उत्तर प्रदेश: आवारा गायों को पालने के लिए 900 रुपये प्रतिमाह देगी योगी सरकार

मुख्यमंत्री बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा संचालित गोशालाओं के गोवंश को देखभाल के लिए इच्छुक लोगों को दिया जाएगा, जिसके लिए उन्हें प्रति पशु के लिए प्रतिदिन तीस रुपये के हिसाब से 900 रुपये महीना दिया जाएगा.

योगी आदित्यनाथ. (फोटो साभार: फेसबुक)

मुख्यमंत्री बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा संचालित गोशालाओं के गोवंश को देखभाल के लिए इच्छुक लोगों को दिया जाएगा, जिसके लिए उन्हें प्रति पशु के लिए प्रतिदिन तीस रुपये के हिसाब से 900 रुपये महीना दिया जाएगा.

योगी आदित्यनाथ. (फोटो साभार: फेसबुक)
योगी आदित्यनाथ. (फोटो साभार: फेसबुक)

राज्य में आवारा पशुओं से बढ़ती परेशानियों और सरकारी गोशालाओं में पशुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार इससे निपटने के लिए एक नई योजना लेकर आयी है.

एनडीटीवी के अनुसार राज्य सरकार ने बीते मंगलवार को मुख्यमंत्री बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना को मंजूरी दी है. योजना के पहले चरण के तहत वर्तमान में सरकार द्वारा संचालित गोशालाओं में एक लाख से अधिक मवेशियों को इच्छुक किसानों या अन्य लोगों को उचित प्रक्रिया के बाद उनकी देखभाल के लिए सौंपा जाएगा.

जो लोग इन गायों की देखभाल करेंगे, उन्हें प्रति गाय प्रतिदिन 30 रुपये के हिसाब से हर महीने सीधे बैंक खाते के माध्यम से मिलेंगे. इस हिसाब से एक गाय के लिए प्रतिमाह 900 रुपये मिलेंगे. इस योजना के पहले चरण के लिए 109 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.

सरकार का कहना है कि इस योजना से न केवल आवारा पशुओं से हो रही समस्याओं से निजात मिलेगा, बल्कि रोजगार भी पैदा होगा.

UP Govt Press Release Cow
राज्य सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति (साभार: ट्विटर/यूपी सरकार)

एक प्रेस रिलीज में सरकार ने स्वीकारा कि आवारा पशुओं को सरकार द्वारा संचालित गोशालाओं में रखना और पशुओं की उचित देखभाल व उनका पालन-पोषण एक बड़ी समस्या साबित हो रही है.

सरकार ने बताया कि 2012 की जनगणना के अनुसार राज्य में 205.66 लाख मवेशी हैं, जिनमें से अनुमानित 10-12 लाख आवारा पशु हैं. सरकार का कहना है कि वर्तमान में राज्य में 523 पंजीकृत गोशालाएं या गो-आश्रय हैं और कुछ बनाए भी जा रहे हैं.

इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार योजना में यह शर्त भी रखी गई है कि पशुओं को गोद लेने वाला व्यक्ति इसे छोड़ नहीं सकता, न ही बेच सकता है. इसकी निगरानी के लिए हर जिले में एक कमेटी बनाई जाएगी और दिए जाने वाले हर पशु के कान पर पहचान के लिए टैग लगाया जायेगा.

सरकार का दावा है कि इससे आवारा पशुओं की समस्या का समाधान तो होगा ही, साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे, किसानों की आय बढ़ेगी और आवारा पशुओं की संख्या में भी कमी आएगी.

इससे पहले इस साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश सरकार ने साल 2019-2020 के बजट में गो कल्याण के लिए करीब 500 करोड़ रुपये आवंटित किए थे.

इसमें गोशालाओं के रखरखाव के लिए 247.60 करोड़ रुपये आवंटित किए थे. साथ ही सरकार ने यह भी कहा था कि शराब की बिक्री पर लगे विशेष शुल्क से मिले करीब 165 करोड़ रुपये निराश्रित एवं बेसहारा गोवंशीय पशुओं के भरण-पोषण के लिए इस्तेमाल किये जायेंगे.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25