कॉलेजियम ने बदला फैसला, जस्टिस कुरैशी को त्रिपुरा हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश

इससे पहले इस साल मई महीने में कोलेजियम ने जस्टिस कुरैशी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाए जाने की सिफारिश की थी.

इससे पहले इस साल मई महीने में कॉलेजियम ने जस्टिस कुरैशी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाए जाने की सिफारिश की थी.

Justice AA Kureshi Photo Live Law
जस्टिस अकील कुरैशी. (फोटो साभार: लाइव लॉ)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने अपने फैसले में संशोधन करते हुए जस्टिस अकील ए. कुरैशी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की जगह त्रिपुरा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की है.

जस्टिस कुरैशी ने ही सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में भूमिका के कारण वर्तमान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था. कॉलेजियम ने केंद्र को अब जस्टिस कुरैशी को त्रिपुरा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने को कहा है.

जस्टिस कुरैशी वर्तमान में बॉम्बे हाईकोर्ट के जज हैं और पहले कॉलेजियम ने इस साल मई महीने में उन्हें मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाए जाने की सिफारिश की थी.

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सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश.

बीते पांच सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम द्वारा पारित किए गए फैसले में लिखा है कि केंद्र सरकार ने जस्टिस कुरैशी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में नियुक्त करने की सिफारिश को दो बार वापस भेज दिया था. केंद्र द्वारा 23 अगस्त और 27 अगस्त को इस संबंध में कॉलेजियम को कुल दो पत्राचार भेजे गए.

केंद्र के पत्रों और उसके साथ भेजी गईं चीजों को ध्यान में रखते हुए कॉलेजियम ने अपने निर्णय को संशोधित करने का फैसला किया और जस्टिस एए कुरैशी को त्रिपुरा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद पर नियुक्त करने की सिफारिश की.

इसी साल 10 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस कुरैशी मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की थी. केंद्र ने सिर्फ इसी सिफारिश को छोड़कर कॉलेजियम द्वारा कई अन्य सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था.

जस्टिस कुरैशी की नियुक्ति में देरी की वजह से गुजरात हाईकोर्ट अधिवक्ता संघ (जीएचसीएए) की जनहित याचिका दायर की और केंद्र के रवैये पर निराशा जताते हुए इस संबंध में जल्द कार्रवाई करने का अनुरोध किया.

जब बीते 16 सितंबर को ये मामला सुनवाई के लिए आया तो सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फैसला ले लिया गया है और जल्द ही इसे सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा.