पाकिस्तान ने भारत के हिस्से को जोड़ने के लिए एक पुल बनाने और भारतीय पासपोर्ट धारकों तथा ओसीआई कार्ड धारकों के लिए वीज़ा मुक्त यात्रा के लिए सहमति दे दी है.
नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान ने अपने बीच के मतभेदों को कम करते हुए करतारपुर कॉरिडोर के लिए रोजना 5000 तीर्थयात्रियों को बिना वीजा आवागमन पर सहमति जताई है.
यह गलियारा सिख श्रद्धालुओं के लिए गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक साहिब से पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब तक जाना सुगम बनाएगा.
अब 5000 तीर्थयात्री इस गलियारे के माध्यम से बिना वीजा के आवागमन कर सकेंगे. उन्हें करतारपुर साहिब जाने के लिए केवल एक परमिट लेना होगा. करतारपुर साहिब को सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने 1522 में स्थापित किया था.
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव एससीएल दास ने किया. इस प्रतिनिधिमंडल में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय,रक्षा मंत्रालय, पंजाब सरकार और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्रतिनिधि शामिल थे.
सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि परियोजना के तौर-तरीकों के संबंध में मसौदा समझौते को अंतिम रूप देने में प्रगति हुई है.
इसमें कहा गया है, ‘भारतीय पासपोर्ट धारकों और ओसीआई कार्डधारकों के लिए एक सप्ताह में सातों दिन के लिए वीजा मुक्त यात्रा की अनुमति दिये जाने पर सहमति जताई गई है. सालभर 5000 यात्रियों को प्रतिदिन करतारपुर साहिब गुरुद्वारे की यात्रा की अनुमति दी जाएगी. तीर्थयात्रियों को व्यक्तिगत रूप से या समूहों में और पैदल भी यात्रा की अनुमति होगी.’
भारत ने पाकिस्तान से अनुरोध किया कि पांच हजार तीर्थयात्रियों को हर रोज गुरुद्वारा की यात्रा की अनुमति दी जाए और विशेष मौकों पर दस हजार अतिरिक्त तीर्थयात्रियों को बिना किसी पाबंदी के अनुमति दी जाए.
अधिकारियों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से जोड़ने वाले चार-लेन के राजमार्ग का निर्माण कार्य पूरे जोरों पर चल रहा है. राजमार्ग के निर्माण का कार्य सितम्बर तक पूरा हो जायेगा. भारत एक अत्याधुनिक यात्री टर्मिनल केन्द्र भी बना रहा है जिसमें 15,000 यात्री बैठ सकते हैं.
भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच वाघा में मैराथन बैठक के बाद एक वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारी मोहम्मद फैसल ने रविवार को कहा कि दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक करतारपुर गलियारे को चालू करने को लेकर और मसौदा समझौते पर 80 प्रतिशत और इससे अधिक सहमति बन गई है.
Dr Mohammad Faisal, Spokesperson of Ministry of Foreign Affairs Pakistan, at Wagah on #KartarpurCorridor talks: 80% and more has been agreed upon in the talks. There might be one more meeting held to discuss the pending issues. pic.twitter.com/A2GcSjDuTj
— ANI (@ANI) July 14, 2019
वाघा में चार घंटे चली दूसरे दौर की वार्ता के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एवं 13 सदस्यीय पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे फैसल ने कहा कि गलियारे के संबंध में हुई वार्ता में सकारात्मक प्रगति हुई है.
उन्होंने कहा, ‘सकारात्मक प्रगति हुई है. दोनों देशों के बीच करतारपुर गलियारा समझौते के संबंध में 80 प्रतिशत और उससे अधिक सहमति बन गई है.’
फैसल ने कहा कि दोनों पक्ष आगामी बैठक में शेष 20 प्रतिशत मामलों को सुलझा लेंगे.
संयुक्त बयान के बारे में पूछे जाने पर फैसल ने कहा, ‘जब तक अंतिम मसौदे पर सहमति नहीं बन जाती, हम इसे साझा नहीं कर सकते. मुझे लगता है कि अनसुलझे मामलों पर हमें एक और बैठक करनी होगी.’
