बुलंदशहर हिंसा के दौरान मार दिए गए इंस्पेक्टर के परिजन ने कहा, आरोपियों को दोबारा भेजो जेल

पिछले साल तीन दिसंबर को बुलंदशहर के महाव गांव के पास गोवंशीय पशुओं के कंकाल बरामद होने पर भड़की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या कर दी गई थी. मामले के सात आरोपियों को ज़मानत मिलने के बाद उनका कथित तौर पर फूल-मालाओं से स्वागत किया गया. इससे मृतक पुलिस अधिकारी के परिजन नाराज़ हैं.

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इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह. (फोटो: पीटीआई)

पिछले साल तीन दिसंबर को बुलंदशहर के महाव गांव के पास गोवंशीय पशुओं के कंकाल बरामद होने पर भड़की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या कर दी गई थी. मामले के सात आरोपियों को ज़मानत मिलने के बाद उनका कथित तौर पर फूल-मालाओं से स्वागत किया गया. इससे मृतक पुलिस अधिकारी के परिजन नाराज़ हैं.

इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह. (फोटो: पीटीआई)
इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह. (फोटो: पीटीआई)

लखनऊ: बुलंदशहर हिंसा के दौरान मार दिए गए इंस्पेक्टर के परिजन ने कहा, हत्यारों को दोबारा भेजो जेलउत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में पिछले साल दिसंबर में हुई भीड़ द्वारा मार दिए गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के परिजन ने वारदात के आरोपियों के जमानत पर रिहा होने पर उनके फूलमालाओं से स्वागत का वीडियो वायरल होने के बाद सरकार से ऐसे अराजक तत्वों को सलाखों के पीछे ही रखने की मांग की है.

रविवार को सामने आए वीडियो में बुलंदशहर हिंसा के अभियुक्तों शिखर अग्रवाल और जीतू फौजी का फूल माला पहनाकर स्वागत किए जाने और जश्न के माहौल में उनके समर्थकों को नारे लगाते देखा जा सकता है.

पिछले साल तीन दिसंबर को बुलंदशहर के महाव गांव के पास कथित रूप से प्रतिबंधित पशुओं के कंकाल बरामद होने के बाद हुई हिंसा में शहीद इंस्पेक्टर सुबोध सिंह के परिजन ने इस वीडियो पर सख्त एतराज जताया है.

सिंह के बेटे श्रेय सिंह ने कहा कि ऐसे अपराधी तत्वों को सलाखों के पीछे ही रखना ठीक है. ‘मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह करता हूं कि इन अपराधियों को समाज के हित में जेल में ही रखा जाना चाहिए. मेरा मानना है कि ऐसे लोगों का बाहर रहना न सिर्फ मेरे लिए बल्कि दूसरे लोगों के लिये भी खतरनाक है.’

शहीद इंस्पेक्टर की पत्नी ने भी सवाल किया कि क्या ऐसे अपराधियों को महज छह महीने के अंदर आजाद कर देना उचित है?

इस बीच, प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि बुलंदशहर हिंसा के आरोपियों का स्वागत किए जाने की घटना से सत्तारूढ़ भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है.

उन्होंने कहा कि अगर किसी के समर्थक और रिश्तेदार जेल से छूटने पर उसका स्वागत करते हैं तो इससे सरकार और भाजपा का क्या लेना-देना है? विपक्ष को ऐसी चीजों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए.

गौरतलब है कि पिछले साल तीन दिसंबर को बुलंदशहर के स्याना कोतवाली क्षेत्र के चिंगरावठी इलाके में महाव गांव के पास गोवंशीय पशुओं के कंकाल बरामद होने पर भड़की भीड़ की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या कर दी गई थी. इसके अलावा सुमित कुमार नामक एक युवक की भी मृत्यु हो गई थी.

इस मामले के छह आरोपियों को अदालत ने शनिवार को जमानत पर रिहा कर दिया था.

बुलंदशहर हिंसा के सात आरोपी हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद बीते 24 अगस्त को जमानत पर रिहा हो गए. सातों आरोपियों के नाम- राजीव, रोहित, राघव, शिखर अग्रवाल, जीतेंद्र मलिक उर्फ जीतू फौजी, राजकुमार, सौरव हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा के स्थानीय युवा मोर्चा के प्रमुख शिखर अग्रवाल का जेल के बाहर फूल-माला पहनाकर और जय श्री राम के नारे लगाकर स्वागत किया गया.

सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में अग्रवाल और अन्य आरोपियों का फूल और माला पहनाकर स्वागत किया गया और भीड़ ने जय श्री राम के नारे लगाए. वीडियो में जेल परिसर छोड़ते हुए आरोपियों को भीड़ गले भी लगा रही है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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