मोदी सरकार ने पिछले पांच सालों में एक करोड़ से ज़्यादा पेड़ काटने की अनुमति दी

लोकसभा में पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने बीते दिनों बताया था कि साल 2014 से 2019 के बीच पर्यावरण मंत्रालय ने विकास कार्यों के लिए 1.09 करोड़ पेड़ काटने की अनुमति दी. कांग्रेस ने कहा है कि मोदी सरकार पेड़ कटवा कर देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.

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The Prime Minister, Shri Narendra Modi planting the sapling with other dignitaries at the tree plantation drive organised by the Lok Sabha Secretariat, at Parliament House Premises, in New Delhi on July 26, 2019.
The Prime Minister, Shri Narendra Modi planting the sapling with other dignitaries at the tree plantation drive organised by the Lok Sabha Secretariat, at Parliament House Premises, in New Delhi on July 26, 2019.

लोकसभा में पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने बीते दिनों बताया था कि साल 2014 से 2019 के बीच पर्यावरण मंत्रालय ने विकास कार्यों के लिए 1.09 करोड़ पेड़ काटने की अनुमति दी. कांग्रेस ने कहा है कि मोदी सरकार पेड़ कटवा कर देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.

The Prime Minister, Shri Narendra Modi planting the sapling with other dignitaries at the tree plantation drive organised by the Lok Sabha Secretariat, at Parliament House Premises, in New Delhi on July 26, 2019.
(फोटो साभार: पीआईबी)

नई दिल्ली: पर्यावरण मंत्रालय ने पिछले पांच सालों में एक करोड़ से ज्यादा पेड़ों को काटने की अनुमति दी. बीते 26 जुलाई को केंद्र द्वारा लोकसभा में दी गई जानकारी से ये खुलासा हुआ है.

भाजपा सांसद रवि किशन और राजीव प्रताप रूडी द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने बताया कि साल 2014 से 2019 के बीच पर्यावरण मंत्रालय ने विकास कार्यों के लिए 1.09 करोड़ पेड़ काटने की अनुमति दी.

इसमें से सबसे ज्यादा साल 2018-19 में 26.91 लाख पेड़ काटने की इजाजत दी गई थी. बाबुल सुप्रियो ने कहा कि जंगल में आग लगने की वजह से नष्ट हुए पेड़ों की जानकारी मंत्रालय द्वारा नहीं रखी जाती है.

सुप्रियो ने कहा, ‘विभिन्न कानूनों में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार सक्षम अधिकारियों की अनुमति से विभिन्न विकास कार्यों के लिए पेड़ों को काटा जाता है. हालांकि, जंगल की आग के कारण नष्ट हुए पेड़ों के संबंध में मंत्रालय के पास आंकड़े नहीं हैं.’

Trees Cuting Data
पर्यावरण मंत्रालय द्वारा पिछले पांच सालों में पेड़ काटने के लिए दी गई अनुमति के आंकड़े. (स्रोत: लोकसभा)

सरकार द्वारा सदन में दिए गए आंकड़ों के मुताबिक साल 2014-15 में 23.30 लाख, साल 2015-16 में 16.90 लाख, साल 2016-17 में 17.01 लाख और साल 2017-18 में 25.50 लाख पेड़ों को काटने की अनुमति पर्यावरण मंत्रालय द्वारा दी गई थी.

सुप्रियो ने बताया कि पिछले चार साल में 12 राज्यों को ग्रीन इंडिया मिशन के तहत 87113.86 हेक्टेयर भूमि पर वनीकरण के लिए 237.07 करोड़ रुपये जारी किए गए.

इसके अलावा राष्ट्रीय वनीकरण कार्यक्रम के तहत, पिछले चार वर्षों (2015-16 से 2018-19) के दौरान राज्यों को 94,828 हेक्टेयर के नए क्षेत्र पर पौधे लगाने के लिए 328.90 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है.

वहीं, कांग्रेस ने पिछले पांच वर्षों में पेड़ काटे जाने के प्रश्न पर पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो की ओर से लोकसभा में दिए एक लिखित उत्तर का हवाला देते हुए बीते शनिवार को आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने एक करोड़ से अधिक वृक्ष कटवा कर देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है.

पार्टी के मुख्य प्रवक्त रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया , ‘पेड़ जीवन है. पेड़ ऑक्सीजन देते हैं. पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड सोखते हैं. पेड़ पर्यावरण के रक्षक हैं. परंतु मोदी सरकार ने 5 साल में 1,09,75,844 पेड़ कटवा डाले.’

उन्होंने सवाल किया, ‘क्या मोदी सरकार भविष्य से खिलवाड़ कर रही है? ’

हालांकि बीते शुक्रवार को लोकसभा में प्रश्नों के उत्तर में सुप्रियो ने कहा था कि विकास कार्यों के लिए एक पेड़ काटे जाने की स्थिति में उसके बदले कई पौधे लगाए जाते हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)