वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ऑटो सेक्टर में मंदी के लिए ओला, उबर भी जिम्मेदार

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर बीएस6 और लोगों की सोच में आए बदलाव का असर पड़ रहा है, लोग अब गाड़ी खरीदने की बजाय ओला या उबर जैसी कैब सर्विस को तरजीह दे रहे हैं.

New Delhi: Finance Minister Nirmala Sitharaman addresses a press conference after presenting the Union Budget 2019-20, in New Delhi, Friday, July 5, 2019. (PTI Photo/Manvender Vashist) (PTI7_5_2019_000138B)
New Delhi: Finance Minister Nirmala Sitharaman addresses a press conference after presenting the Union Budget 2019-20, in New Delhi, Friday, July 5, 2019. (PTI Photo/Manvender Vashist) (PTI7_5_2019_000138B)

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर बीएस6 और लोगों की सोच में आए बदलाव का असर पड़ रहा है, लोग अब गाड़ी खरीदने की बजाय ओला या उबर जैसी कैब सर्विस को तरजीह दे रहे हैं.

New Delhi: Finance Minister Nirmala Sitharaman addresses a press conference after presenting the Union Budget 2019-20, in New Delhi, Friday, July 5, 2019. (PTI Photo/Manvender Vashist) (PTI7_5_2019_000138B)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फोटोः पीटीआई)

नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वाहन क्षेत्र में मंदी के कारणों में ओला और उबर जैसी कैब सर्विस को जिम्मेदार ठहराया है.

सीतारमण ने कहा, ‘ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर बीएस6 और लोगों की सोच में आए बदलाव का असर पड़ रहा है, लोग अब गाड़ी खरीदने की बजाय ओला या उबर जैसी कैब सर्विस को तरजीह दे रहे हैं.’

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर मंगलवार को सीतारमण ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि दो साल पहले तक वाहन उद्योग के लिए अच्छा समय था. निश्चित रूप से उस समय वाहन क्षेत्र के उच्च वृद्धि का दौर था.

सीतारमण ने कहा कि ऑटोमोबाइल क्षेत्र कई चीजों से प्रभावित है जिसमें भारत चरण-6 मानक, पंजीकरण संबंधित बातें और लोगों की सोच में बदलाव शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि कुछ अध्ययन बताते हैं कि गाड़ियों को लेकर युवाओं की सोच बदली है. वे स्वयं का वाहन खरीदकर मासिक किस्त देने के बजाए ओला, उबर या मेट्रो सेवाओं को पसंद कर रहे हैं.

सीतारमण ने कहा, ‘इसलिए कोई एक कारण नहीं है जो वाहन क्षेत्र को प्रभावित कर रहे हैं. हमारी उस पर नजर है. हम उसके समाधान का प्रयास करेंगे.’

भारत में चरण-6 उत्सर्जन मानक एक अप्रैल 2020 से प्रभाव में आएगा. फिलहाल वाहन कंपनियां भारत चरण-4 मानकों का पालन कर रही हैं.

मालूम हो कि देश में ऑटोमोबाइल सेक्टर मंदी की मार झेल रहा है. कई कंपनियां कुछ दिनों के लिए प्रॉडक्शन पर रोक लगा चुकी हैं और इस क्षेत्र से जुड़े लोगों की नौकरियां भी खतरे में हैं.

ऐसे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऑटो सेक्टर की गिरावट के लिए लोगों के माइंडसेट में बदलाव और बीएस-6 मॉडल को जिम्मेदार ठहराया है.

गौरतलब है कि भारतीय वाहन निर्माता कंपनियों के संगठन (सियाम) ने सोमवार को अगस्त महीने के बिक्री आँकड़े जारी किए . देश में लगातार दसवें महीने अगस्त में यात्री वाहनों की बिक्री कम हुई है.

इसके अनुसार, बिक्री में 1997-98 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. अगस्त माह के दौरान वाहनों की कुल बिक्री पिछले साल के इसी माह की 23,82,436 की तुलना में 23.55 फीसदी घटकर 18,21,490 वाहन रह गई.

घरेलू बाजार में यात्री वाहनों की बिक्री तो 31.57 फीसदी घटकर दो लाख से भी कम 1,96,524 वाहन रह गई.देश की अग्रणी यात्री कार कंपनी मारुति सुजुकी की बिक्री अगस्त में 36.14 फीसदी कम रही.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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