ब्रिटिश सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री के संसद को निलंबित करने के फ़ैसले को ग़ैरक़ानूनी बताया

11 जजों द्वारा सर्वसम्मति से लिए गए फ़ैसले पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि वह इससे असहमत हैं लेकिन इसका सम्मान करेंगे.

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11 जजों द्वारा सर्वसम्मति से लिए गए फ़ैसले पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि वह इससे असहमत हैं लेकिन इसका सम्मान करेंगे.

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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन. (फोटो: रॉयटर्स)

लंदन: प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को बड़ा झटका देते हुए ब्रिटेन की शीर्ष अदालत ने बीते मंगलवार को एक ऐतिहासिक फैसला दिया कि ब्रेक्जिट से पहले संसद को निलंबित करने का उनका फैसला ‘गैरकानूनी’ था. 11 जजों द्वारा सर्वसम्मति से लिए गए फैसले पर जॉनसन ने कहा कि वह फैसले से असहमत हैं लेकिन इसका सम्मान करेंगे.

55 वर्षीय जॉनसन ने इस महीने की शुरूआत में संसद को पांच सप्ताह के लिए निलंबित या सत्रावसान कर दिया था. उनका कहना था कि उनकी नई सरकार की नीतियों को रेखांकित करने के लिहाज से महारानी के भाषण के लिए ऐसा किया गया.

हालांकि विपक्षी सांसदों और जॉनसन की ही कंजर्वेटिव पार्टी के कई सदस्यों ने उन पर 31 अक्टूबर को ब्रेक्जिट की समयसीमा से पहले अस्थिरता के इस दौर में संसदीय पड़ताल से बचने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.

भारतीय मूल की ब्रेक्जिट विरोधी कार्यकर्ता गीना मिलर ने जॉनसन के फैसले को ब्रिटेन की हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. बाद में हाईकोर्ट ने इसे शीर्ष अदालत को भेज दिया था.
शीर्ष अदालत की अध्यक्ष लेडी ब्रेंडा हेल ने कहा, ‘महारानी को संसद सत्र को निलंबित करने की सलाह देने का उनका फैसला गैरकानूनी था.’  उन्होंने कहा, ‘इससे हमारे लोकतंत्र की बुनियादों पर इससे गहरा असर पड़ा.’

उन्होंने कहा कि 11 जजों द्वारा सर्वसम्मति से दिए गए फैसले का अर्थ है कि संसद को निलंबित नहीं किया जाएगा. इसका मतलब जॉनसन का फैसला निष्प्रभावी हो गया है. जजों ने कहा कि अब हाउस ऑफ कॉमन्स और हाउस ऑफ लॉर्ड्स के स्पीकर अगले कदम के बारे में निर्णय लेंगे.

यह फैसला जॉनसन के लिए बड़ा झटका है जो फिलहाल संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लेने के लिए अमेरिका में हैं. उन्होंने कहा था कि अदालतों को ऐसे राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.

जॉनसन ने इस व्यवस्था पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह सही फैसला है. सदियों से संसद को स्थगित करने के विशेषाधिकार का इस्तेमाल इस तरह की चुनौती के बिना किया जाता रहा है.’

उन्होंने न्यूयॉर्क में कहा कि उनकी सरकार अदालत के फैसले का सम्मान करेगी.

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