: रायटर्स)

लाहौर: पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की नेता मरियम नवाज ने एक वीडियो क्लिप जारी किया है, जिसमें जवाबदेही अदालत के एक न्यायाधीश कथित तौर यह स्वीकार करते नजर आ रहे हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराने के लिए उन्हें ‘ब्लैकमेल किया गया और उन पर दबाव डाला गया था.’

लाहौर में शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मरियम ने कहा कि उनके 69 वर्षीय पिता को लेकर समूची न्यायिक प्रक्रिया को गंभीर रूप से प्रभावित किया गया. इस दौरान पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे.

नवाज शरीफ अल अजीजिया स्टील मिल मामले में भ्रष्टाचार के दोषी ठहराए जाने के बाद 24 दिसंबर 2018 से कोट लखपत जेल में बंद हैं. उन्हें इस मामले में सात साल के कारावास की सजा सुनाई गई है.

बता दें कि पनामा पेपर मामले में सुप्रीम कोर्ट के 28 जुलाई, 2017 के आदेश के बाद नवाज शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के तीन मामले दर्ज किए गए थे.

हालांकि, शरीफ और उनके परिवार ने कुछ भी गलत करने से इनकार करते हुए आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के जो भी मामले हैं, वे राजनीति से प्रेरित हैं.

मरियम का दावा है कि जवाबदेही अदालत इस्लामाबाद के न्यायाधीश अरशद मलिक ने उनकी पार्टी के समर्थक नसीर भट्ट के साथ बातचीत में यह स्वीकार किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ फैसला देने के लिए उन्हें ‘(अज्ञात लोगों के द्वारा) ब्लैकमेल और मजबूर’ किया गया.

पाकिस्तान में सत्तारूढ़ इमरान खान सरकार ने कहा है कि वीडियो ‘छेड़छाड़’ से तैयार किया गया है. उन्होंने इस वीडियो का फोरेंसिक ऑडिट कराने की मांग करते हुए इसे ‘न्यायपालिका पर हमला’ करार दिया.

वीडियो में पीएमएल-एन समर्थक नसीर बट के साथ बातचीत के दौरान इस्लामाबाद स्थित जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश मुहम्मद अरशद मलिक दिखाई दे रहे हैं. वीडियो में मलिक कथित रूप से कहते हैं कि शरीफ के खिलाफ फैसला देने के लिए उन्हें ब्लैकमेल और मजबूर किया गया जबकि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई सबूत नहीं था.

वीडियो में वह आगे कहते हैं, ‘मैं खुद को दोषी मानता हूं और जो गलत काम मुझसे जबरदस्ती करवाया गया उसकी वजह से मैं सही से सो नहीं पाता हूं.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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