ख़राब सड़कों से नहीं, अच्छी सड़कों से होती हैं ज़्यादातर दुर्घटनाएं: कर्नाटक के डिप्टी सीएम

कर्नाटक के तीन उप-मुख्यमंत्रियों में से एक गोविंद करजोल ने कहा कि अच्छी सड़कें होने के कारण बड़ी दुर्घटनाएं होती हैं, जहां लोग 120 से 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ी चलाते हैं.

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कर्नाटक उपमुख्यमंत्री गोविंद करजोल (फोटो: पीटीआई)

कर्नाटक के तीन उप-मुख्यमंत्रियों में से एक गोविंद करजोल ने कहा कि अच्छी सड़कें होने के कारण बड़ी दुर्घटनाएं होती हैं, जहां लोग 120 से 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ी चलाते हैं.

कर्नाटक उपमुख्यमंत्री गोविंद करजोल (फोटो: पीटीआई)
कर्नाटक उपमुख्यमंत्री गोविंद करजोल (फोटो: पीटीआई)

बेंगलुरु: कर्नाटक में बढ़ रहे सड़क हादसों पर भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री गोविंद करजोल अजीबोगरीब बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि दुर्घटनाएं खराब सड़कों की वजह से नहीं होती बल्कि अच्छी सड़कों की वजह से हो रही हैं.

एनडीटीवी खबर के मुताबिक गोविंद करजोल पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, ‘हर साल राज्य में लगभग दस हजार दुर्घटनाएं रिपोर्ट की जाती हैं. मीडिया इनका दोष खराब सड़कों पर मढ़ता है लेकिन मेरा मानना है कि ऐसा अच्छी सड़कों की वजह से होता है.’

गोविंद करजोल से केंद्र सरकार के संशोधित मोटर वाहन एक्ट में तय किए गए जुर्मानों की रकम को कम करने के राज्य सरकार के फैसले पर सवाल किया गया था.

करजोल ने कहा, ‘अच्छी सड़कें होने के कारण बड़ी दुर्घटनाएं होती हैं, जहां लोग 120 से 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ी चलाते हैं. ज़्यादातर दुर्घटनाएं हाईवे पर होती हैं… मैं ज़्यादा जुर्माना लगाने का समर्थन नहीं करता… कैबिनेट बैठक के दौरान हम जुर्मानों को संशोधित करने के बारे में फैसला करेंगे…’

बता दें कि कर्नाटक की बी.एस. येदियुरप्पा सरकार में पिछले माह गोविंद करजोल के अलावा डॉ. अश्वत नारायण तथा लक्ष्मण सावदी को उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया गया था. उपमुख्यमंत्री होने के अतिरिक्त गोविंद करजोल लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) तथा समाज कल्याण मंत्री भी हैं.

गौरतलब है कि मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक 2019 जुलाई में संसद द्वारा पारित किया गया था और इसके तहत बढ़ी हुई जुर्माना राशि एक सितंबर से लागू हो गयी. हालांकि कुछ राज्यों ने यह कहते हुए इसे टाल दिया कि लोगों को बढ़ाये गए जुर्माने की राशि से परिचित होने के लिए समय की जरूरत है.

कई राज्य इस अधिनियम में हुए संशोधन के विरोध में हैं, इनमें पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तमिलनाडु शामिल हैं. इन राज्यों ने अभी नए नियम लागू नहीं किए हैं. उनका कहना है कि जुर्माने की राशि बहुत ज्यादा है, इसलिए वे कानूनी राय ले रहे हैं.

मंगलवार को गुजरात ने इस जुर्माने को कम कर दिया था और कई राज्य जुर्माने की राशि में बदलाव करने की बात कह चुके हैं. हालांकि केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर लगाये गये भारी-भरकम जुर्माने का लक्ष्य सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना है.

गौरतलब है कि मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक 2019 में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के मकसद से काफी कठोर प्रावधान रखे गए हैं. किशोर नाबालिगों द्वारा वाहन चलाना, बिना लाइसेंस, खतरनाक ढंग से वाहन चलाना, शराब पीकर गाड़ी चलाना, निर्धारित सीमा से तेज गाड़ी चलाना और निर्धारित मानकों से अधिक लोगों को बैठाकर अथवा अधिक माल लादकर गाड़ी चलाने जैसे नियमों के उल्लंघन पर कड़े जुर्माने का प्रावधान किया गया है.

इसमें एंबुलेंस जैसे आपातकालीन वाहनों को रास्ता नहीं देने पर भी जुर्माने का प्रस्ताव किया गया है. नये कानून के तहत बिना हेलमेट के दुपहिया वाहन चलाने पर 1,000 रुपये का जुर्माना, बिना लाइसेंस  वाहन चलाने पर 5,000 रुपये दंड राशि, शराब पीकर गाड़ी चलाने पर दो हजार की बजाय 10 हजार रुपये का जुर्माने का प्रावधान है.

इसके अलावा नाबालिग के वाहन चलाते समय हादसा होने पर अभिभावक पर 25 हजार रुपये का जुर्माना और 3 साल की सजा का प्रावधान किया गया है. ऐसे मामलों में जुवेनाइल एक्ट के तहत केस चलेगा.

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