चिन्मयानंद पर छात्रा के आरोपों की जांच के लिए एसआईटी गठित करे यूपी सरकार: सुप्रीम कोर्ट

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर स्थित स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय की कानून की छात्रा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद पर उत्पीड़न और कई लड़कियों की ज़िंदगी बर्बाद करने का आरोप लगाया है. चिन्मयानंद इसी महाविद्यालय की प्रबंधन समिति के अध्यक्ष हैं.

स्वामी चिन्मयानंद. (फोटो साभार: फेसबुक)

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर स्थित स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय की कानून की छात्रा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद पर उत्पीड़न और कई लड़कियों की ज़िंदगी बर्बाद करने का आरोप लगाया है. चिन्मयानंद इसी महाविद्यालय की प्रबंधन समिति के अध्यक्ष हैं.

स्वामी चिन्मयानंद. (फोटो साभार: फेसबुक)
स्वामी चिन्मयानंद. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद पर उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली कानून की छात्रा के आरोपों की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार आईजी-रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करे.

बता दें कि, पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद पर उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली शाहजहांपुर की कानून की छात्रा छह दिनों तक लापता रहने के बाद राजस्थान में मिली थी.

 

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से भी इस मामले में एक-दूसरे पर दर्ज कराए गए दो एफआईआर के संबंध में निगरानी के लिए एक बेंच गठित करने को कहा है.

दरअसल, चिन्मयानंद के वकील ओम सिंघल ने धन उगाही का आरोप लगाते हुए एक जवाबी एफआईआर दर्ज कराया है.

कोर्ट ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी से छात्रा का किसी अन्य कॉलेज में प्रवेश सुनिश्चित कराने को भी कहा है.

मालूम हो कि वकीलों के एक समूह ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को पत्र लिख कर इस मामले का संज्ञान लेने का अनुरोध किया था जिसके बाद शीर्ष अदालत ने इसका स्वत: संज्ञान लिया था.

इससे पहले, शुक्रवार की शाम को जस्टिस आर भानुमति और एएस बोपन्ना ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को आदेश दिया था कि वे एक टीम भेजकर छात्रा की उसके परिजनों से मुलाकात कराएं. हालांकि, सोमवार को अदालत में छात्रा के पेश होने से पहले उसके परिजनों के अलावा किसी अन्य से बात करने पर रोक लगा दी थी.

बता दें कि, पूर्व भाजपा सांसद स्वामी चिन्मयानंद शाहजहांपुर स्थित स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय की प्रबंधन समिति के अध्यक्ष हैं.

इसी कॉलेज की छात्रा का 23 अगस्त को एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह संत समाज के एक बड़े नेता पर कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करने और उसकी हत्या करवाने की कोशिश करने आरोप लगा रही हैं.

वीडियो में छात्रा ने कहा था, ‘मैं शाहजहांपुर के लॉ कॉलेज की छात्रा हूं. संत समाज का एक बहुत बड़ा नेता, जो बहुत लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर चुका है और मुझे भी जान से मारने की धमकी देता है. मेरा मोदी और योगी जी से आग्रह है कि मेरी मदद करें. उसने मेरे परिवार तक को मारने की धमकी दी है, मुझे ही पता है कि इस समय मैं कैसे रह रही हूं. मोदी जी मेरी मदद कीजिए. वह संन्यासी पुलिस और डीएम तक को जेब में रखता है, इस बात की धमकी देता है कि कोई मेरा कुछ नहीं कर सकता. मेरे पास उसके खिलाफ सारे सबूत हैं. मेरा अनुरोध है कि आप मुझे इंसाफ दिलाइए.’

हालांकि छात्रा ने वीडियो में किसी का नाम नहीं लिया था, लेकिन छात्रा के पिता ने पुलिस में दर्ज अपनी शिकायत में कहा है कि वह चिन्यमानंद की ओर इशारा कर रही थीं.

छात्रा के पिता ने अपनी शिकायत में कहा था कि उनकी बेटी का यौन शोषण किया गया. इसके बाद भाजपा के पूर्व सांसद के खिलाफ आईपीसी की धारा 364 और 506 के तहत एफआईआर दर्ज की गई.

हालांकि, कॉलेज प्रशासन ने दावा किया था कि 5 अगस्त को शुरू हुए सत्र से ही छात्रा कॉलेज नहीं आई.

 

वहीं, चिन्मयानंद का दावा है कि एक साजिश के तहत उनका नाम खराब किया जा रहा है और उनके मामले को उत्तर प्रदेश के विधायक कुलदीप सेंगर जैसे बनाने की कोशिश की जा रही है. बता दें कि, सेंगर बलात्कार के एक मामले में आरोपी हैं और हाल ही में भाजपा ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया है.

गौरतलब है कि पिछले साल उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने चिन्मयानंद के खिलाफ दर्ज बलात्कार और अपहरण के मामले वापस लेने का फैसला किया था.

हरिद्वार में चिन्मयानंद के आश्रम में कई वर्षों तक रही एक लड़की की शिकायत के आधार पर 30 नवंबर 2011 को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.

एक पत्र में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि चिन्मयानंद ने उसका बलात्कार किया और उसकी इच्छा के बिना उसे आश्रम में रखा गया.

हालांकि, इसके खिलाफ चिन्मयानंद हाई कोर्ट गए थे और अदालत ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. यह मामला तभी से लंबित है.

 

 

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