उच्चतम न्यायालय ने माकपा नेता तारिगामी को श्रीनगर से एम्स स्थानांतरित करने का आदेश दिया

उच्चतम न्यायालय ने माकपा महासचिव सीताराम येचुरी की याचिका पर यह आदेश दिया. जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ़ तारिगामी को श्रीनगर स्थित उनके घर में नज़रबंद किया गया है.

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माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी. (फोटो: पीटीआई)

उच्चतम न्यायालय ने माकपा महासचिव सीताराम येचुरी की याचिका पर यह आदेश दिया. जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ़ तारिगामी को श्रीनगर स्थित उनके घर में नज़रबंद किया गया है.

माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी. (फोटो: पीटीआई)
माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को बीमार माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी को श्रीनगर से नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में स्थानांतरित करने का आदेश दिया.

बीते पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद से तारिगामी श्रीनगर में अपने घर में नजरबंद हैं.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस एस. अब्दुल नजीर की पीठ ने कहा कि श्रीनगर स्थित शेर-ए-कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के चिकित्सकों के बीच परामर्श के बाद ही तारिगामी को स्थानांतरित किया जाएगा.

पीठ ने यह भी कहा कि तारिगामी को एम्स भेजने का समय और यात्रा का साधन राज्य के डॉक्टरों से परामर्श के बाद जम्मू कश्मीर प्रशासन द्वारा जय किय जाएगा. इसके अलावा तारिगामी के साथ उनकी पत्नी या परिवार का एक सदस्य जा सकता है.

पीठ ने माकपा महासचिव सीताराम येचुरी की याचिका पर केंद्र और जम्मू कश्मीर प्रशासन को नोटिस भी जारी किए. साथ ही पीठ ने इस याचिका पर एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है.

इस मामले में अब 16 सितंबर को आगे सुनवाई होगी.

येचुरी ने पीठ से कहा कि माकपा के पूर्व विधायक को बेहतर इलाज के लिए एम्स में स्थानांतरित किए जाने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘हम बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में पूर्व विधायक की नजरबंदी को चुनौती देने के अपने अधिकार को सुरक्षित रखना चाहते हैं.’

शीर्ष अदालत ने इससे पहले येचुरी को अपने अस्वस्थ सहयोगी तारिगामी से मिलने के लिए जम्मू कश्मीर जाने की अनुमति देते हुए उन्हें पूर्व विधायक के स्वास्थ के बारे में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था.

येचुरी ने हलफनामे में तारिगामी की सेहत का जिक्र करने के साथ ही अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधान खत्म करने के बाद जम्मू कश्मीर में उठ रहे कई दूसरे मुद्दों का भी जिक्र किया है.

न्यायालय ने कहा कि केंद्र और जम्मू कश्मीर प्रशासन का जवाब मिलने के बाद इन सभी मुद्दों पर 16 सितंबर को विचार किया जाएगा.

इससे पहले न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि येचुरी को सिर्फ अपने बीमार पार्टी सहयोगी से मुलाकात के लिए जम्मू कश्मीर जाने की इजाजत दी जा रही है.

न्यायालय ने येचुरी से यह भी कहा था कि नई दिल्ली लौटने के बाद वह तारिगामी से मिलने के संबंध में शपथ पत्र के साथ रिपोर्ट प्रस्तुत करें.

न्यायालय के आदेश के अनुसार बीते दो सितंबर को येचुरी ने इस संबंध में रिपोर्ट दाखिल कर दी है.

इस बीच तारिगामी को बेहतर इलाज के लिए एम्स में स्थानांतरित करने के लिए दायर अर्जी की ओर न्यायालय का ध्यान आकर्षित किया गया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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