केंद्र ने लालू यादव, अखिलेश यादव सहित कई नेताओं और सांसदों की सुरक्षा में कटौती की

केंद्र सरकार ने 130 से ज्यादा मालमों की समीक्षा के बाद विभिन्न श्रेणियों में नेताओं और सांसदों की सुरक्षा में कटौती की है. यह फैसला खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने खतरे के आकलन के आधार पर यह लिया है.

सपा प्रमुख अखिलेश यादव, भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी और राजद प्रमुख लालू यादव. (फोटो: पीटीआई/फेसबुक)

भाजपा सांसद और पूर्व मंत्री राजीव प्रताप रूडी, भाजपा के पूर्व नेता कीर्ति आज़ाद, शत्रुघ्न सिन्हा, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्रा, लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार आदि के नामों को भी सुरक्षा देने वाली सूची से हटाया गया है.

सपा प्रमुख अखिलेश यादव, भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी और राजद प्रमुख लालू यादव. (फोटो: पीटीआई/फेसबुक)
सपा प्रमुख अखिलेश यादव, भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी और राजद प्रमुख लालू यादव. (फोटो: पीटीआई/फेसबुक)

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने कई बड़े नेताओं की सुरक्षा में कटौती की है. मंत्रालय ने जिन नेताओं की सुरक्षा घटाई है उनमें राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव, समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव सहित कई नेता और सांसद शामिल हैं.

सरकार ने 130 से ज्यादा मामलों की समीक्षा के बाद विभिन्न श्रेणियों में सुरक्षा कम कर दी है.

मोदी सरकार के दोबारा कार्यभार संभालने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वीआईपी सुरक्षा प्राप्त लोगों की सुरक्षा की पहली बार पूर्ण समीक्षा की.

सूत्रों ने बताया कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को मिली जेड प्लस श्रेणी का एनएसजी सुरक्षा कवर और लालू यादव की जेड श्रेणी की सुरक्षा को वापस ले लिया गया है.

इसी के साथ ही भाजपा सांसद और पूर्व मंत्री राजीव प्रताप रूडी, भाजपा के पूर्व नेता कीर्ति आज़ाद, शत्रुघ्न सिन्हा, हिमाचल प्रदेश के नवनिर्वाचित राज्यपाल कलराज मिश्रा, लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के तीन नाती-पोतों, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एक बेटी और नाती के नामों को भी सुरक्षा देने वाली सूची से हटाया गया है.

इन वीआईपी को सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, एनएसजी जैसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएएफ) के कमांडो और दिल्ली पुलिस सुरक्षा मुहैया करा रही थी.

वहीं, उत्तर प्रदेश के मंत्री सुरेश राणा, बिहार की वैशाली सीट से सांसद वीणा देवी, राज्य से पूर्व सांसद उदय सिंह, उत्तर प्रदेश के मंत्री बृजेश पाठक, भाजपा नेता अनुपम हाज़रा, इसरो के अध्यक्ष के. सिवन, पूर्व वैज्ञानिक सलाहकार आर. चिदंरबम और कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा की भी सुरक्षा वापस ली गई है.

भाजपा के राज्यसभा सांसद ओपी माथुर, आचार्य प्रमोद कृष्णन, आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार, भाजपा के पूर्व सांसद उदित राज, इटावा से भाजपा सांसद राम शंकर कठेरिया के नाम भी केंद्रीय सुरक्षा देने वाली सूची से बाहर कर दिए गए हैं.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, कांग्रेस नेता अवतार सिंह भडाना, पंजाब के मंत्री राणा गुरमीत सोढी, बिहार के पूर्व सांसद साबिर अली, कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा, मणिपुर विश्वविद्यालय के कुलपति आद्या प्रसाद पांडे, अंतरिक्ष वैज्ञानिक टीके एलेक्स और कुछ अन्यों के नाम भी केंद्र की सूची से हटा दिए गए हैं.

इसके अलावा बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, उत्तर प्रदेश के भाजपा विधायक संगीत सोम, केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के सांसद बेटे चिराग पासवान, पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव, सीआरपीएफ के पूर्व निदेशक के. विजय कुमार एवं प्रकाश मिश्रा की सुरक्षा को भी कम किया गया है.

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी, कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, राज बब्बर, दिग्विजय सिंह, एके एंटनी, मनीष तिवारी, लोकतांत्रिक जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव, माकपा नेता सीताराम येचुरी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दत्तक पुत्री नमिता कौल भट्टाचार्य और भाजपा के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा की सुरक्षा की श्रेणी में कमी की गई है.

कांग्रेस के पूर्व सांसद रवनीत सिंह बिट्टू, पंजाब सरकार के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया, एनआईए के महानिरीक्षक जीपी सिंह, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिल्ली के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ओपी सैनी समेत अन्य की सुरक्षा में भी कटौती की गई है.

सूत्रों ने बताया कि जिन नेताओं के नाम केंद्र की सुरक्षा देने वाली सूची में से हटाया गया है, उनमें से कुछ को सुरक्षा विभिन्न राज्य सरकारों की पुलिस देगी. गौरतलब है कि केंद्र की खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने खतरे के आकलन के आधार पर यह फैसला किया है.