2008 मुंबई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड हाफ़िज़ सईद गिरफ़्तार

बीते तीन जुलाई को प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के हाफ़िज़ सईद सहित संगठन के 13 लोगों पर आतंक रोधी अधिनियम के तहत आतंकी वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग के कई केस दर्ज किए गए थे.

जमात-उद-दावा प्रमुख हाफ़िज़ सईद. (फोटो: रॉयटर्स)

बीते तीन जुलाई को प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के हाफ़िज़ सईद सहित संगठन के 13 लोगों पर आतंक रोधी अधिनियम के तहत आतंकी वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग के कई केस दर्ज किए गए थे.

जमात-उद-दावा प्रमुख हाफ़िज़ सईद. (फोटो: रॉयटर्स)
जमात-उद-दावा प्रमुख हाफ़िज़ सईद. (फोटो: रॉयटर्स)

लाहौर: मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड और आतंकी संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) सरगना हाफिज सईद को आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से बुधवार को गिरफ्तार कर लिया.

अधिकारियों ने बताया कि सईद आतंकवाद रोधी अदालत में पेश होने के लिए लाहौर से गुजरांवाला आया था, तभी उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उसके खिलाफ कई मामले लंबित हैं. उन्होंने बताया कि उसे एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया.

सईद के नेतृत्व वाला जेयूडी लश्कर-ए-तैयबा का ही संगठन है, जो 2008 मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार है. इस हमले में 166 लोग मारे गए थे.

अमेरिका के वित्त विभाग ने सईद को आतंकवादी सूची में डाल रखा है और अमेरिका ने 2012 से ही सईद को सजा दिलाने के लिए सूचना देने के वास्ते एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है.

अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव में पाकिस्तानी अधिकारियों ने जेयूडी और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों और आतंकवाद के वित्त पोषण के वास्ते निधि जुटाने के लिए ट्रस्टों के इस्तेमाल के मामलों की जांच शुरू की है.

पाकिस्तान के अखबार डॉन के अनुसार, एक जेयूडी प्रवक्ता ने सईद की गिरफ्तारी की पुष्टि की है.

बता दें कि, बीते 3 जुलाई को प्रतिबंधित संगठन जेयूडी के हाफिज सईद और नईब अब्दुल रहमान मक्की सहित 13लोगों पर आतंक रोधी अधिनियम, 1997 के तहत आतंकी वित्तपोषण और मनी लांड्रिंग के दर्जनों केस दर्ज किए गए थे.

पंजाब में पांच मामले दर्ज करने वाली सीटीडी ने घोषित किया था कि बड़ी संख्या में गैर-लाभकारी संगठनों और ट्रस्टों से जुटाए गए पैसे से जेयूडी आतंक का वित्तपोषण करती थी. इनमें अन-अनफाल ट्रस्ट, दवातुल इरशाद ट्रस्ट, मुआज बिन जबाल ट्रस्ट व अन्य शामिल हैं.

इन गैर-लाभकारी संगठनों के इस साल अप्रैल में तब बंद कर दिया गया था जब अपनी विस्तृत जांच के दौरान सीटीडी ने पाया कि इनका संबंध जेयूडी और उसके शीर्ष नेतृत्व के साथ है. जेयूडी के ये शीर्ष नेता पाकिस्तान में फंड इकट्ठा करके आतंक का वित्तपोषण करते थे.

बीते सोमवार को लाहौर हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने एक याचिका पर पाकिस्तान के गृह मंत्रालय, पंजाब के गृह विभाग और सीटीडी से जवाब मांगा था. इस याचिका में जेयूडी प्रमुख हाफिज सईद और उसके सात सहयोगियों ने उनके खिलाफ दर्ज किए गए आतंकी वित्तपोषण के एफआईआर को चुनौती दी थी. इस पर अदालत ने सरकार से 30 जुलाई तक लिखित जवाब मांगा था.

वहीं, सोमवार को ही लाहौर के आतंक रोधी अदालत (एटीसी) ने 50 हजार रुपये के मुचलके पर सईद और तीन अन्य को गिरफ्तारी पूर्व जमानत दे दी थी.

इस साल फरवरी में पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को आतंकी वित्तपोषण और मनी लांड्रिंग रोकने के अपने वादे को पूरा करने को लेकर चेतावनी दी थी.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पाकिस्तान की यह कार्रवाई अमेरिका में हुई एफएटीएफ के सत्र में पाकिस्तान को लगाई गई फटकार के बाद हुई है. एफएटीएफ की अध्यक्षता करने वाले अमेरिका ने पाकिस्तान से कहा था कि अगर वह आतंकी समूहों को मुहैया कराए जाने वाले फंड में कटौती के अपने वादे को अक्टूबर में होने वाले अगले सत्र तक पूरा नहीं करता है तो उसे ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है.

सईद की यह गिरफ्तारी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ 21 जुलाई को अमेरिका में होने वाली मुलाकात से पहले हुई है.

बता दें कि ट्रंप लगातार पाकिस्तान से कहते रहे हैं कि वह आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाह उपलब्ध न कराने और उनकी फंडिंग को रोकने के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के वादे को पूरा करे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)