इस मामले में पहले ही बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस और एचडीआईएल समूह के प्रमोटर राकेश तथा सारंग वाधवा को गिरफ्तार कर लिया गया है.
मुंबई: पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के पूर्व चेयरमैन वरयम सिंह को बैंक से जुड़े 4,355 करोड़ रुपये के कथित घोटाले के संबंध में बीते शनिवार को मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया. इस मामले में यह चौथी गिरफ्तारी है.
आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने इस मामले में पहले ही बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस और एचडीआईएल समूह के प्रमोटर राकेश तथा सारंग वाधवा को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि यहां माहिम चर्च इलाके की ईओडब्ल्यू के विशेष जांच दल के अधिकारियों ने वरयम सिंह (68) को हिरासत में लिया.
पुलिस इससे पहले उपनगर अंधेरी वेस्ट में उनके घर में गई लेकिन वे वहां नहीं मिले. अधिकारी ने बताया कि सिंह को ईओडब्ल्यू कार्यालय लाया गया और कथित घोटाले के बारे में उनसे पूछताछ की गई.
सिंह द्वारा ईओडब्ल्यू को आत्मसमर्पण करने को लेकर लिखा गया एक कथित पत्र सोशल मीडिया पर शाम को वायरल हुआ, लेकिन पुलिस ने आत्मसमर्पण करने की बात से इनकार किया.
ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, एचडीआईएल समूह के प्रोमोटरों ने मुंबई में बैंक की भांडुप शाखा से कर्ज लेने के लिए उसके प्रबंधन से मिलीभगत की. कर्ज का भुगतान न किए जाने पर बैंक के अधिकारियों ने कथित तौर पर इन ऋणों का खुलासा नहीं किया और भारतीय रिजर्व बैंक से इसकी जानकारी छिपाई.
वहीं पीएमसी बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) जॉय थॉमस को मुंबई की अदालत ने बीते शनिवार को 17 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में रखे जाने की अनुमति दी.
थॉमस को बैंक में 4,355 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोप में मुंबई पुलिस ने बीते शुक्रवार को गिरफ्तार किया था. मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने थॉमस को हिरासत की अर्जी के साथ अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट एसजी शेख के समक्ष पेश किया था.
थॉमस के वकील राकेश सिंह ने पुलिस की अर्जी के खिलाफ दलील दी कि वह (थॉमस) बैंक के सिर्फ कर्मचारी थे, न कि फैसला लेने वाले. उन्होंने कहा कि बैक के वसूली में फंसे कर्ज के लिए उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है.
पुलिस की ओर से अदालत से कहा गया कि थॉमस को पूछताछ के लिए हिरासत में रखने की जरूरत है क्योंकि वह साजिश में शामिल थे.
पुलिस ने कहा कि बैंक ने रीयल एस्टेट का कारोबार करने वाले कंपनी समूह एचडीआईएल की इकाइयों को गैरकानूनी तरीके से विभिन्न ऋण सुविधाएं दी. इनमें से अधिकांश मामलों में थॉमस खुद शामिल थे या उन्होंने दूसरों से करवाया.
पुलिस ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर (एचडीआईएल) को दिए गए धन का उपयोग निर्धारित उद्देश्यों के लिए नहीं हुआ है. पुलिस ने कहा कि थॉमस से जान-बूझकर करीब तीन साल तक इसे दबाए रखा और खुलासा नहीं किया.
आर्थिक अपराध शाखा ने कहा कि पीएमसी बैंक ने एचडीआईएल और उसके समूह की कंपनियों के मोटी रकम के बकाया 44 ऋण खातों को 21,049 फर्जी खातों से बदल दिया था. पुलिस ने बताया कि बैंक के निदेशक मंडल और थॉमस समेत शीर्ष अधिकारियों को इस कृत्य की पूरी जानकारी थी.
मालूम हो कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए मुंबई और आस-पास के छह ठिकानों पर शुक्रवार को छापेमारी की थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)