दर्शक कृपया ध्यान दें! एनएसडी के कर्ता-धर्ता पर्दे के पीछे दूसरे ही नाटक में लगे हैं

जिस भारंगम को अंतर्राष्ट्रीय नाट्य समारोह के रूप में पेश किया जाता है , उसका इस्तेमाल नाट्य विद्यालय के पदाधिकारी निजी फायदे के लिए कर रहे हैं.

जिस भारंगम को अंतर्राष्ट्रीय नाट्य समारोह के रूप में  पेश किया जाता है , उसका इस्तेमाल नाट्य विद्यालय के पदाधिकारी निजी फायदे के लिए कर रहे हैं.

Bharangam1

19वें भारत रंग महोत्सव (भारंगम) के लिए जब 27 जनवरी, 2017 को राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) की तरफ से संवाददाता सम्मेलन बुलाया गया तो पत्रकारों में बड़ी उत्सुकता थी कि निदेशक वामन केंद्रे इस सवाल का क्या जवाब देंगे कि इस बार के भारंगम में उनके दो-दो नाटक हो रहे हैं. और इस बात का भी इन दो में एक नाटक ऐसा भी है जिसे वे पहले दूसरे नाम से कर चुके हैं.

संवाददाता सम्मेलन में ये सवाल पूछा भी गया, लेकिन केंद्रे ने इसका जवाब नहीं दिया. उन्होंने सवाल को सुना और संकेत किया भारंगम के प्रभारी सुरेश भारद्वाज की तरफ. और भारद्वाज ने जवाब में जो बताया वो मौजूद पत्रकारों के बीच आश्चर्य के गोले की तरह टपका.

उन्होंने जो बताया उसका सार संक्षेप ये था कि केंद्रे के नहीं एनएसडी की वरिष्ठ शिक्षक त्रिपुरारी शर्मा के भी दो-दो नाटक हैं. संकेत साफ था कि सवाल सिर्फ वामन केंद्रे पर नहीं बल्कि त्रिपुरारी शर्मा पर भी उठने चाहिए.

फिर एनएसडी की तरफ से 2017 के भारंगम में हो रहे नाटकों जो सूची जारी हुई. उसमें ये खुलासा हुआ कि मौजूदा निदेशक वामन केंद्र और त्रिपुरारी शर्मा के तो दो नाटक हैं ही, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के अध्यक्ष रतन थियम, उपाध्यक्ष अर्जुन देव चारण और भारंगम के प्रभारी सुरेश भारद्वाज के अलावा दूसरे कर्मचारियों के नाटक भी इस बार के भारंगम में हैं.

ये भी छिपा नहीं है कि पिछले साल यानी 18वें भारत रंग महोत्सव का उद्घाटन सोसाइटी के अध्यक्ष रतन थियम के नाटक से हुआ था. त्रिपुरारी शर्मा के नाटक तो पिछले कई वर्षों से लगातार इस महोत्सव में होते रहे हैं.

संवाददाता सम्मेलन में जो बात नहीं बताई गई, या जो बात छिपाई गई, वह यह थी कि मणिपुर से गुरु तरुण कुमार फाउंडेशन की भी एक प्रस्तुति इस बार के भारंगम में है. तरुण कुमार रतन थियम के पिता का नाम है.

यहां ये भी स्मरणीय है कि जब भारत रंग महोत्सव के लिए चयन समिति बनती है तो हर सदस्य से इस बात का लिखित प्रमाण पत्र लिया जाता है कि उनके ग्रुप का या उनका लिखा कोई नाटक भारंगम की प्रविष्टि के लिए नहीं भेजा गया है.

यानी दूसरों के लिए अलग नियम और अपने लिए अलग नियम. एनएसडी के दूसरे समारोहों में भी रतन थियम, वामन केंद्रे और अर्जुन देव चारण के नाटक लगातार हो रहे हैं. क्या ये संस्थान का निजी फायदे के लिए इस्तेमाल नहीं है?

जाहिर है कि ऐसे में ये सवाल तो उठेगा कि जिस भारंगम को अंतर्राष्ट्रीय नाट्य समारोह के रूप में एनएसडी पेश करती रही है और जिसके लिए सरकार के कई करोड़ का अनुदान मिलता है उसका इस्तेमाल निजी फायदे के लिए नाट्य विद्यालय के पदाधिकारी और अधिकारी कर रहे हैं.

अन्यथा कोई कारण नहीं दिखता कि एनएसडी के सारे पदाधिकारियों और अधिकारियों के नाटक भारंगम में हों और लगभग हर साल हों. इस बारे में दिल्ली के चर्चित रंगकर्मी लोकेश जैन का कहना है, ‘मुझे वामन केंद्रे से कोई आशा नहीं थी लेकिन जिस ढंग से रतन थियम और त्रिपुरारी शर्मा अपने को पेश कर रहे हैं उसे देखकर जरूर निराशा होती है. रतन थियम से ये अपेक्षा थी कि वो युवा रंगकर्मियों के मेंटर बनेंगे. लेकिन वो तो सिर्फ अपने बेटे के मेंटर बन के रह गए हैं.’

खुद इन पंक्तियों के लेखक ने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से निदेशक वामन केंद्रे से ई-मेल करके कुछ सवालों के जवाब मांगे तो वे नहीं मिले.

सवाल सिर्फ इस बात का नहीं है कि भारंगम में एनएसडी के निदेशक, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और दूसरे संकाय सदस्यों के नाटक हों या न हों, बृहत्तर प्रश्न ये हो गया है कि क्या एनएसडी से भारंगम आयोजित करने की जिम्मेदारी ले लेनी चाहिए और अंतर्राष्ट्रीय नाट्य समारोह के लिए एक नई समिति या निदेशालय का गठन किया जाना चाहिए.

Bharangam2

दिल्ली में पिछली 25 वर्षों से सक्रिय नाट्य ग्रुप के निदेशक अरविंद गौड़ का कहना है, ‘भारत रंग महोत्सव सिर्फ एनएसडी का रंग महोत्सव बन के रह गया और ये सिर्फ वहीं से जुड़े रंगकर्मियों के नाटक करता है. यहां तक कि दिल्ली के स्थानीय रंगमंच में लगभग दस-बारह नाट्य समूह ऐसे हैं जो लगातार बेहतर नाटक कर रहे हैं. लेकिन एनएनडी उनसे कोई संपर्क नहीं रखता है. इन नाट्य समूहों के कोई नाटक भारत रंग महोत्सव में नहीं होते और एनएसडी के शिक्षकों और पदाधिकारियों के साधारण नाटक भी इस समारोह में हो जाते हैं.’

ये अचानक नहीं है कि पिछले कुछ वर्षों से बापी बोस, अरविंद गौड़, अतुल सत्य कौशिक, लोकेश जैन जैसे कई निरंतर सक्रिय रंगकर्मियों के नाटकों पर भारंगम के लिए अघोषित सा प्रतिबंध भी लग गया है. कमानी सभागार में जब 19वें भारत रंग महोत्सव का उद्घाटन हो रहा तो भारत सरकार के संस्कृति सचिव एनके सिन्हा ने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के सामने एक प्रस्ताव रखा.

उन्होंने कहा कि संस्कृति मंत्रालय कुछ सांस्कृतिक चैनल शुरू करने की योजना बना रहा है और मंत्रालय ये चाहता है कि एनएसडी इनमें से दो-तीन चैनल ले. उन्होंने ये भी कहा कि एनएसडी अगर इन चैनलों के अपने यहां होने वाली कक्षाओं, खासकर पहले साल की कक्षाओं को भी दिखाना शुरू कर दे तो पूरे देश में नाटक की संस्कृति विकसित होगी और लोग घर बैठे नाटक करना सीख जाएंगे और रंगमंच से रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे.

उनका ये कहना था कि इससे एनएसडी जो पाठ्यक्रम सिर्फ पचीस-छब्बीस छात्रों को हर साल पढ़ाता है, उसे पूरे देश में लोग जान और समझ सकेंगे. पर उस समय न तो मंच पर बैठे एनएसडी के निदेशक वामन केंद्रे ने संस्कृति सचिव के इस प्रस्ताव को स्वीकार किया और न अध्यक्ष रतन थियम ने. हालांकि उन दोनों को इस प्रस्ताव को लपक कर स्वीकार करना चाहिए था और उसी समय घोषणा करनी चाहिए थी कि अविलंब इसे शुरू किया जाएगा.

आखिर उन दोनों ने ऐसा क्यों नहीं किया? क्या इसलिए कि इससे खुद एनएसडी में पठन-पाठन के स्तर की जो गिरावट हुई है उसकी कलई खुल जाएगी? क्या इससे इस तथ्य का भी सार्वजनिक खुलासा हो जाएगा कि नाट्य विद्यालय के कुछ शिक्षक नहीं के बराबर कक्षाएं लेते हैं.

बेहतर तो ये होगा कि संस्कृति मंत्रालय खुद इस बात की पूछताछ करे कि एनएसडी के शिक्षक साल में कितनी कक्षाएं लेते हैं? संस्कृति मंत्रालय को इस बात की भी पूछताछ करनी चाहिए कि आखिर राष्ट्रीय नाट्य के रंगमंडल में भी बार-बार एनएसडी वाले ही नाटक का निर्देशन करने क्यों पहुंच क्यों जाते हैं.

जब से वामन केंद्रे निदेशक बने हैं दो बार रंगमंडल के नाटक निर्देशित कर चुके हैं और त्रिपुरारी शर्मा एक बार. राम गोपाल बजाज, भानु भारती, बंसी कौल, प्रसन्ना, अमाल अल्लाना, अनुराधा कपूर, देवेंद्र राज अंकुर, बापी बोस और अन्य वरिष्ठ निर्देशकों को एक बार भी मौका नहीं दिया गया है.

सवाल और भी कई हैं लेकिन नाट्य विद्यालय जवाब दे तब न?

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं )

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq