राष्ट्रपति ने जम्मू कश्मीर में भारत का संविधान लागू करने संबंधी प्रावधान का आदेश जारी किया

जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने के केंद्र की मोदी सरकार के फैसले के बाद सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हाई अलर्ट. सुरक्षा बलों को सतर्क रहने को कहा गया.

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Jammu: CRPF personnel stand guard during restrictions, at Raghunath Bazar in Jammu, Monday, Aug 05, 2019. Restrictions and night curfews were imposed in several districts of Jammu and Kashmir as the Valley remained on edge with authorities stepping up security deployment. (PTI Photo)(PTI8_5_2019_000091B)
जम्मू-कश्मीर (फाइल फोटो: पीटीआई)

जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने के केंद्र की मोदी सरकार के फैसले के बाद सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हाई अलर्ट. सुरक्षा बलों को सतर्क रहने को कहा गया.

Jammu: CRPF personnel stand guard during restrictions, at Raghunath Bazar in Jammu, Monday, Aug 05, 2019. Restrictions and night curfews were imposed in several districts of Jammu and Kashmir as the Valley remained on edge with authorities stepping up security deployment. (PTI Photo)(PTI8_5_2019_000091B)
जम्मू कश्मीर के रघुनाथ बाजार में तैनात सीआरपीएफ का जवान. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को जम्मू कश्मीर सरकार से संबंधित संविधान (जम्मू कश्मीर में लागू) आदेश 2019 जारी किया जो राज्य में भारत का संविधान लागू करने का प्रावधान करता है.

राष्ट्रपति ने संविधान (जम्मू कश्मीर में लागू) आदेश 2019 जारी किया जो तत्काल प्रभाव से लागू गया. यह जम्मू कश्मीर में लागू आदेश 1954 का स्थान लेगा. इसमें कहा गया है कि संविधान के सभी प्रावधान जम्मू कश्मीर राज्य में लागू होंगे.

सरकार ने कहा कि राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 367 में उपबंध 4 जोड़ा है जिसमें चार बदलाव किए गए हैं.

इसमें कहा गया है कि संविधान या इसके उपबंधों के निर्देशों को, उक्त राज्य के संबंध में संविधान और उसके उपबंधों को लागू करने का निर्देश माना जाएगा.

जिस व्यक्ति को राज्य की विधानसभा की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा जम्मू एवं कश्मीर के सदर-ए-रियासत, जो स्थानिक रूप से पदासीन राज्य की मंत्रिपरिषद की सलाह पर कार्य कर रहे हैं, के रूप में स्थानिक रूप से मान्यता दी गई है, उनके लिए निर्देशों को जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल के लिए निर्देश माना जाएगा.

इसमें कहा गया है कि उक्त राज्य की सरकार के निर्देशों को, उनकी मंत्रिपरिषद की सलाह पर कार्य कर रहे जम्मू कश्मीर के राज्यपाल के लिए निर्देशों को शामिल करता हुआ माना जायेगा.

गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सुरक्षा बलों को सतर्क रखने कहा

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर से जुड़े सरकार के फैसले के बाद केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सुरक्षा बलों को अधिकतम सतर्कता पर रखने कहा है, ताकि सुरक्षा में व्यवधान की किसी कोशिश को रोका जा सके. गृह मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी एक पत्र में यह कहा गया है.

साथ ही, केंद्र ने राज्य सरकारों को अपने यहां रह रहे जम्मू कश्मीर के बाशिंदों और वहां के छात्र-छात्राओं का विशेष ध्यान रखने के लिए भी कहा है.

इस पत्र में कहा गया है, ‘राज्य सरकारों एवं केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा उठाए जाने वाले कदमों का पर्याप्त प्रचार किया जाए, ताकि संबद्ध तबके में भरोसा पैदा किया जा सके और जनता को किसी अप्रिय घटना या शांति भंग किए जाने की कोशिश के खिलाफ सचेत किया जा सके.’

इसमें कहा गया है कि शांति में खलल डालने, लोगों के बीच सौहार्द्र बिगाड़ने और सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के मकसद से सोशल मीडिया पर फर्जी, अप्रमाणित खबरों, अफवाहों तथा अनैतिक संदेशों के प्रसार के खिलाफ कड़ी निगरानी के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को उचित निर्देश जारी किए जाएं.

इसके अलावा देश भर में, खास तौर पर जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों को ‘हाई अलर्ट’ पर रहने को कहा गया है.

अधिकारियों ने सोमवार को बताया के केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) एवं केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को जरूरी सावधानियां बरतने और विशेष परामर्श जारी कर अपने परिसरों एवं गतिविधियों की सुरक्षा बढ़ाने का निर्देश दिया है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, देश भर में सभी सुरक्षा बलों, खासकर जम्मू कश्मीर में तैनात उनकी इकाइयों को हाई अलर्ट पर रहने के लिए परामर्श जारी किया गया है.

गृह मंत्रालय का यह अलर्ट सरकार द्वारा संविधान का अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने की घोषणा के बाद जारी किया गया है. अनुच्छेद 370 जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करता था.

मालूम हो कि जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छीनने के केंद्र की मोदी सरकार के फैसले का कांग्रेस समेत राज्य के प्रमुख दल नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने विरोध किया है.

राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में लद्दाख को जम्मू कश्मीर से अलग करने का प्रावधान रखा गया है. जम्मू कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश होंगे. जम्मू कश्मीर में विधानसभा होगी, जबकि लद्दाख बिना विधानसभा के केंद्र शासित प्रदेश होगा.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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