पहली घटना उत्तर प्रदेश के संभल की है, जहां पुलिसकर्मियों की वैन पर हमला कर बदमाश तीन कैदियों को छुड़ा ले गए और दो पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी. दूसरी घटना में सोनभद्र ज़िले में ज़मीन विवाद में तीन महिलाओं समेत नौ लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई.
लखनऊः उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटों में दो पुलिसकर्मियों सहित कुल 11 लोगों की हत्या हुई है.
राज्य के संभल में घात लगाकर बैठे बदमाशों ने दो पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी और तीन कैदियों को छुड़ाकर फरार हो गए. इससे पहले सोनभद्र में बेखौफ दबंगों ने जमीन विवाद में दिनदहाड़े ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर नौ लोगों की हत्या कर दी थी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोनों घटनाओं पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद के मुताबिक, कुछ कैदियों को लेकर मुरादाबाद जा रही एक वैन को अज्ञात बदमाशों ने बनियाठेर इलाके में जबरन रोक लिया और सुरक्षा में तैनात सिपाहियों हरेंद्र और बृजपाल को गोली मार दी. इस घटना में दोनों सिपाहियों की मौत हो गई. घटना को अंजाम देने के बाद बदमाश पुलिसकर्मियों की रायफल और तीन कैदियों को साथ लेकर भाग गये.
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) पी वी रामाशास्त्री ने बताया कि मुरादाबाद की जेल से पेशी पर संभल जिले की चंदौसी की अदालत लाए गए कुल 24 मुल्ज़िमों को वापस मुरादाबाद जेल ले जाया जा रहा था कि रास्ते में शाम करीब पांच बजकर 20 मिनट पर बनियाठेर थाना क्षेत्र के धन्नूमल तिराहे के पास अज्ञात बदमाशों ने घात लगाकर इस वारदात को अंजाम दिया.
मुख्यमंत्री योगी ने इस वारदात में शहीद हुए दोनों पुलिसकर्मियों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये की सहायता और प्रत्येक शहीद पुलिसकर्मी की पत्नी को पेंशन व परिवार के एक आश्रित को सरकारी नौकरी दिए जाने के आदेश दिए हैं.
वहीं, इससे पहले बुधवार को राज्य के सोनभद्र जिले के घोरावल इलाके के उधा गांव में जमीन विवाद में तीन महिलाओं समेत नौ लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस झड़प में 19 लोग घायल हुए थे.
पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने बताया कि उधा गांव में दो साल पहले ग्राम प्रधान यज्ञदत्त ने एक आईएएस अधिकारी से 90 बीघा जमीन खरीदी थी. यज्ञदत्त ने इस जमीन पर कब्जे के लिये बड़ी संख्या में अपने साथियों के साथ पहुंचकर ट्रैक्टरों से जमीन जोतने की कोशिश की. स्थानीय ग्रामीणों ने इसका विरोध किया.
इसके बाद ग्राम प्रधान पक्ष के लोगों ने स्थानीय ग्रामीणों पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं.
उन्होंने बताया कि इस वारदात में तीन महिलाओं समेत नौ लोगों की मौत हो गई और 19 अन्य जख्मी हो गए. इस मामले में ग्राम प्रधान के भतीजों गिरिजेश और विमलेश को गिरफ्तार कर लिया गया है.
मुख्यमंत्री ने इस घटना में मारे गये लोगों के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये की सहायता का ऐलान किया था.
इन घटनाओं पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, ‘अपराधियों के आगे नतमस्तक भाजपा सरकार में एक और नरसंहार! सोनभद्र में भूमाफियाओं द्वारा जमीन विवाद में नौ लोगों की हत्या दहशत एवं दमन का प्रतीक!’
उन्होंने वारदात में मारे गये सभी लोगों के परिजन को 20-20 लाख रुपये मुआवजा देने के साथ दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी ट्वीट कर कहा, ‘भाजपा राज में अपराधियों के हौसले इतने बढ़ गये हैं कि दिनदहाड़े हत्याओं का दौर जारी है. सोनभद्र में भूमाफियाओं द्वारा तीन महिलाओं समेत नौ गोंड आदिवासियों की सरेआम हत्या ने दिल दहला दिया.’
उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर राज्यसभा में हंगामा
उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर कांग्रेस तथा समाजवादी पार्टी के सदस्यों के हंगामे की वजह से राज्यसभा की बैठक बृहस्पतिवार को शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद ही दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
सुबह 11 बजे सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखवाए। तत्पश्चात विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले के संबंध में एक बयान दिया।
इसके बाद, सभापति ने जैसे ही शून्यकाल शुरू करने को कहा, सपा सदस्यों ने उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया.
सपा सदस्य अपने अपने मुद्दे उठाने की मांग पर जोर देते रहे और सभापति के मना करने पर आसन के समक्ष आ कर नारे लगाने लगे.
नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों को अपने स्थानों पर लौट जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने को कहा. उन्होंने उच्च सदन की कार्यवाही का सीधा प्रसारण रोकने का आदेश भी दिया.
सपा नेता राम गोपाल यादव ने उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में दस दलितों के मारे जाने जाने का मुद्दा उठाया. उन्होंने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए.
सभापति ने कहा कि उन्होंने यादव के नियम 267 के तहत दिए गए नोटिस को स्वीकार नहीं किया है, लेकिन वह यह मुद्दा अलग तरीके से उठाने की अनुमति देंगे.
बहरहाल, सपा सदस्य शून्यकाल स्थगित कर इस मुद्दे पर चर्चा करने की मांग करते हुए आसन के समक्ष आ कर नारे लगाने लगे. नायडू ने कहा कि यह राज्य का विषय है. उन्होंने कहा कि कुछ भी रिकार्ड में नहीं जाएगा. उन्होंने उच्च सदन की कार्यवाही का सीधा प्रसारण रोकने का आदेश भी दिया।
सभापति ने कहा ‘यह कोई तरीका नहीं है. आप अपना समय और ऊर्जा क्यों बर्बाद कर रहे हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)