बैठक शुरू होने से पहले फैसल ने कहा था कि पाकिस्तान नवंबर 2019 में गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के लिए समय पर गलियारा चालू करने को लेकर प्रतिबद्ध है.
उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान क्षेत्र में शांति चाहते हैं. वह नवंबर 2019 में गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के लिए समय पर गलियारा चालू करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं.’
भारत ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारा की तीर्थयात्रा को बाधित करने के पाकिस्तान के कुछ व्यक्तियों और समूहों के संभावित प्रयासों को लेकर इस्लामाबाद को एक दस्तावेज सौंपा जिसके बाद इस्लामाबाद ने आश्वासन दिया कि भारत-विरोधी किसी भी गतिविधि की इजाजत नहीं दी जाएगी.
सरकार ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने भारत के हिस्से को जोड़ने के लिए एक पुल बनाने और भारतीय पासपोर्ट धारकों तथा ओसीआई (ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया) कार्ड धारकों के लिए वीजा मुक्त यात्रा के वास्ते ‘सैद्धांतिक रूप में सहमति’ दे दी है.
भारतीय प्रतिनिधिमंडल वाघा सीमा पर स्थानीय समयानुसार सुबह नौ बजे पहुंचा और इसके कुछ ही देर बाद दोनों पक्षों की बैठक आरंभ हो गई.
ऐतिहासिक गलियारे की कार्यप्रणालियों को अंतिम रूप देने के लिए पाकिस्तान और भारत के बीच पहले दौर की वार्ता 14 मार्च को अटारी में ऐसे समय में हुई थी जब दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण स्थिति थी.
पुलवामा में 14 फरवरी को हुए जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था.
Jt. Secy (Internal Security), MHA: Have conveyed to Pakistan&sought their cooperation for the proposal of Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee&Delhi Sikh Gurdwara Management Committee to take out ‘Nagar Kirtan’ from Delhi to Nankana Sahib in Pak. It was on sidelines of meeting https://t.co/TUFsDbbIo1
— ANI (@ANI) July 14, 2019
दूसरे दौर की वार्ता पहले दो अप्रैल को होनी थी लेकिन 10 सदस्यीय पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति में गोपाल सिंह चावला जैसे खालिस्तानी अलगाववादी को नामित किए जाने के बाद भारत ने इसे रद्द कर दिया था.
पाकिस्तान ने वाघा में करतारपुर गलियारे पर भारत के साथ चर्चा करने वाले दल से चावला को हटा दिया. दरअसल भारत ने इस परियोजना पर पाकिस्तान द्वारा नियुक्त समिति में एक प्रमुख खालिस्तानी अलगाववादी की मौजूदगी पर अपनी चिंताओं से पाकिस्तान को अवगत कराया था.
ईवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘चावला को महासचिव पद से हटा दिया गया है और वह पीएसजीपीसी का सदस्य नहीं है. चावला उस पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं है जो वाघा में दूसरे चरण की वार्ता में हिस्सा ले रहा है.’
ईटीपीबी एक वैधानिक बोर्ड है जो विभाजन के बाद भारत में बसने वाले हिंदुओं और सिखों की धार्मिक संपत्तियों तथा मंदिरों का प्रबंधन करता है.
अधिकारी ने बताया कि पीएसजीपीसी के प्रधान तारा सिंह को भी हटा दिया गया है और नए अध्यक्ष तथा महासचिव के चयन के लिए जल्द ही नया चुनाव होगा.
अधिकारी ने बताया, ‘चावला को हटाना इमरान खान सरकार द्वारा नुकसान की भरपाई करने का कदम दिख रहा है.’ उन्होंने बताया कि वह इतना विवादित हो गया कि इमरान खान सरकार पूरे पीएसजीपीसी में सुधार लाने के लिए मजबूर हो गई.
गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में भारत और पाकिस्तान इस गलियारे के निर्माण के लिए सहमत हुए थे. गुरदासपुर जिले में 26 नवंबर को और इसके दो दिन बाद पाकिस्तान के नरोवाल (लाहौर से 125 किमी दूर) में इस गलियारे की आधारशिला रखी गई थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)